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यूपी रोडवेज में रिटायरमेंट के बदले नियम, अब ये मानक पूरा करके 62 साल तक दे सकेंगे सेवाएं

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उत्तर प्रदेश रोडवेज में ड्राइवरों के लिए रिटायरमेंट के नियमों में बदलाव किया गया है। अब ड्राइवर 62 साल की उम्र तक अपनी सेवाएं दे सकेंगे। हालांकि, उनकी आधिकारिक सेवानिवृत्ति 60 साल की उम्र में ही होगी, लेकिन इसके बाद भी उन्हें छह-छह महीने के अनुबंध के आधार पर 62 साल तक सेवाएं देने का मौका मिलेगा। इस नए प्रावधान को लेकर अपर प्रबंध निदेशक राम सिंह वर्मा द्वारा आदेश जारी किए गए हैं।

रिटायर हुए ड्राइवरों को दोबारा मिलेगा मौका 

दरअसल, वर्तमान में चालकों की कमी के चलते रोजाना कई बसें डिपो में खड़ी रह जाती हैं, जिससे रोडवेज को राजस्व का नुकसान होता है और यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ता है। चालकों की भर्ती आउटसोर्सिंग के जरिए की जा रही है, लेकिन कम वेतन के कारण आवेदकों की संख्या बेहद कम है। इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए यह नया कदम उठाया गया है। इस फैसले से नियमित और संविदा पर रिटायर हुए ड्राइवरों को दोबारा नौकरी का अवसर मिल सकेगा।

नौकरी के लिए पूरे करने होंगे ये मानक-

  • 60 साल की उम्र पूरी होने पर मेडिकल टेस्ट में पास होना अनिवार्य होगा।
  • 62 साल की उम्र तक प्रत्येक छह महीने पर फिटनेस टेस्ट पास करना होगा।
  • चालक ने अपने सेवाकाल के पिछले तीन सालों में मासिक औसतन 2500 किलोमीटर बस चलाई हो।
  • पिछले तीन सालों में किसी भी बड़ी दुर्घटना में चालक की संलिप्तता न हो।
  • ड्यूटी के दौरान चालक को 250 किलोमीटर की सीमा में ही बस चलाने की अनुमति होगी; लंबे रूट पर नहीं भेजा जाएगा।
  • इस नई योजना के तहत केवल रोडवेज से नियमित या संविदा पर रिटायर हुए ड्राइवरों को ही मौका मिलेगा।

मानकों को पूरा करना है जरूरी-

इस प्रकार, नए नियमों के तहत रोडवेज ड्राइवरों को 62 साल की उम्र तक सेवाएं देने का अवसर मिल सकेगा, बशर्ते वे इन मानकों को पूरा करते हों।

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