प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानी शुक्रवार को कुंभ नगरी प्रयागराज का दौरा किया और महाकुंभ 2025 की तैयारियों का जायजा लिया। संगम तट पर विशेष पूजा-अर्चना के साथ उन्होंने इस आयोजन को ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर के रूप में प्रस्तुत किया। प्रधानमंत्री ने महाकुंभ के महत्व को वैश्विक स्तर पर स्थापित करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।
अमृत कलश की स्थापना-
महाकुंभ 2025 के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने संगमनगरी में ‘अमृत कलश’ की स्थापना की। अष्टधातु से निर्मित यह कलश पौराणिक कथाओं में वर्णित अमृत कुंभ का प्रतीक है। अमृत कलश भारतीय धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों का संदेशवाहक होगा, जो श्रद्धालुओं को उनके गौरवशाली अतीत से जोड़ने का माध्यम बनेगा। यह पहल न केवल आध्यात्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि भारत की प्राचीन सांस्कृतिक विरासत को सहेजने का भी प्रयास है।
महाकुंभ के लिए 5500 करोड़ रुपये की सौगात
प्रधानमंत्री मोदी ने प्रयागराज को महाकुंभ के लिए 5500 करोड़ रुपये की योजनाओं का उपहार दिया। इसके अंतर्गत 167 परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया, जो स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यटन और बुनियादी ढांचे के क्षेत्रों में व्यापक बदलाव लाएंगी।
चार प्रमुख कॉरिडोर का तोहफा:
- भारद्वाज आश्रम कॉरिडोर: आध्यात्मिक अनुभव को सशक्त बनाएगा।
- श्रृंगवेरपुर धाम कॉरिडोर: पौराणिक महत्व को बढ़ाएगा।
- अक्षयवट कॉरिडोर: संगम के ऐतिहासिक महत्व को उजागर करेगा।
- हनुमान मंदिर कॉरिडोर: धार्मिक यात्रियों के लिए सुविधाजनक होगा।
ये परियोजनाएं न केवल श्रद्धालुओं के अनुभव को बेहतर बनाएंगी, बल्कि प्रयागराज को एक सांस्कृतिक पर्यटन हब के रूप में भी स्थापित करेंगी।
महाकुंभ का वैश्विक निमंत्रण-
प्रधानमंत्री मोदी ने महाकुंभ को विश्व मंच पर पेश करते हुए इसे धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन के रूप में प्रचारित किया। उन्होंने दुनिया भर के लोगों को इस आयोजन का हिस्सा बनने का निमंत्रण दिया। संगम में स्नान, पूजा-अर्चना, और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से महाकुंभ भारतीय संस्कृति और परंपराओं का वैश्विक प्रदर्शन करेगा।
नव निर्माण और सांस्कृतिक पुनर्निर्माण-
प्रधानमंत्री के नेतृत्व में प्रयागराज में विकास परियोजनाओं की शुरुआत ने शहर को एक नई पहचान दी है। इन परियोजनाओं से न केवल धार्मिक स्थल पुनर्जीवित होंगे, बल्कि आधुनिक सुविधाओं के माध्यम से श्रद्धालुओं को भव्य और सुव्यवस्थित अनुभव मिलेगा।
महाकुंभ 2025 की मुख्य विशेषताएं:
- आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर: बेहतर परिवहन और सुविधाओं के साथ।
- स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण: संगम क्षेत्र में विशेष ध्यान।
- स्मार्ट सिटी विकास योजना: प्रयागराज को वैश्विक पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करना।
पहली बार कुंभ में होगा AI-चैटबोट का प्रयोग
पीएम ने कहा, "आज मैंने कुंभ सहायक चैटबोट को लांच किया है। पहली बार कुंभ आयोजन में AI और चैटबोट का प्रयोग होगा। AI-चैटबोट 11 भारतीय भाषाओं में संवाद करने में सक्षम है। मेरा सुझाव है कि डाटा और टेक्नोलॉजी के इस संगम से ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ा जाए। महाकुंभ से जुड़ी फोटोग्राफी कंप्टीशन का आयोजन किया जा सकता है।"
भारत की सांस्कृतिक धरोहर को सशक्त करने की दिशा में एक कदम-
प्रधानमंत्री मोदी के प्रयागराज दौरे और उनकी योजनाओं ने महाकुंभ को एक वैश्विक आयोजन के रूप में स्थापित करने की नींव रखी है। यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था को मजबूती देगा, बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपराओं का विश्वव्यापी संदेश भी प्रेषित करेगा। महाकुंभ 2025 की यह भव्य तैयारियां भारत के सांस्कृतिक और धार्मिक योगदान को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम हैं।