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एक बाबा, एक सत्संग, एक भगदड़ और फिर सैकड़ों मौतें, ये है हाथरस की दर्दनाक कहानी !

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चारों तरफ चीख-पुकार, लगातार लाशों का अंबार, परिजनों की गमगीन आखें ये मंजर था उत्तर प्रदेश के हाथरस जिसे फुलरई गांव का जहां भोले बाबा के सत्संग के बाद हुई भगदड़ में सैकड़ों लोगों की जान चली गई। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि इन सैकड़ों लोगों की मौतों का जिम्मेदार कौन है? क्या ये प्रशासन से हुई चूक है या जिसने ये आयोजन कराया वो है इन लाशों के पीछे का गुनहगार।

सीएम योगी ने घायलों से की मुलाकात-

आज यानी बुधवार सुबह साढ़े 11 बजे सीएम योगी भी हाथरस पहुंच गए हैं। उन्होंने जिला अस्पताल में घायलों से मुलाकात की है। यूपी 4 जिलों हाथरस, अलीगढ़, एटा और आगरा में रातभर शवों का पोस्टमॉर्टम हुआ। परिजन अपनों की लाश को लेकर इधर-उधर भटकते रहे। प्रशासन ने अब तक 121 मौत की पुष्टि की है।

इस तरह हुआ फुलरई गांव में हादसा-

प्रशासन के अनुसार हादसा मंगलवार दोपहर 1 बजे फुलरई गांव में हुआ, जहां सत्संग में भोले बाबा के चरणों की धूल लेने की वजह से बाबा के सेवादारों ने लोगों से धक्का-मुक्की की। इसके बाद भीड़ बेकाबू हो गई और लोग एक-दूसरे को रौंदते हुए आगे बढ़ने लगे।

एफआईआर में नही है भोले बाबा का नाम-

मंगलवार देर रात हादसे में 22 लोगों के खिलाफ सिकंदराराऊ थाने के दरोगा ने FIR दर्ज कराई। इसमें मुख्य आयोजक देव प्रकाश मधुकर का नाम भी है और बाकी सब अज्ञात हैं। हैरानी की बात यह है कि इसमें मुख्य आरोपी भोले बाबा उर्फ हरि नारायण साकार का नाम ही नहीं है। हादसे के बाद से बाबा अंडरग्राउंड हो गया और फिर पुलिस रातभर उसकी तलाश में छापेमारी करती रही। मैनपुरी में बाबा के आश्रम में पहुंची, लेकिन वह नहीं मिला। मैनपुरी में आश्रम के बाहर पुलिस तैनात है।प्रयागराज के वकील गौरव द्विवेदी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में ‌PIL दायर करके हादसे की CBI जांच की मांग की है।

सत्संग में पहुंचे ढाई लाख लोग 

प्राथमिकी के अनुसार प्रशासन ने सत्संग के लिए 80 हजार लोगों की अनुमति दी थी, लेकिन वहां ढाई लाख लोग पहुंचे थे। भगदड़ हुई तो सेवादार गेट पर खड़े हो गए। उन्होंने लोगों को रोक दिया। इसके बाद भीड़ खेतों में तरफ भीड़ मुड़ गई और नीचे बैठे और झुके श्रद्धालुओं को कुचलती हुई निकल गई।

 

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