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मिलावटखोरों के खिलाफ सीएम योगी का एक्शन, अब खाद्य उत्पादों में बैक्टीरिया-फंगस की भी होगी जांच

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उत्तर प्रदेश सरकार ने खाद्य पदार्थों में मिलावट के साथ-साथ रोग फैलाने वाले बैक्टीरिया और फंगस की जांच के लिए भी सख्त कदम उठाए हैं। अब फूड प्वाइजनिंग की असली वजह जानने के लिए केमिकल के साथ माइक्रोबायोलॉजी जांच भी की जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर यह पहल शुरू हो रही है, जिससे खराब खाद्य पदार्थों के सेवन से होने वाली बीमारियों का सही समय पर इलाज और रोकथाम संभव हो सकेगी।

माइक्रोबायोलॉजी जांच का विस्तार-

अभी तक राज्य की खाद्य प्रयोगशालाओं में सिर्फ केमिकल जांच होती थी, जिससे केवल मिलावट का ही पता चलता था। अब माइक्रोबायोलॉजी जांच शुरू की जा रही है, जिसमें बैक्टीरिया, फंगस और वायरस जैसे सूक्ष्म जीवों की जांच होगी। यह जांच अगले महीने से लखनऊ और मेरठ की प्रयोगशालाओं में शुरू होगी, और भविष्य में वाराणसी में भी इसका विस्तार किया जाएगा। प्रारंभिक चरण में डिब्बाबंद शिशु आहार, जंक फूड, और बोतलबंद पानी की जांच की जाएगी।

मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई-

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खाद्य मिलावट के खिलाफ सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। हाल ही में बिजनौर में कुट्टू का आटा खाने से कई लोग बीमार हो गए थे, जिसके बाद यह निर्णय लिया गया। माइक्रोबायोलॉजी जांच से यह भी पता चलेगा कि किन सूक्ष्म जीवों के कारण संक्रमण हुआ। इससे सिर्फ मिलावट ही नहीं, बल्कि बीमारी फैलाने वाले कारणों का भी सही तरीके से पता लगाया जा सकेगा।

खाद्य निरीक्षकों को दिया जाएगा विशेष प्रशिक्षण-

माइक्रोबायोलॉजी जांच के लिए खाद्य निरीक्षकों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वे सही तरीके से सैंपल ले सकें। अब तक खाद्य निरीक्षक सिर्फ केमिकल जांच के लिए सैंपल लेते थे, लेकिन नई जांच प्रक्रिया में उन्हें सूक्ष्म जीवों की जांच के लिए भी सावधानी बरतनी होगी। खासकर डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों और जंक फूड की शिकायतें लगातार आ रही हैं, इसलिए इनकी जांच अत्यधिक आवश्यक हो गई है।

खराब खाद्य पदार्थ बेचने वालों पर लगेगी लगाम-

बैक्टीरिया और फंगस के कारण होने वाले संक्रमण की पहचान से तुरंत उपचार किया जा सकेगा और खराब खाद्य पदार्थ बेचने वालों पर शिकंजा कसा जा सकेगा। यह प्रक्रिया खाद्य सुरक्षा मानकों के उल्लंघन करने वालों के खिलाफ मजबूत कदम साबित होगी।

प्रतिष्ठानों की गुणवत्ता पर कड़ी निगरानी-

खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए एफएसएसएआई (भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण) ने अब प्रतिष्ठानों का फूड सेफ्टी ऑडिट करने के लिए थर्ड पार्टी व्यवस्था शुरू की है। यह थर्ड पार्टी दुकानों और रेस्तरां में स्वच्छता और गुणवत्ता का ऑडिट करेगी। यदि ऑडिट में गड़बड़ी पाई जाती है, तो दुकानों की रेटिंग नए सिरे से तय की जाएगी और उचित कार्रवाई की जाएगी। इससे खाद्य सुरक्षा के उच्च मानकों का पालन सुनिश्चित हो सकेगा।

नए कदम से खाद्य सुरक्षा को मिलेगा बढ़ावा-

इस नई व्यवस्था के जरिए राज्य में खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता को एक नया आयाम मिलेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस पहल से न केवल मिलावटखोरों पर सख्त कार्रवाई होगी, बल्कि आम जनता की सेहत भी बेहतर होगी।

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