बड़ी खबरें

पीएम मोदी का महाराष्ट्र में आज चुनाव प्रचार का दूसरा दिन, अकोला और नांदेड़ में पीएम के साथ शिंदे-फडणवीस भी होंगे शामिल, 20 नवंबर को होगी वोटिंग एक दिन पहले कानपुर के सीसामऊ में आज सीएम योगी की जनसभा, 90 मिनट तक शहर में रहेंगे मुख्यमंत्री, वोटर्स के साथ भी करेंगे बैठक एक दिन पहले 22 जिला जज समेत 24 न्यायिक अधिकारियों के ट्रांसफर, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जारी की लिस्ट एक दिन पहले गोमती पुस्तक महोत्सव का सीएम योगी ने किया उद्घाटन, लखनऊ में 9 नवंबर से 17 नवंबर तक रहेगा पुस्तक मेला, टिकट फ्री होगा बुक फेयर एक दिन पहले गोमती पुस्तक महोत्सव का सीएम योगी ने किया उद्घाटन, लखनऊ में 9 नवंबर से 17 नवंबर तक रहेगा पुस्तक मेला, टिकट फ्री होगा बुक फेयर एक दिन पहले गुस्से में 16 लाख PCS और RO–ARO कैंडिडेट्स:बोले- एक दिन में हो परीक्षा, वरना कोर्ट में फंसेगी भर्ती, 34 जिलों में नहीं बनाए गए केंद्र एक दिन पहले AI से डिजाइन होंगे पॉलिटेक्निक सेमेस्टर एग्जाम के पेपर, AKTU की तर्ज पर प्राविधिक शिक्षा परिषद करेगा पहल, ऑब्जेक्टिव टाइप भी होंगे सवाल एक दिन पहले लखनऊ में 26 हजार प्रॉपर्टी होगी कुर्क, 50 हजार से अधिक के सभी बकाएदारों पर होगी कार्रवाई,सबसे बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में है लखनऊ नगर निगम एक दिन पहले लखनऊ में पहली बार दौड़ेगी इलेक्ट्रिक डबल डेकर बस, कमता से एयरपोर्ट तक तय करेगी दूरी, 12 रुपए से शुरू होगा किराया एक दिन पहले भारत ने 61 रन से जीता पहला टी-20, साउथ अफ्रीका के खिलाफ सैमसन की सेंचुरी, चक्रवर्ती और बिश्नोई को मिले 3-3 विकेट एक दिन पहले सीएम योगी ने डबल डेकर इलेक्ट्रिक बस को दिखाई हरी झंडी, महिलाओं के लिए विशेष सुविधा का किया एलान एक दिन पहले पाकिस्तान में क्वेटा स्टेशन पर ब्लास्ट:24 लोगों की मौत, 50 से ज्यादा घायल, मिलिटेंट ग्रुप BLA ने ली जिम्मेदारी एक दिन पहले

यूपी में मिशन कर्मयोगी की बड़ी पहल, 94 हजार से अधिक सरकारी अधिकारी-कर्मचारी हुए ऑनबोर्ड

Blog Image

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर शुरू किए गए 'मिशन कर्मयोगी' के अंतर्गत उत्तर प्रदेश भी तेजी से अपने सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों की क्षमता निर्माण और कौशल विकास की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। इस मिशन के तहत प्रदेश के 94 हजार से अधिक सरकारी अधिकारी और कर्मचारी 'इंटीग्रेटेड गवर्नमेंट ऑनलाइन ट्रेनिंग' (आईजीओटी) पोर्टल पर रजिस्टर्ड हो चुके हैं। साथ ही 45 हजार से अधिक ने कोर्स के लिए नामांकन कराया है, जिनमें से 29 हजार से ज्यादा ने अपने पाठ्यक्रम को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है।

मिशन कर्मयोगी की शुरुआत-

2 सितंबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘मिशन कर्मयोगी’ को मंजूरी दी थी। इसका उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों की कार्यकुशलता, पारदर्शिता, और जवाबदेही को बढ़ावा देना है, ताकि वे देश के समक्ष आने वाली सामाजिक और आर्थिक चुनौतियों का प्रभावी ढंग से समाधान कर सकें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में इस मिशन को उत्तर प्रदेश में व्यापक रूप से लागू किया जा रहा है।

उपाम की भूमिका और प्रमुख कार्य-

उत्तर प्रदेश में इस मिशन को प्रभावी ढंग से लागू करने की जिम्मेदारी ‘उत्तर प्रदेश एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन एंड मैनेजमेंट’ (उपाम) को सौंपी गई है। उपाम के डीजी वेंकटेश्वर लू और अपर निदेशक सुनील कुमार चौधरी ने हाल ही में मुख्य सचिव के समक्ष एक प्रस्तुतिकरण दिया। इसमें उन्होंने बताया कि प्रदेश के 43 विभागों में नोडल अधिकारियों को नामित किया गया है।

अभियान से जुड़े वर्कशॉप्स और ट्रेनिंग सत्र-

मिशन कर्मयोगी के प्रचार-प्रसार के लिए योगी सरकार ने ‘कर्मचारी टू कर्मयोगी’ अभियान शुरू किया है, जिसके तहत वर्कशॉप्स और प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए गए। 14 प्रशिक्षण संस्थानों में कर्मचारी टू कर्मयोगी अभियान के तहत ट्रेनिंग दी गई और 10 जिलों में फील्ड विजिट्स के जरिए वर्कशॉप्स का आयोजन किया गया। साथ ही 8 विभागों में भी अब तक वर्कशॉप्स का आयोजन किया जा चुका है।

सरकारी कर्मचारियों की ऑनलाइन ट्रेनिंग का केंद्र-

आई-गॉट पोर्टल 'मिशन कर्मयोगी' के तहत सभी सरकारी कर्मियों को विभिन्न पाठ्यक्रमों के माध्यम से कुशल बनाने का एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है। इस पोर्टल पर कर्मियों की योग्यता और कौशल को उन्नत करने के लिए विभिन्न पाठ्यक्रम उपलब्ध कराए जा रहे हैं। प्रदेश के 94 हजार से अधिक कर्मचारियों को पोर्टल पर रजिस्टर किया जा चुका है और 29 हजार से अधिक कर्मियों ने अपना कोर्स सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है, जिनमें से 6 हजार अधिकारी भी शामिल हैं।

पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने का उद्देश्य-

मिशन कर्मयोगी का मुख्य उद्देश्य सिविल सेवकों की कार्यकुशलता में सुधार, पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ाना है, ताकि वे भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए अधिक सक्षम बन सकें। इस मिशन के तहत उन्हें लगातार शिक्षा और प्रशिक्षण के माध्यम से नई तकनीक, नेतृत्व कौशल और प्रशासनिक सुधारों से परिचित कराया जा रहा है।

सरकारी कर्मचारियों के विकास का एक नया अध्याय-

मिशन कर्मयोगी के माध्यम से सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को उनके कार्यक्षेत्र में निपुणता हासिल करने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। इसका उद्देश्य उन्हें सिर्फ वर्तमान आवश्यकताओं के लिए नहीं, बल्कि भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करना है। ‘आई-गॉट कर्मयोगी’ पोर्टल पर उपलब्ध पाठ्यक्रमों के जरिए कर्मियों को नए कौशल सीखने और मौजूदा कौशल को उन्नत करने का अवसर मिल रहा है।

मासिक बैठक और निगरानी प्रक्रिया-

इस मिशन को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए प्रत्येक विभाग के नोडल अधिकारी और एमडीओ को नियुक्त किया गया है, जो आई-गॉट पोर्टल पर कर्मियों को शामिल करने के साथ ही पाठ्यक्रम सामग्री की भी देखरेख कर रहे हैं। साथ ही, मासिक बैठक के जरिए कर्मियों के प्रशिक्षण की प्रगति पर भी नजर रखी जा रही है।

मिशन कर्मयोगी का दीर्घकालिक प्रभाव-

मिशन कर्मयोगी न केवल सरकारी कर्मियों की कार्यकुशलता को बढ़ा रहा है, बल्कि यह भविष्य में सरकारी कामकाज में सुधार और नवाचार की दिशा में भी मील का पत्थर साबित होगा।

अन्य ख़बरें

संबंधित खबरें