उत्तर प्रदेश के राजनीतिक रण में मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव एक हाई-वोल्टेज मुकाबले का गवाह बना। यहां बीजेपी और समाजवादी पार्टी के बीच सीधा मुकाबला देखने को मिला। भाजपा के चंद्रभानु पासवान ने दमदार प्रदर्शन करते हुए सपा के अजीत प्रसाद को हरा दिया है। चुनाव आयोग के अनुसार,भाजपा प्रत्याशी चंद्रभानु पासवान ने सपा प्रत्याशी अजीत प्रसाद को 61,710 मतों से करारी शिकस्त दी है। अंतिम राउंड की गिनती के बाद भाजपा प्रत्याशी को एक लाख 46 हजार 397 मत मिले जबकि सपा प्रत्याशी को 84 हजार 687 वोट मिले।
अयोध्या की हार से बीजेपी को मिला था बड़ा जख्म
बीजेपी के लिए अयोध्या में हार किसी चोट से कम नहीं थी। विपक्ष ने इस हार को जमकर भुनाया था और तंज कसा था कि "भगवान राम की बात करने वाले उनके ही घर में हार गए।"
सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस हार को गंभीरता से लिया और संगठन को मजबूत करने का जिम्मा खुद उठाया। यूपी के 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए, जिनमें बीजेपी ने 8 पर जीत दर्ज की और कुंदरकी जैसी सीट पर 30 साल बाद वापसी की।
मिल्कीपुर में पूरा मंत्रिमंडल उतरा मैदान में
मिल्कीपुर का उपचुनाव पहले हाईकोर्ट में अटका हुआ था। जैसे ही चुनाव आयोग ने तारीख का ऐलान किया, सीएम योगी ने खुद चुनावी मैनेजमेंट की कमान संभाली। भाजपा ने अपना आधा मंत्रिमंडल मैदान में उतार दिया और घर-घर तक पहुंच बनाई। इसका नतीजा यह हुआ कि बीजेपी उम्मीदवार चंद्रभानु पासवान ने बड़े अंतर से जीत दर्ज की, सपा उम्मीदवार अजीत प्रसाद को करारी हार का सामना करना पड़ा।
सीएम योगी ने खुद संभाला प्रचार का मोर्चा
बीजेपी की तरफ से सीएम योगी ने पूरा मोर्चा संभाला। सपा की तरफ से अखिलेश यादव और डिंपल यादव ने प्रचार किया।चुनाव के दिन सपा की तरफ से आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला चलता रहा। अखिलेश यादव ने यहां तक कह दिया कि "चुनाव आयोग मर चुका है।"
नतीजों से बीजेपी उत्साहित, सपा को मिली कड़ी शिकस्त
मिल्कीपुर की जीत ने बीजेपी के लिए न केवल लोकसभा चुनाव की हार का मरहम रखा है, बल्कि 2024 के पहले एक मजबूत संदेश भी दिया है।