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एक ऐसी रोड जहां न धूल होगी न वायू प्रदूषण, यूपी के इस शहर में होगा निर्माण

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उत्तर प्रदेश में पहला ग्रीन रोड प्रोजेक्ट शुरू होने जा रहा है, जिसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में मंजूरी मिल चुकी है। यह प्रदेश की पहली ऐसी सड़क होगी, जहां कार और बाइक के साथ-साथ साइकिल और पैदल चलने वालों के लिए भी अलग से रास्‍ता बनाया जाएगा। इस परियोजना को 'चीफ मिनिस्टर ग्रीन रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट स्कीम' के तहत लागू किया जाएगा। खास बात यह है कि यह ग्रीन रोड राजधानी लखनऊ में नहीं, बल्कि मेरठ में बनाई जाएगी।

मेरठ में बनेगी पहली ग्रीन रोड-

अर्बन रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट एजेंसी ने मेरठ को इस ग्रीन रोड प्रोजेक्ट के लिए चुना है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के इस औद्योगिक शहर में 2.15 किलोमीटर लंबी ग्रीन रोड बनाई जाएगी, जो वाहन चालकों, साइकिल चालकों, और पैदल यात्रियों के लिए अलग-अलग रास्‍ता प्रदान करेगी। इस सड़क के निर्माण में लगभग 40 करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है। इस तरह की सड़क अभी तक नोएडा या ग्रेटर नोएडा में भी नहीं बनाई गई है, जिससे मेरठ इस मामले में प्रदेश में पहला शहर बनेगा।

सड़क का रूट और निर्माण का समय-

यह ग्रीन रोड गांधी आश्रम से तेजगढ़ी के बीच बनाई जाएगी। अधिकारियों के अनुसार, इस सड़क का निर्माण अगले दो वर्षों में, यानी जून 2026 तक पूरा कर लिया जाएगा। मेरठ अथॉरिटी के डिप्टी सीईओ अरविंद कुमार जैन के मुताबिक, यह सड़क प्रदेश की पहली ऐसी सड़क होगी जो सभी प्रकार के यात्रियों के लिए सुविधाजनक होगी।

14 और शहरों में भी बनेगी ग्रीन रोड-

मेरठ में ग्रीन रोड प्रोजेक्ट की शुरुआत के साथ ही, उत्तर प्रदेश के 14 अन्य शहरों में भी इसी तरह की सड़कों का निर्माण किया जाएगा। इनमें लखनऊ भी शामिल होगा। जल्द ही इन 14 शहरों का चयन कर लिया जाएगा, और सभी शहरों में सड़क निर्माण का काम जून 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। यानी अगले दो साल में यूपी के 15 शहरों में ग्रीन सड़कों का तोहफा मिलेगा।

सड़क की देखरेख की जिम्मेदारी-

शहरों में सड़कों की चौड़ाई के अनुसार उनके निर्माण और देखरेख की जिम्मेदारी अलग-अलग एजेंसियों को दी जाती है। अगर सड़क की चौड़ाई 45 मीटर से अधिक होती है, तो इसे पीडब्ल्यूडी के अधीन किया जाता है। 10 मीटर से कम चौड़ाई वाली सड़कों का निर्माण 'सीएम नगर सृजन योजना' या 'पंडित दीनदयाल अर्बन डेवलपमेंट स्कीम' के तहत किया जाता है। वहीं, 10 से 45 मीटर के बीच चौड़ी सड़कों का निर्माण 'सीएम ग्रीन रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट स्कीम' के तहत किया जाएगा।

क्या होती है ग्रीन रोड?

ग्रीन रोड या ग्रीन हाईवे सड़क निर्माण की एक आधुनिक और पर्यावरण-अनुकूल अवधारणा है। इन सड़कों का निर्माण इस प्रकार किया जाता है कि वे परिवहन की कार्यक्षमता को बढ़ाते हुए पारिस्थितिक संतुलन को बनाए रखें। ग्रीन रोड्स पर पेड़-पौधे और झाड़ियां लगाई जाती हैं, जो न केवल वायु प्रदूषण और धूल को कम करने में सहायक होती हैं, बल्कि ये प्रदूषकों को प्राकृतिक रूप से अवशोषित भी करती हैं। साथ ही, इन तटबंधों पर लगाए गए पौधे मिट्टी के कटाव को रोकने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस तरह, ग्रीन हाईवे न केवल एक बेहतर यातायात अनुभव प्रदान करते हैं बल्कि पर्यावरण की सुरक्षा में भी योगदान देते हैं।

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