उत्तर प्रदेश में सड़कों के नेटवर्क को और मजबूत करने के लिए प्रमुख लिंक एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जा रहा है। इन एक्सप्रेसवे परियोजनाओं से राज्य के विभिन्न हिस्सों को आपस में जोड़ने के साथ-साथ पूरे प्रदेश को तेज रफ्तार परिवहन नेटवर्क से लैस किया जाएगा। करीब 30,000 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इन एक्सप्रेसवे परियोजनाओं में कई महत्वपूर्ण मार्गों को जोड़ा जाएगा, जो राज्य के आर्थिक और यातायात क्षेत्र में एक नई क्रांति लाएंगे।
उत्तर प्रदेश का यातायात नेटवर्क: एक नई दिशा-
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव, मनोज कुमार सिंह के अनुसार, लिंक एक्सप्रेसवे की आवश्यकता राज्य के शहरों को तेज रफ्तार परिवहन से जोड़ने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह राज्य के विकास को गति देगा और यात्रियों को ज्यादा सुविधाएं प्रदान करेगा। विभिन्न प्रमुख जिलों में इन लिंक एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है।
इटावा-हरदोई लिंक एक्सप्रेसवे: रास्ता बनेगा और भी आसान-
इटावा और हरदोई को जोड़ने के लिए प्रस्तावित लिंक एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य तेज़ी से चल रहा है। इस एक्सप्रेसवे के जरिए इन दोनों जिलों के बीच यात्रा समय में काफी कमी आएगी। इस परियोजना की लागत लगभग 6,600 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है। यह एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के तेज़ यातायात नेटवर्क का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होगा।
बुंदेलखंड-चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे: बुंदेलखंड का विकास होगा तेज़-
बुंदेलखंड क्षेत्र को विकास की दिशा में एक नई दिशा देने के लिए बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से चित्रकूट को जोड़ने के लिए लिंक एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जा रहा है। इस परियोजना के लिए 1,300 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया है, और निर्माण कार्य भी जोर-शोर से चल रहा है। इससे बुंदेलखंड के लोग आसानी से चित्रकूट तक पहुँच सकेंगे।
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे: पूर्वांचल के विकास में मील का पत्थर-
91.352 किलोमीटर लंबा गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र के विकास के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा। यह एक्सप्रेसवे गोरखपुर को आजमगढ़ से जोड़ने के साथ-साथ सांस्कृतिक और वाणिज्यिक गतिविधियों को बढ़ावा देगा। इसकी अनुमानित लागत 7,283 करोड़ रुपये है। इसके निर्माण से गोरखपुर से पूर्वांचल एक्सप्रेसवे तक यात्रा को आसान बनाया जाएगा।
आगरा-लखनऊ और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे लिंक: नया कनेक्शन-
आगरा एक्सप्रेसवे और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के बीच की लंबी दूरी को खत्म करने के लिए 35 किलोमीटर लंबा लिंक एक्सप्रेसवे प्रस्तावित किया गया है। इस पर लगभग 400 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस लिंक के बनने से दिल्ली से पूर्वांचल जाने में लगने वाला समय कम हो जाएगा और यात्री सीधे तेज़ मार्ग से अपनी मंजिल तक पहुंच सकेंगे।
गंगा और यमुना लिंक एक्सप्रेसवे: नई उम्मीदें और नए रास्ते-
गंगा एक्सप्रेसवे से यमुना एक्सप्रेसवे को जोड़ने के लिए भी लिंक एक्सप्रेसवे का निर्माण प्रस्तावित है। यह लिंक एक्सप्रेसवे गंगा एक्सप्रेसवे को जेवर एयरपोर्ट से भी जोड़ेगा, जिससे लोगों को एयरपोर्ट तक पहुंचने में और भी आसानी होगी। इसके निर्माण पर लगभग 7,000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। यह प्रोजेक्ट उत्तर प्रदेश को और भी कनेक्टेड बनाएगा और प्रदेश के विकास को नई दिशा देगा।
उत्तर प्रदेश का सबसे लंबा गंगा एक्सप्रेसवे: प्रदेश में नया युग-
उत्तर प्रदेश का सबसे लंबा गंगा एक्सप्रेसवे जल्द ही यातायात के लिए खुलने वाला है। यह एक्सप्रेसवे 594 किलोमीटर लंबा होगा और 302 किलोमीटर लंबा आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से जुड़ा रहेगा। इस हाइटेक एक्सप्रेसवे को कनेक्ट करने का काम इटावा-हरदोई लिंक एक्सप्रेसवे करेगा। गंगा एक्सप्रेसवे के बनने से यूपी में यात्रा और व्यापार दोनों के लिए एक नई क्रांति का आगाज होगा।
लिंक एक्सप्रेसवे: उत्तर प्रदेश के विकास की कुंजी-
उत्तर प्रदेश में लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण से न केवल यात्रा का समय कम होगा, बल्कि प्रदेश की समग्र विकास प्रक्रिया को भी गति मिलेगी। इन एक्सप्रेसवे परियोजनाओं के माध्यम से प्रदेश के दूरदराज क्षेत्रों को भी विकास के मुख्यधारा से जोड़ा जाएगा। जल्द ही उत्तर प्रदेश देश के सबसे तेज़ और कनेक्टेड राज्यों में से एक बन जाएगा, जहां हर जगह पहुंचने के लिए तेज़ और सुगम सड़कें होंगी।