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कुछ इस तरह है योगी सरकार का कुंभ समिट प्लान, नेपाल से सिंगापुर तक होंगे महाकुंभ के रोड शो

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प्रयागराज में जनवरी 2025 में होने वाला महाकुंभ, भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म के वैभव का प्रतीक होगा। योगी सरकार ने इस बार महाकुंभ को भव्य और दिव्य बनाने के लिए एक विस्तृत योजना तैयार की है, जिसमें आध्यात्म, कला और संस्कृति का विशेष महत्व रहेगा। इसी क्रम में हर मंडल में 'कुंभ समिट' आयोजित की जाएगी, जिसकी शुरुआत राजधानी लखनऊ से हो चुकी है। इस समिट के जरिए महाकुंभ के महत्व को उजागर करते हुए सांस्कृतिक आयोजनों का सिलसिला शुरू किया जाएगा।

विदेशों में भी होंगे रोड शो: महाकुंभ का वैश्विक संदेश-

महाकुंभ 2025 को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए विदेशों में भी रोड शो आयोजित किए जाएंगे। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने जानकारी दी कि नेपाल, मॉरीशस, दक्षिण अफ्रीका, फिजी, इंडोनेशिया, श्रीलंका, थाईलैंड और सिंगापुर सहित कई देशों में महाकुंभ के महत्व को प्रचारित करने के लिए ये शो किए जाएंगे। इससे न केवल विदेशी भक्तों को महाकुंभ की पवित्रता से जोड़ा जाएगा, बल्कि भारत की समृद्ध संस्कृति का भी वैश्विक मंच पर प्रदर्शन होगा।

12600 कलाकारों की सहभागिता: कला और संस्कृति का महासंगम-

महाकुंभ के आयोजनों में देशभर के 12600 से अधिक कलाकारों ने अपनी सहभागिता सुनिश्चित की है। इसके अंतर्गत विभिन्न कला, संगीत और नृत्य प्रतियोगिताएं होंगी। ललित कला अकादमी, संगीत नाटक अकादमी और उत्तर प्रदेश लोक व जनजातीय संस्कृति संस्थान सहित अन्य विभागों को इन आयोजनों की जिम्मेदारी दी गई है। चित्रकला, फोटोग्राफी, नाट्य प्रतियोगिता और शास्त्रीय संगीत जैसे आयोजनों से महाकुंभ का सांस्कृतिक महत्व बढ़ेगा।

कुंभ के विभिन्न रूपों का आयोजन-

कुंभ समिट के अंतर्गत 'बाल-युवा कुंभ', 'कला-संस्कृति कुंभ', 'कवि कुंभ' और 'भक्ति कुंभ' जैसे कई आयोजनों की योजना बनाई गई है। यह आयोजन लोगों को महाकुंभ की पवित्रता और सनातन परंपराओं से जोड़ने में मदद करेंगे। इन आयोजनों के जरिए युवाओं और बच्चों को भी इस महान परंपरा का हिस्सा बनाने की कोशिश की जाएगी।

कुंभ समिट के आयोजन की तिथियां और स्थान-

कुंभ समिट के आयोजन के लिए सभी मंडलों में कार्यक्रम तय किए गए हैं। लखनऊ, झांसी, वाराणसी, चित्रकूट, कानपुर, अयोध्या, मेरठ, अलीगढ़, आगरा, गोरखपुर, आजमगढ़, सहारनपुर, मुरादाबाद, बरेली, सोनभद्र, बलरामपुर, संत कबीर नगर और प्रयागराज में विभिन्न तिथियों पर समिट आयोजित की जाएगी। इन आयोजनों का उद्देश्य स्थानीय लोगों को महाकुंभ के महत्व से अवगत कराना और महाकुंभ में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करना है।

महाकुंभ 2025 के लिए तैयारियों का अंतिम चरण-

पर्यटन मंत्री ने बताया कि महाकुंभ के लिए 50 करोड़ से अधिक लोगों के शामिल होने की संभावना है। इसके लिए सभी तैयारियों को 10 दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी 10 दिसंबर के आस-पास प्रयागराज में महाकुंभ की तैयारियों की समीक्षा कर सकते हैं। योगी सरकार का यह प्रयास न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को पुनर्स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो भारत की प्राचीन परंपराओं को विश्व पटल पर मजबूती से स्थापित करेगा।

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