पिछले कुछ समय से डिजिटल माध्यम से लोगों को फंसाकर करोड़ों की ठगी की खबरें सुर्खियों में हैं। इसी कड़ी में, उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (यूपी एसटीएफ) ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। डिजिटल अरेस्ट गैंग का मुख्य सूत्रधार पकड़ में आ गया है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय अपराधियों का गठजोड़ शामिल है। चाइना का कुख्यात अपराधी बेन, नेपाली गैंगस्टर मिलन और पटियाला जेल में बंद जुगुनू वालिया इस गिरोह को मिलकर चला रहे हैं।
गिरोह का पर्दाफाश: दो नेपाली अपराधियों से खुलासा-
एसटीएफ ने गुरुवार को दो नेपाली अपराधियों सरोज खनाल और शिवराम रिमाल को ठगी के मामले में गिरफ्तार किया, जिनसे पूछताछ के बाद कई चौंकाने वाले राज खुले। इन अपराधियों ने एक फोटो उपलब्ध कराई, जिसमें गैंगस्टर मिलन और जुगुनू वालिया को अपने गिरोह के सदस्यों के साथ देखा जा सकता है। दोनों ने खुलासा किया कि गिरोह के सदस्य एक-दूसरे का साथ देते हुए डिजिटल ठगी को अंजाम दे रहे थे।
नेपाल में नेटवर्क: काठमांडू में बनी योजना-
पूछताछ में सामने आया कि नेपाली गैंगस्टर मिलन काठमांडू में एक बड़ा कंस्ट्रक्शन का काम संभालता है, जिसका फंडिंग चाइना का बेन और जुगुनू वालिया करते हैं। बताया गया कि पिछले साल बेन काठमांडू आया था और उसकी मुलाकात मिलन से हुई थी। यहीं पर बेन ने डिजिटल अरेस्ट की योजना का प्रस्ताव रखा, जिसे मिलन ने स्वीकार किया।
एसटीएफ की जांच: सरगना बेन का नेपाल कनेक्शन-
एसटीएफ के डिप्टी एसपी दीपक सिंह ने बताया कि गिरोह का सरगना बेन और उसका नेपाल से कनेक्शन काफी महत्वपूर्ण हैं, जिनकी गहन पड़ताल की जा रही है। इसके लिए कई टीमें तैनात हैं और नेपाली गैंगस्टर मिलन के बारे में भी महत्वपूर्ण जानकारी जुटाई जा रही है। एसटीएफ के अनुसार, यह गिरोह डिजिटल धोखाधड़ी के माध्यम से कई देशों में ठगी का नेटवर्क चला रहा है।