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60 हजार से ज्यादा कैंडिडेट्स की ट्रेनिंग, सिर्फ 12 हजार पुलिसकर्मियों की क्षमता, ये कैसे होगा मुमकिन?

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उत्तर प्रदेश में चल रही पुलिस सिपाही भर्ती प्रक्रिया, जिसमें 60 हजार 244 पदों पर भर्तियां हो रही हैं। यह भर्ती प्रक्रिया न सिर्फ युवाओं के लिए एक सुनहरा अवसर है, बल्कि राज्य की सुरक्षा व्यवस्था को भी और मज़बूत बनाने का एक महत्वपूर्ण कदम है। आइए जानते हैं कि यह प्रक्रिया किस तरह से चल रही है, इसके प्रमुख चरण और इसमें युवाओं को किन-किन चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

इन तारीखों में संपन्न हुई परीक्षा-

अगस्त 2024 में संपन्न हुई इस भर्ती परीक्षा में 23, 24, 25, 30, और 31 तारीख़ को लाखों अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया। यह परीक्षा दो पालियों में आयोजित की गई थी और इसमें करीब 50 लाख उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आज़माई। भर्ती बोर्ड ने इस परीक्षा को पूरी तरह निष्पक्ष बनाने के लिए सख्त इंतज़ाम किए थे, जिसके चलते किसी तरह की गड़बड़ी की कोई शिकायत सामने नहीं आई।

इस आधार पर किया जाएगा शॉर्टलिस्ट-

अधिकारियों के अनुसार, परीक्षा का परिणाम दिसंबर के अंत तक घोषित कर दिया जाएगा। परिणाम घोषित होने के बाद जनवरी 2025 में डॉक्यूमेंट वैरिफिकेशन और फिजिकल स्टैंडर्ड टेस्ट (DV-PST) होगा। इस चरण में करीब 1.5 लाख उम्मीदवारों को उनके प्रदर्शन और आरक्षण के आधार पर शॉर्टलिस्ट किया जाएगा।

ज़ोनल मुख्यालयों पर होगा फिजिकल टेस्ट-

फिजिकल स्टैंडर्ड टेस्ट यानी PST का प्रदेश के विभिन्न ज़ोनल मुख्यालयों पर किया जाएगा। जो अभ्यर्थी दूसरे राज्यों से हैं, उन्हें उनके नजदीकी ज़ोनल मुख्यालय में बुलाया जाएगा, जैसे बिहार के अभ्यर्थियों को गोरखपुर और वाराणसी, जबकि राजस्थान के अभ्यर्थियों को आगरा में टेस्ट देना होगा। पुरुष अभ्यर्थियों को 4.8 किमी की दौड़ पूरी करनी होगी, जबकि महिला अभ्यर्थियों को 2.4 किमी की दौड़ करनी होगी। इस प्रक्रिया के लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जा रही है, ताकि किसी भी प्रकार की परेशानी न हो।

चुनौतीपूर्ण होगी ट्रेनिंग की प्रक्रिया-

भर्ती प्रक्रिया पूरी होने के बाद सिपाहियों को ट्रेनिंग दी जाएगी, लेकिन यह चरण भी काफी चुनौतीपूर्ण होगा। उत्तर प्रदेश सरकार के पास फिलहाल 12,000 पुलिसकर्मियों को एक साथ ट्रेनिंग कराने की क्षमता है। इसके लिए प्रदेश में 11 पुलिस प्रशिक्षण केंद्र, कॉलेज और स्कूल हैं, साथ ही PAC बटालियन की 103 इकाइयां हैं, जहां पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षित किया जाता है।

एक साथ संभव नहीं प्रशिक्षण -

हालांकि, इतनी बड़ी संख्या में सिपाहियों का प्रशिक्षण एक साथ संभव नहीं है। इसके लिए सरकार को कम से कम तीन चरणों में ट्रेनिंग का आयोजन करना होगा। यही कारण है कि यह पूरी प्रक्रिया 6 महीने से अधिक समय ले सकती है। सूत्रों का कहना है कि इस बार भर्ती प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने के लिए हिंदी भाषी राज्यों जैसे राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा और पंजाब से भी मदद ली जा सकती है। इसके अलावा अर्धसैनिक बलों की बटालियनों में भी ट्रेनिंग कराने की योजना पर विचार किया जा रहा है।

पेपर लीक के कारण परीक्षा हुई थी रद्द-

इस भर्ती प्रक्रिया की शुरुआत अक्टूबर 2023 में की गई थी, लेकिन फरवरी 2024 में हुई परीक्षा के पेपर लीक हो जाने के कारण इसे रद्द कर फिर से आयोजित किया गया। अगस्त में यह परीक्षा दोबारा संपन्न हुई और अब नतीजे दिसंबर के अंत तक घोषित किए जा सकते हैं।

27 हजार अन्य भर्ती करने की योजना-

अधिकारियों के अनुसार, पूरी प्रक्रिया पारदर्शिता के साथ चल रही है और राज्य सरकार का पूरा फोकस इस भर्ती को समय से पूरा करने पर है। इस भर्ती के बाद सरकार 27 हजार अन्य रिक्त पदों पर भी भर्ती करने की योजना बना रही है, जिसमें दरोगा, प्लाटून कमांडर, कंप्यूटर ऑपरेटर और फायरमैन जैसे महत्वपूर्ण पद शामिल हैं।

6 महीने की होगी बेसिक ट्रेनिंग-

भर्ती प्रक्रिया पूरी होने के बाद चयनित अभ्यर्थियों को 6 महीने की बेसिक ट्रेनिंग दी जाएगी, जिसके बाद पासिंग आउट परेड होगी। इसके बाद सिपाही जिलों में व्यावहारिक ट्रेनिंग के लिए तैनात किए जाएंगे। व्यावहारिक ट्रेनिंग के 6 महीने पूरे होने के बाद ही उनकी नौकरी को पक्का माना जाएगा।

सिपाहियों की ट्रेनिंग के लिए बढ़ाई गई क्षमता-

प्रदेश सरकार के पास सिपाहियों की ट्रेनिंग के लिए जो वर्तमान क्षमता है, वह पिछली बार की तुलना में बढ़ाई गई है। साल 2018 में 49 हजार 568 सिपाहियों की भर्ती के दौरान केवल 6 हजार पुलिसकर्मियों को ट्रेन्ड करने की व्यवस्था थी, जिसे अब 12 हजार तक बढ़ा दिया गया है। इसके अलावा सुल्तानपुर और जालौन में नए प्रशिक्षण केंद्र भी खोले गए हैं, जहां पहली बार सिपाहियों को प्रशिक्षित किया जाएगा।

पारदर्शी और सुव्यवस्थित ढंग से होगी प्रक्रिया-

इस भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने वाले लाखों युवाओं के लिए यह एक महत्वपूर्ण अवसर है, लेकिन इसके साथ ही यह एक लंबी और धैर्य की परीक्षा भी है। परीक्षा से लेकर फिजिकल टेस्ट और फिर प्रशिक्षण तक की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और सुव्यवस्थित ढंग से आयोजित की जा रही है।

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