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प्रयागराज ने इस बार महाकुंभ के दौरान इतिहास रचते हुए विश्व पर्यटन मानचित्र पर अपनी अभूतपूर्व उपस्थिति दर्ज कराई है। 45 दिनों में लगभग 55 लाख विदेशी पर्यटक संगम स्नान के लिए पहुंचे, जबकि पिछले साल यह संख्या केवल 5,000 थी। इस वर्ष के महाकुंभ ने हर रिकॉर्ड को तोड़ते हुए भारत और विदेशों में एक नई पहचान बनाई।
विदेशी श्रद्धालुओं की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि
इस बार महाकुंभ में 73 देशों के राजनयिक और 116 देशों के श्रद्धालु संगम में स्नान करने पहुंचे। नेपाल, अमेरिका, ब्रिटेन, श्रीलंका, कनाडा और बांग्लादेश सहित 100 से अधिक देशों से पर्यटक आए। इसके अलावा, प्रयागराज के साथ वाराणसी, अयोध्या, चित्रकूट, मथुरा और गोरखपुर जैसे धार्मिक स्थलों की यात्रा भी की गई।
महाकुंभ का स्थानीय कारोबार पर प्रभाव
विदेशी पर्यटकों के आगमन से प्रयागराज और आसपास के शहरों के होटल, गाइड, ट्रांसपोर्ट, हस्तशिल्प और स्थानीय कारोबार में भारी वृद्धि हुई। यह महाकुंभ न केवल धार्मिक बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी फायदेमंद रहा। विशेषज्ञों के अनुसार, इन पर्यटकों के खर्च का असर देश की चौथी तिमाही की जीडीपी पर दिखेगा।
स्वदेश दर्शन-2 योजना से और भी पर्यटन को बढ़ावा
केंद्र सरकार की स्वदेश दर्शन-2 योजना के तहत नैमिषारण्य और प्रयागराज को शामिल किया गया है, जो भविष्य में इन क्षेत्रों में पर्यटन को और भी बढ़ावा देगा।
विदेशी पर्यटकों की संख्या में भारी वृद्धि
वर्ष 2019 में कुंभ में 10.30 लाख विदेशी पर्यटक आए थे, जबकि इस बार संगम में डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 67 करोड़ तक पहुँचने का अनुमान है। मार्च अंत तक विदेशी पर्यटकों की पूरी संख्या का आंकड़ा जारी किया जाएगा।
प्रदेश में बढ़े पर्यटक आगमन के आंकड़े
यूपी में पिछले वर्ष 65 करोड़ पर्यटकों ने यात्रा की, जिनमें 23 लाख विदेशी भी शामिल थे। आगरा, वाराणसी, मथुरा, कुशीनगर, अयोध्या और प्रयागराज जैसे प्रमुख स्थानों पर भारी संख्या में पर्यटकों ने यात्रा की।
महाकुंभ की टेंट सिटी से पर्यटन निगम ने कमाए 100 करोड़
महाकुंभ के दौरान टेंट सिटी ने पर्यटन निगम को 100 करोड़ रुपये की कमाई दी। यह टेंट सिटी आधुनिक साज-सज्जा और बुकिंग सिस्टम के साथ तैयार की गई थी। इसके अलावा, पवन हंस ने संगम को आकाश से देखने के लिए 50 लाख रुपये की आय अर्जित की।
निजी और सरकारी साझेदारी से पर्यटन की वृद्धि
पर्यटन निगम ने कई निजी फर्मों के साथ मिलकर पर्यटन क्षेत्र में नई अवधारणाओं को लागू किया। टेंट सिटी, जल क्रीड़ा, साहसिक खेलों और कलाकारों के प्रदर्शनों से लाखों की कमाई हुई।
युवाओं और श्रमिकों के लिए सुनहरा अवसर
महाकुंभ के आयोजन से बड़ी संख्या में युवाओं, श्रमिकों, कलाकारों, कुक, वेटर, इलेक्ट्रिशियन, प्लंबर, और पुरोहितों को रोजगार के अवसर मिले। यह आयोजन न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से भी अत्यंत लाभकारी साबित हुआ।
महाकुंभ ने प्रयागराज को पर्यटन का केंद्र बना दिया
महाकुंभ ने न सिर्फ प्रयागराज को एक प्रमुख धार्मिक स्थल के रूप में स्थापित किया, बल्कि इसे वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर भी एक महत्वपूर्ण स्थान दिलवाया। यह आयोजन आने वाले समय में यूपी और भारत के पर्यटन उद्योग के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा।
Baten UP Ki Desk
Published : 5 March, 2025, 2:03 pm
Author Info : Baten UP Ki