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भारतीय संस्कृति में नवरात्रि का विशेष महत्व है, जहाँ मां दुर्गा को शक्ति और सशक्तिकरण का प्रतीक माना जाता है। इस पावन अवसर को ध्यान में रखते हुए, उत्तर प्रदेश सरकार ने ‘मिशन शक्ति’ के पांचवें चरण की शुरुआत की है, जो बालिकाओं को आत्मरक्षा, जीवन कौशल और कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूक करने के साथ उन्हें सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
कानूनी अधिकार और जीवन कौशल का मिलेगा प्रशिक्षण-
‘मिशन शक्ति’ के अंतर्गत नवंबर 2024 से 10 लाख बालिकाओं को आत्मरक्षा और जीवन कौशल का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस पहल के तहत बालिकाओं को न केवल आत्मरक्षा के गुर सिखाए जाएंगे, बल्कि उन्हें जीवन कौशल के बारे में भी जागरूक किया जाएगा, जिससे वे आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी बन सकें।
विद्यालयों में आयोजित होंगे विशेष जागरूकता कार्यक्रम-
नवरात्रि के दौरान, 3 से 10 अक्तूबर तक विभिन्न विद्यालयों में बालिकाओं को उनके अधिकारों और सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों के नेतृत्व में बालिकाओं को बाल अधिकार, घरेलू हिंसा, यौन शोषण, गुड-टच, बैड-टच जैसी महत्वपूर्ण जानकारियाँ दी जाएंगी। इन कार्यक्रमों के माध्यम से बालिकाओं में सुरक्षा के प्रति सजगता बढ़ाई जाएगी और उन्हें हेल्पलाइन नंबर और बाल विवाह के खतरों के बारे में भी बताया जाएगा।
167 विद्यालयों में मीना मेला और करियर काउंसलिंग सत्र-
पीएम श्री योजना के तहत चयनित 167 विद्यालयों में 'मीना मेला' और करियर काउंसलिंग सत्र आयोजित किए जाएंगे। इन सत्रों का मुख्य उद्देश्य बालिकाओं को शिक्षा के महत्त्व, करियर विकल्पों और जीवन में आगे बढ़ने के विभिन्न तरीकों के बारे में जागरूक करना होगा। इस कदम से बालिकाओं में शिक्षा के प्रति रुचि और जागरूकता बढ़ाने की कोशिश की जा रही है।
माहवारी स्वच्छता और जलवायु परिवर्तन पर विशेष सत्र-
माहवारी स्वच्छता और जलवायु परिवर्तन पर जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से भी ‘मिशन शक्ति’ के इस चरण में विशेष कार्यक्रम होंगे। केजीबीवी (कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय) की 79,000 बालिकाओं के लिए जलवायु परिवर्तन पर विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे, साथ ही 36,772 बालिकाओं को सेनेटरी पैड वितरित किए जाएंगे।
कानूनी अधिकारों की जानकारी से सशक्त होंगे नौनिहाल-
अप्रैल-मई 2025 के दौरान बच्चों को उनके कानूनी अधिकारों से परिचित कराया जाएगा। उन्हें शिक्षा का अधिकार, पॉक्सो एक्ट, बाल विवाह और घरेलू हिंसा से संबंधित कानूनों की जानकारी दी जाएगी। इस प्रकार, बालिकाएँ न केवल अपने अधिकारों के प्रति सजग होंगी, बल्कि उन्हें अपने अधिकारों की रक्षा करना भी सिखाया जाएगा।
बालिकाओं के लिए नियमित संचालित होने वाली गतिविधियाँ-
सेमिनार/वेबिनार द्वारा बालिका शिक्षा पर जागरूकता: बालिका शिक्षा के महत्त्व और इससे जुड़े मुद्दों पर नियमित रूप से सेमिनार और वेबिनार आयोजित किए जाएंगे।
बाल संसद और बाल सभा का आयोजन: बालिकाओं को नेतृत्व और निर्णय लेने के कौशल से सशक्त करने के लिए बाल संसद और बाल सभा का आयोजन होगा, जिसमें उन्हें नेतृत्व की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
माहवारी स्वच्छता पर नियमित चर्चा: उच्च प्राथमिक विद्यालयों में नियमित रूप से माहवारी स्वच्छता पर चर्चा की जाएगी, जिससे बालिकाएँ इस विषय पर खुलकर बातचीत कर सकें और स्वच्छता का महत्त्व समझ सकें।
शिक्षक-अभिभावक संघ की बैठकें: बाल विवाह, पॉक्सो एक्ट, घरेलू हिंसा जैसे गंभीर मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाने के लिए शिक्षक-अभिभावक संघ की बैठकें आयोजित होंगी।
महत्वपूर्ण दिवसों पर विशेष कार्यक्रम: बालिका दिवस और महिला दिवस पर विद्यालयों में रैली, वाद-विवाद प्रतियोगिता, प्रभात फेरी और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिससे बालिकाओं का उत्साहवर्धन होगा।
खेलकूद, गाइड और एनसीसी प्रशिक्षण: बालिकाओं को खेलकूद, गाइड और एनसीसी प्रशिक्षण के माध्यम से सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जाएगा।
'मिशन शक्ति' का यह पांचवा चरण महिलाओं और बालिकाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक ठोस कदम है। इस पहल से समाज में न केवल बालिकाओं के प्रति जागरूकता बढ़ेगी, बल्कि उन्हें अपने अधिकारों की रक्षा और आत्मनिर्भरता के लिए भी प्रेरित किया जाएगा।
Baten UP Ki Desk
Published : 29 September, 2024, 5:59 pm
Author Info : Baten UP Ki