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बाबरनामा, संभल हिंसा और सांप्रदायिक दंगों सहित हर मुद्दे पर सीएम योगी ने दिया जवाब, जानिए विधानसभा सत्र की सारी बातें...

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उत्तर प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र सोमवार को जोरदार शुरुआत के साथ आरंभ हुआ। विपक्ष और सरकार के बीच सत्र का पहला दिन तीखे आरोप-प्रत्यारोप और गरमागरम बहसों का गवाह बना। विपक्ष ने संभल में हुई हिंसा को लेकर प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लिया और सवालों की झड़ी लगा दी।

सीएम योगी ने संभाला मोर्चा-

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले ही दिन मोर्चा संभालते हुए विपक्ष के हर वार का करारा जवाब दिया। उन्होंने संभल हिंसा के मुद्दे पर विपक्ष की घेराबंदी करते हुए हालात को स्पष्ट किया। इसके साथ ही, कुएं में मिली मूर्तियों के संदर्भ में उठे सवालों पर बेबाकी से अपनी बात रखी। मुख्यमंत्री ने सांप्रदायिक दंगों के इतिहास को भी चर्चा का विषय बनाया और इसे राजनीति का मोहरा बनाए जाने पर विपक्ष पर तीखे प्रहार किए।

संभल की हिंसा पर योगी का जवाब-

सीएम योगी ने कहा कि संभल के दंगों का इतिहास बहुत पुराना है। उन्होंने 1947 से लेकर अब तक के सांप्रदायिक दंगों का जिक्र करते हुए कहा कि यह क्षेत्र अक्सर राजनीतिक और सांप्रदायिक साजिशों का शिकार रहा है। सीएम ने स्पष्ट किया कि संभल में हिंसा फैलाने वाले दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।

मंदिर में मूर्तियां मिलने का मुद्दा-

सीएम ने हाल ही में संभल में 46 साल से बंद पड़े एक हनुमान मंदिर के ताले खोलने का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि मंदिर के पास के एक कुएं में देवी-देवताओं की मूर्तियां मिलीं। उन्होंने इस पर सवाल उठाते हुए कहा, “मूर्तियों को किसने पाट दिया और अब वे कैसे बाहर आ रही हैं?” यह मुद्दा विधानसभा में चर्चा का केंद्र बना।

'बाबरनामा' का संदर्भ-

सीएम योगी ने ऐतिहासिक संदर्भ देते हुए कहा कि बाबरनामा में उल्लेख है कि मंदिरों को तोड़कर मस्जिदें बनाई गईं। उन्होंने कहा कि संभल में हरिहर मंदिर को तोड़कर ढांचा खड़ा किया गया था। उन्होंने जुमे की नमाज के बाद माहौल खराब होने की बात पर भी जोर दिया और इसे साजिश करार दिया।

दोषियों पर सख्त कार्रवाई की प्रतिबद्धता-

सीएम ने कहा कि संभल में हुई हिंसा की जांच के लिए एक ज्यूडिशियल कमेटी का गठन किया जाएगा। उनका दावा है कि इस कमेटी की जांच दूध का दूध और पानी का पानी कर देगी। उन्होंने यह भी भरोसा दिया कि निर्दोष लोगों को सजा नहीं दी जाएगी।

सांप्रदायिक दंगों में गिरावट-

सीएम योगी ने अपने कार्यकाल की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि 2017 से अब तक उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक मामलों में 97 प्रतिशत तक कमी आई है। उन्होंने 2012-2017 के बीच हुए 815 सांप्रदायिक दंगों और उसमें मारे गए 112 लोगों की तुलना वर्तमान शासन से की।

कुंदरकी उपचुनाव का मुद्दा-

कुंदरकी में हुए उपचुनाव का जिक्र करते हुए सीएम ने विपक्ष पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “आपने वोट की लूट का आरोप लगाया, लेकिन सच्चाई यह है कि आपके प्रत्याशी की जमानत जब्त हो गई।” योगी ने इसे विपक्ष के झूठे आरोपों का उदाहरण बताया।

मस्जिदों के सामने शोभायात्रा पर सवाल-

सीएम योगी ने विधानसभा में कहा, “अगर मंदिर के सामने से जुलूस निकल सकता है, तो मस्जिद के सामने से शोभायात्रा क्यों नहीं निकल सकती?” उन्होंने भगवा झंडा लगाने पर हो रही हिंसा की आलोचना की और सवाल उठाया कि अपने ही देश में भगवा झंडा क्यों नहीं लगाया जा सकता।

'राम' से जुड़ी सांस्कृतिक बातों का जिक्र-

सीएम योगी ने कहा, “राम-राम का संबोधन हमारी सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा है। यह केवल एक धार्मिक नारा नहीं बल्कि हमारी श्रद्धा का प्रतीक है। जय श्रीराम कहना हमारे लिए गौरव की बात है।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अन्य धार्मिक नारे लगाने में उन्हें कोई आपत्ति नहीं है।

सांप्रदायिक सौहार्द पर जोर-

अपने भाषण के अंत में सीएम योगी ने सभी समुदायों को साथ लेकर चलने की बात कही। उन्होंने कहा कि जो भी प्रदेश में माहौल खराब करने की कोशिश करेगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा। उनका कहना था कि राज्य सरकार कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

संभल हिंसा पर सख्त रुख-

सीएम योगी ने भरोसा दिया कि संभल में माहौल खराब करने वाले तत्वों पर कड़ी कार्रवाई होगी। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार न्याय और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। सीएम योगी के इस भाषण ने न केवल विधानसभा में गहमागहमी पैदा की बल्कि राज्य के राजनीतिक और सामाजिक हालात पर भी गहरी छाप छोड़ी। उनकी बातों से यह साफ हो गया कि सरकार कानून और व्यवस्था पर किसी भी तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करेगी।

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