महाकुंभ नगर ने अपनी दिव्यता और आध्यात्मिकता से संपूर्ण विश्व को आकर्षित कर लिया है। गंगा के पवित्र तट पर दुनिया के 73 देशों के राजनयिक संगम स्नान करते हुए भारतीय संस्कृति की गहराई को अनुभव करेंगे। विशेष बात यह है कि रूस और यूक्रेन जैसे विरोधी देशों के राजदूत भी इस ऐतिहासिक आयोजन में शामिल होकर शांति और सामंजस्य का संदेश देंगे।
राजनयिक बनेंगे "अमृतकाल" के साक्षी
अमेरिका और बांग्लादेश समेत कई देशों के राजनयिक, इस भव्य महाआयोजन में शामिल होकर "अमृतकाल" के साक्षी बनेंगे। महाकुंभ ने उत्तर प्रदेश को सात समंदर पार तक पहचान दिलाई है, और इसकी अद्वितीयता देखने के लिए दुनिया भर से श्रद्धालु प्रयागराज की ओर खिंचे चले आ रहे हैं।
वैश्विक आयोजन का केंद्रबिंदु बने सीएम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ को एक वैश्विक पहचान दी है। धरती के सबसे बड़े सांस्कृतिक समागम के मुख्य आयोजक के रूप में, उन्होंने उत्तर प्रदेश को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति दिलाई है।
संगम स्नान और ऐतिहासिक स्थलों का दर्शन
विदेश मंत्रालय की योजना के अनुसार, राजनयिक संगम नोज पर स्टीमर से पहुंचेंगे और पवित्र स्नान करेंगे। इसके बाद वे अक्षयवट और बड़े हनुमान मंदिर के दर्शन करेंगे। इन पवित्र स्थलों की यात्रा उनकी आध्यात्मिकता को और गहराई से समझने में सहायक होगी।
आधुनिक तकनीक से परंपरा का अनुभव
राजनयिक महाकुंभ की भव्यता को डिजिटल अनुभव केंद्र में आधुनिक तकनीक के माध्यम से समझेंगे। यहां यूपी स्टेट पवेलियन, अखाड़ों, यमुना कॉम्प्लेक्स और सांस्कृतिक प्रदर्शनियों का अवलोकन करेंगे।
भारत की आध्यात्मिकता का संदेश
महाकुंभ के आयोजन में राजनयिक भारतीय संस्कृति, योग, ध्यान और धर्मनिरपेक्षता के दर्शन करेंगे। यह आयोजन भारत की समृद्ध परंपराओं और वैश्विक एकता का प्रतीक बन रहा है।
राजनयिकों के स्वागत का अनोखा अंदाज
बमरौली हवाई अड्डे पर वीआईपी लाउंज में राजनयिकों के लिए विशेष नाश्ते और टूर गाइड की व्यवस्था की गई है। गृह मंत्रालय ने नावों और सुरक्षा प्रबंधों का पूरा ध्यान रखा है।
यूपी का डंका सात समंदर पार
महाकुंभ की दिव्यता और भव्यता को लेकर उत्तर प्रदेश ने एक नया मानदंड स्थापित किया है। सीएम योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में यह आयोजन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है।
इन देशों से आएंगे राजनयिक
जापान, अमेरिका, रूस, यूक्रेन, जर्मनी, फ्रांस, थाईलैंड, कनाडा और स्वीडन सहित 73 देशों के राजनयिक इस महाकुंभ में शामिल होंगे। वे भारत की आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक धरोहर को नजदीक से देखेंगे।
महाकुंभ: शांति, सहयोग और एकता का संदेश
महाकुंभ के जरिए भारत ने विश्व को एकता और शांति का संदेश दिया है। इस आयोजन ने उत्तर प्रदेश को वैश्विक पटल पर एक अद्वितीय पहचान दिलाई है।