बड़ी खबरें
'साथ पंसद है' का नारा यूपी में एक बार फिर कांग्रेसी और सपाई नेता गुनगुना रहे हैं। दरअसल 25 फरवरी को सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव और कांग्रेस नेता राहुल गांधी आगरा में रोड शो करेंगे। कांग्रेस यूपी में समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव-2024 में उतरने जा रही है। सपा ने खासी खींचतान के बाद कांग्रेस को 17 सीटें दी हैं। इस गठबंधन के बाद पहली बार दोनों नेता तकरीबन सात वर्षों बाद एक बार फिर साथ मिलकर जनता के दरबार में पहुंच रहे हैं। सपा भी पश्चिम में शक्ति प्रदर्शन के साथ यह एहसास कराना चाहेगी कि यूपी में उसकी ताकत कितनी बड़ी है। साथ ही देश में यह मैसेज देना चाहेगी कि यूपी में गठबंधन की बड़ी जीत ही देश के परिणाम पर प्रभाव डालेगी। आगरा में सपा और कांग्रेस के नेता तकरीबन एक किमी पैदल यात्रा करेंगे। उसके बाद 12 किमी का रोडशो होगा। यहां से यात्रा राजस्थान में प्रवेश कर जाएगी।
क्या है बैकग्राउंड ?
2017 का यूपी का विधानसभा चुनाव था। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का गठबंधन हो गया। नारा दिया गया यूपी को यह साथ पंसद है। जबरदस्त मार्केटिंग किया गया। विपक्षी भाजपा के रणनीतिकार भी इसे लेकर कहीं न कहीं चिंतित नजर आने लगे। हालांकि परिणाम कांग्रेस-सपा के पक्ष में नहीं गया।
कितना कारगर होगा गठबंधन-
कांग्रेस और सपा का गठबंधन कितना कारगर होगा ये तो वक्त ही बताएगा। कांग्रेस के हिस्से 17 सीटें आई हैं। पर इन सीटों पर समाजवादी पार्टी या कांग्रेस किसी के भी कैंडिडेट जीतने की स्थिति थोड़ी काम मजबूत लग रही है। हालांकि अन्य जिन सीटों को कांग्रेस ने हासिल करने में सफलता पाई है उससे कांग्रेस का ग्राफ समाजवादी पार्टी के मुकाबले बेहतर होता दिख रहा है। यहाँ ध्यान देने वाली बात है कि अगर राम मंदिर के चलते बीजेपी के पक्ष में हवा चलती है तो एक बार फिर यूपी में गठबंधन करके समाजवादी पार्टी पछता रही होगी।
गठबंधन से किसको होगा फायदा-
सपा और कांग्रेस के बीच लगातार बातचीत होने के बाद भी गठबंधन का तय नहीं हो पा रहा था। इसके पीछे का कारण यह था कि कांग्रेस कम से कम 21 सीटें चाहती थी। लेकिन समाजवादी पार्टी 10 से ज्यादा सीटें देने को तैयार नहीं थी। लेकिन आखिर में सपा 17 सीटें देने तैयार हो गई। इसका मतलब यह होता है कि कांग्रेस ने जो चाहा उसे हासिल किया। उत्तर प्रदेश में मुसलमानों का वोट समाजवादी पार्टी को हमेशा से मिलता रहा है। जाहिर है कि इस बार भी मुसलमान वोटर सपा का साथ देगा। लेकिन एक बार यही वोटिंग कांग्रेस के पाले में हो गई और मुस्लिम वोटों की बदौलत कांग्रेस, समाजवादी पार्टी के बराबर सीटें जीत लेती है तो उत्तर प्रदेश का वोटिंग स्टाइल बदल जाएगा। परिणाम स्वरूप कांग्रेस के यूपी में पैर जमाने का सबसे बड़ा नुकसान समाजवादी पार्टी को होगा।
Baten UP Ki Desk
Published : 24 February, 2024, 7:09 pm
Author Info : Baten UP Ki