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महाकुंभ में भगदड़ के बाद प्रशासन ने की मुस्तैदी, किए गए ये बड़े बदलाव...

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आस्था के महाकुंभ में मौनी अमावस्या से पहले संगम तट पर हुई भगदड़ ने श्रद्धालुओं के उत्साह को गहरी पीड़ा में बदल दिया। इस हृदयविदारक घटना में 30 से अधिक लोगों की जान चली गई, जबकि 60 से ज्यादा घायल हो गए। इस त्रासदी से सबक लेते हुए प्रशासन ने त्वरित और सख्त कदम उठाए हैं। भीड़ नियंत्रण से लेकर सुरक्षा इंतजामों तक कई बड़े बदलाव किए गए हैं, जो बसंत पंचमी तक प्रभावी रहेंगे।

मुख्य बदलाव जो भगदड़ के बाद किए गए:

वाहनों पर पूरी तरह रोक:

काली रोड पार्किंग और लाल मार्ग पर वाहनों के प्रवेश पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। मेला क्षेत्र में केवल पैदल यात्री ही प्रवेश कर सकते हैं।

सीमावर्ती क्षेत्रों में होल्डिंग एरिया:

मेला क्षेत्र में भीड़ का दबाव कम करने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में होल्डिंग एरिया बनाए गए हैं। यहां भोजन, पेयजल और बिजली की पूरी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।

परिवहन में सुधार:

रेलवे के साथ समन्वय बनाकर ट्रेनों का संचालन लगातार जारी है। परिवहन निगम ने अतिरिक्त बसें तैनात की हैं ताकि श्रद्धालु सुरक्षित अपने गंतव्य तक पहुंच सकें।

पेट्रोलिंग बढ़ाई गई:

प्रयागराज से जुड़े सभी मुख्य मार्गों—अयोध्या, कानपुर, लखनऊ, वाराणसी और फतेहपुर—पर गहन पेट्रोलिंग सुनिश्चित की गई है ताकि यातायात अवरोध न हो।

विशेष सचिवों की तैनाती:

व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए विशेष सचिव स्तर के पांच अधिकारियों की तैनाती की गई है। ये अधिकारी 12 फरवरी तक प्रयागराज में मौजूद रहेंगे।

स्नान पर्व की तैयारी:

तीन फरवरी को बसंत पंचमी के अवसर पर 'अमृत स्नान' होगा। मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक व्यवस्थाओं की समीक्षा करेंगे। सुरक्षा और सुविधा पर विशेष फोकस रहेगा।

महत्वपूर्ण हेल्पलाइन नंबर जारी:

    • हेल्पलाइन नंबर: 1920
    • महाकुंभ पुलिस हेल्पलाइन: 1944
    • महाकुंभ फूड सप्लाई: 1010
    • एंबुलेंस सेवा: 102 व 108
    • डिजास्टर हेल्पलाइन: 1077

आवागमन पर सख्त निगरानी:

प्रशासन ने श्रद्धालुओं के सुरक्षित आगमन और प्रस्थान के लिए रेलवे और बस सेवाओं को सुचारू बनाए रखा है। सभी महत्वपूर्ण मार्ग खुले रखे गए हैं ताकि भीड़ नियंत्रण में रहे।

अधिकारियों की जिम्मेदारी:

प्रमुख अधिकारियों में अतुल सिंह (विशेष सचिव, खाद्य विभाग), अशोक कुमार कनौजिया (संयुक्त निदेशक, युवा कल्याण), प्रफुल्ल त्रिपाठी (एडीएम न्यायिक, हरदोई) जैसे वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।

श्रद्धालुओं का विश्वास बना रहे:

प्रशासन की इस मुस्तैदी ने मेला क्षेत्र की स्थिति को नियंत्रित किया है। श्रद्धालु संगम तट पर आस्था की डुबकी लगा रहे हैं और व्यवस्था सुचारू रूप से चल रही है। बसंत पंचमी के पावन पर्व पर प्रशासन का यह दृढ़ संकल्प श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

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