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IIT-IIM की पढ़ाई अब होगी आसान, यूपी में पिछड़े वर्ग के छात्रों के लिए तैयार की जाएगी विशेष स्कॉलरशिप योजना

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उत्तर प्रदेश सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए प्रदेश के पिछड़े वर्ग के छात्रों को IIT और IIM जैसे देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में पढ़ाई के लिए आर्थिक मदद देने का निर्णय लिया है। अब प्रदेश के समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित एक नए पोर्टल के माध्यम से छात्र आसानी से स्कॉलरशिप के लिए आवेदन कर सकेंगे। यह पोर्टल सभी IITs, IIMs और नेशनल इम्पॉर्टेंस वाले अन्य संस्थानों से जुड़ा होगा।

दलित छात्र के संघर्ष से मिली प्रेरणा-

इस पहल की प्रेरणा तब मिली जब यूपी सरकार ने दलित छात्र अतुल कुमार की मदद का ऐलान किया। अतुल को IIT धनबाद में एडमिशन तो मिला, लेकिन समय पर 17,500 रुपए की फीस जमा न कर पाने की वजह से उसका एडमिशन रद्द हो गया। जब अतुल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, कोर्ट ने उसके पक्ष में फैसला सुनाते हुए IIT धनबाद को उसे एडमिशन देने का आदेश दिया। इस घटना ने यूपी सरकार को प्रदेश के पिछड़े वर्ग के छात्रों के लिए एक स्थायी स्कॉलरशिप योजना शुरू करने की प्रेरणा दी।

समाज कल्याण मंत्रालय का विशेष पोर्टल-

समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने बताया कि प्रदेश सरकार जल्द ही एक स्कॉलरशिप पोर्टल लॉन्च करेगी, जिसमें देश के सभी प्रमुख संस्थान जैसे IITs, IIMs शामिल होंगे। इस पोर्टल के जरिए पिछड़े वर्ग के छात्रों को अपनी योग्यता के आधार पर स्कॉलरशिप दी जाएगी, जिससे वे बिना आर्थिक दबाव के उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें।

जीरो-बैलेंस कार्ड: आर्थिक मदद की नई पहल-

छात्रों को वित्तीय बोझ से मुक्त रखने के लिए सरकार एक और अनूठी पहल करने जा रही है - जीरो-बैलेंस कार्ड। इस कार्ड के जरिए छात्र अपनी फीस जमा किए बिना भी एडमिशन सुनिश्चित कर सकेंगे। इस योजना का लाभ समाज कल्याण विभाग, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अंतर्गत आने वाले छात्र उठा सकेंगे।

IIT धनबाद से शुरुआत-

IIT धनबाद पहला ऐसा संस्थान बना है, जो प्रदेश के समाज कल्याण विभाग से औपचारिक रूप से जुड़ गया है। यह कदम अन्य IITs और IIMs के साथ जुड़ने का मार्ग प्रशस्त करेगा, ताकि अधिक से अधिक छात्रों को इसका लाभ मिल सके।

एक प्रेरणादायक कहानी-

अतुल कुमार की कहानी प्रेरणादायक है। JEE एडवांस्ड परीक्षा पास कर IIT धनबाद में एडमिशन पाने के बावजूद, वह फीस जमा करने में असमर्थ था। कुछ ही मिनटों की देरी से उसका एडमिशन रद्द हो गया। उसने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें कोर्ट ने उसके पक्ष में फैसला सुनाया।

सभी के लिए शिक्षा के द्वार खोलने की दिशा में कदम-

उत्तर प्रदेश सरकार की यह योजना प्रदेश के छात्रों के लिए उच्च शिक्षा के रास्ते खोलने वाली है। अब आर्थिक समस्याओं की वजह से किसी भी होनहार छात्र का भविष्य अंधकारमय नहीं होगा।

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