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यूपी के 7 नए मेडिकल कॉलेजों को मिला लेटर ऑफ परमिशन, दस हजार से ज्यादा एमबीबीएस सीटों पर होगी काउंसिलिंग

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उत्तर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, सात नए मेडिकल कॉलेजों को लेटर ऑफ परमिशन (एलओपी) प्राप्त हुआ है। यह अनुमति मिलने के बाद, इन कॉलेजों में इसी शैक्षणिक सत्र से पढ़ाई शुरू की जाएगी। इस फैसले से राज्य में मेडिकल शिक्षा की गुणवत्ता और उपलब्धता में सुधार की उम्मीद है। नेशनल मेडिकल कमीशन, नई दिल्ली की ओर से प्रदेश के 7 नये मेडिकल कॉलेजों में इसी सत्र (वर्ष 2024-25) से एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू करने को लेकर हरी झंडी मिल गई है।

दस हजार से ज्यादा एमबीबीएस सीटों पर होगी काउंसिलिंग-
 
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के 13 नए मेडिकल कॉलेजों को मान्यता दिलाने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से बातचीत की थी। इस प्रयास के बाद सात सरकारी मेडिकल कॉलेजों को शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए लेटर ऑफ परमिशन (एलओपी) जारी किया गया है। वहीं, शेष छह मेडिकल कॉलेजों की ओर से एनएमसी में दोबारा अपील की जाएगी और विभाग के अनुसार, इन्हें भी जल्द ही एलओपी प्राप्त हो जाएगा। इसके अलावा, प्रदेश के अन्य मेडिकल कॉलेजों में भी सीटों को बढ़ाने की अनुमति प्राप्त हुई है। इनमें सरकारी, प्राइवेट और पीपीपी मॉडल पर संचालित मेडिकल कॉलेज शामिल हैं। इस मंजूरी के बाद, प्रदेश का मेडिकल शिक्षा विभाग इस शैक्षणिक सत्र में 10 हजार 500 एमबीबीएस सीटों पर काउंसिलिंग कराने की तैयारी में जुट गया है।
 
इन मेडिकल कॉलेज के लिए जारी हुआ लेटर ऑफ परमिशन
मेडिकल शिक्षा विभाग की महानिदेशक किंजल सिंह ने बताया कि बिजनौर, बुलंदशहर, कुशीनगर, पीलीभीत, सुल्तानपुर, कानपुर देहात और ललितपुर के स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए लेटर ऑफ परमिशन जारी किया गया है। इन सातों मेडिकल कॉलेज में 600 एमबीबीएस सीटों पर काउंसिलिंग कराई जाएगी। इसके अलावा आगरा और मेरठ के राजकीय मेडिकल कॉलेजों को क्रमश: 72 और 50 एमबीबीएस सीटों की वृद्धि की गई है। इसके बाद आगरा मेडिकल कॉलेज में 200 और मेरठ मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की 150 सीटें हो गई हैं। 
 
नए मेडिकल कॉलेजों को जारी हुआ लेटर 

मेडिकल शिक्षा विभाग की महानिदेशक किंजल सिंह ने बताया कि स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए लेटर ऑफ परमिशन जारी किया गया है। इन सातों मेडिकल कॉलेज में 600 एमबीबीएस सीटों पर काउंसिलिंग कराई जाएगी। इसके अलावा आगरा और मेरठ के राजकीय मेडिकल कॉलेजों को क्रमश: 72 और 50 एमबीबीएस सीटों की वृद्धि की गई है। इसके बाद आगरा मेडिकल कॉलेज में 200 और मेरठ मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की 150 सीटें हो गई हैं। ये इस प्रकार हैं-

  1. कुशीनगर
  2. सुल्तानपुर
  3. बिजनौर
  4. ललितपुर
  5. पीलीभीत
  6. कानपुर देहात
  7. बुलंदशहर

मेडिकल सीटों की संख्या में वृद्धि

इन नए कॉलेजों के जुड़ने से उत्तर प्रदेश में एमबीबीएस सीटों की कुल संख्या 10500 हो गई है। यह वृद्धि प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा कदम है और इससे न केवल मेडिकल शिक्षा में सुधार होगा बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं में भी गुणात्मक परिवर्तन आएगा।

सरकार की पहल

उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में चिकित्सा शिक्षा के विस्तार के लिए कई पहलें की हैं। नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इन कॉलेजों की स्थापना से ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में भी चिकित्सा शिक्षा की सुविधा मिलेगी, जिससे चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा और योग्य चिकित्सकों की संख्या में वृद्धि होगी।

रोजगार के अवसर

नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना से न केवल मेडिकल छात्रों को लाभ होगा बल्कि प्रदेश में रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। शिक्षकों, चिकित्सकों, और सहायक स्टाफ की नियुक्ति से प्रदेश के युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।

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