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बचपन में गुड्डा-गुड़िया और उनकी बारात निकालकर पूरे गांव में घूमना, एक ज़माने में बच्चों का सबसे प्रिय खेल हुआ करता था। इस खेल में छोटी बच्चियां गुड़िया पक्ष और छोटे बच्चे गुड्डे की तरफ से बाराती बनकर निकलते, और इनके विवाह की रस्म को पूरा करते थे। बच्चों का यह खेल भारतवर्ष की संस्कृति में टेसू और झांझी के विवाह की परंपरा से मेल खाता है। विजयादशमी के दिन से शुरू होकर यह शादी का उत्सव केवल पांच दिन ही चलता है और कार्तिक पूर्णिमा को शादी सम्पन्न हो जाने के साथ ही समाप्त हो जाता है, जब टेसू की शादी झांझी से की जाती है। तो आखिर टेसू और झांझी कौन है, शरद पूर्णिमा की रात से इसका क्या कनेक्शन है और इसे लेकर मान्यताएं क्या है, जानने के लिए देखिए खास वीडियो...
Baten UP Ki Desk
Published : 26 October, 2023, 12:55 pm
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