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उत्तर प्रदेश की योगी सरकार यूपी में विश्वस्तरीय पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है। इसी के चलते प्रदेश में हेरिटेज टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए सरकार निजी क्षेत्र की मदद लेगी। लखनऊ की छतर मंजिल कानपुर के शुक्ला तालाब सहित कई जिलों की 9 हेरिटेज इमारतों के दिन बहुरने वाले हैं। यहां पीपीपी मॉडल पर हेरिटेज पर्यटन की इकाइयां विकसित की जाएंगी। राज्य की ऐतिहासिक इमारतों में हेरिटेज होटल बनाने के लिए राज्य कैबिनेट ने मंगलवार को इस प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है।
राजस्थान की तर्ज पर प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा-
प्रदेश में राजस्थान की तर्ज पर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए काफी समय से चल रहे प्रयासों को अमलीजामा पहनाया जा सकेगा। पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया है कि राज्य की 9 इमारतों को हेरिटेज होटल, रेस्टोरेंट, होमस्टे, थीम पार्क, मॉल, एक्टिविटी सेंटर, वैलनेस सेंटर, हॉस्पिटलिटी उद्योग के अन्य स्वरूपों के लिए मंजूरी दी गई है। प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश मेश्राम के मुताबिक प्रदेश में इमारतों की लंबी चौड़ी विरासत है मगर इनको नए सिरे से विकशित करने पर सरकारी खजाने पर खासा भार पड़ेगा। यही कारण है कि अब 9 हेरिटेज भवनों को पीपीपी मॉडल पर विकसित किया जाएगा।
लखनऊ की इन ऐतिहासिक इमारतों को किया गया है शामिल-
इस योजना में लखनऊ की छतर मंजिल, कोठी गुलिस्ताए इरम, कोठी दर्शन विलास और कोठी रोशनउद्दौला को हेरिटेज होटल बनाया जाएगा। आपको बता दें कि फरवरी में हुए इन्वेस्टर समिट के दौरान होटल उद्योग में 40 हजार करोड़ से अधिक का निवेश किया गया था। इस दौरान कनाडा, यूएस समेत कुछ अन्य देशों की होटल चेन में हेरिटेज हॉस्पिटलिटी में रुचि दिखाई थी। जिन होटल चेन को हैरिटेज बिल्डिंग लीज पर दी जाएगी। उनको उसे संभालना होगा मरम्मत या देखरेख के लिए वही निर्माण सामग्री प्रयोग करनी होगी जिन से वह इमारत बनी थी।
क्यों खास हैं लखनऊ की ये इमारतें-
लखनऊ की छतर मंजिल का निर्माण 1780 में नवाब गाजीउद्दीन हैदर ने शुरू करवाया था। गोमती के तट पर कुल 9.88 एकड़ में विस्तारित इस इमारत की खूबसूरती में चार चांद लगाती इसके ऊपर लगी विशालकाय सुनहरी छतरी है, जिसकी वजह से छतर मंजिल इसका नाम पड़ा। छतर मंजिल देश के आजाद होने तक यूनाइटेड सर्विसेज क्लब रहा। बाद में इसे सीडीआरआई को दे दिया गया।
कोठी रोशनउद्दौला कैसरबाग बस अड्डे के सामने सड़क के उस पार 1. 7 एकड़ में कोठी रोशनउद्दौला बनी है। यहां मौजूदा समय में निर्वाचन आयोग का दफ्तर है। नवाब के शासनकाल में ताजाउद्दीन मोहम्मद हुसैन खां अवध के प्रधानमंत्री थे उनके लिए ही इस इमारत को बनाया गया था। रोशनद्दौला ने ही इसका निर्माण कराया था।
कैसरबाग में ही कोठी दर्शन विलास 1. 35 एकड़ विस्तार के साथ स्थित है। इसका निर्माण 1832 से 1837 के बीच हुआ। इसे बनाने में अलग-अलग वास्तुकला शैली अपनाई गई है, जिनमें यूरोपियन प्रमुख हैं। यह महल खासतौर पर नवाब नसीरुद्दीन हैदर ने अपनी बेगमों के रहने के लिए बनवाया था।
कैसरबाग में ही गुलिस्तान ए इरम 1. 35 एकड़ विस्तार के साथ स्थित है। इसका निर्माण नवाब गाजीउ्दीन हैदर ने 1818 से 1827 के बीच कराया था। उनके बेटे नसीरुद्दीन हैदर ने इसे पूरा करवाया था। नसीरुद्दीन हैदर को पढ़ने का काफी शौक था, इतिहासकारों के अनुसार नवाब ने यहां 90 हजार पुस्तकों की लाइब्रेरी बना रखी थी। लखनऊ की ये वो ऐतिहासिक धरोहरें हैं जिनको हेरिटेज होटल के रुप में विकसित किया जाएगा जिससे प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा मिल सके।
Baten UP Ki Desk
Published : 2 August, 2023, 1:31 pm
Author Info : Baten UP Ki