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काशी में पहली बार अब तक के टूटेंगे सारे रिकॉर्ड, 1 करोड़ शिवलिंग की होगी पूजा

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बाबा भोलेनाथ की नगरी काशी के शिवाला घाट के चेतसिंह किले में 9 दिवसीय महानुष्ठान का आयोजन किया गया है। इस अवसर देश विदेश से दर्शन के लिए कई लाख श्रद्धालुओं की आने की उम्मीद है। बता दे कि काशी पहली बार सवा करोड़ पार्थिव शिवलिंगार्चन (शिवलिंग की पूजा अर्चना) का विश्व रिकार्ड बनने जा रहा है। इसके लिए 26 नवंबर को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम वाराणसी आएगी। इस आयोजन में दक्षिण भारत के 500 वैदिक ब्राह्मण और विद्वान शिवलिंग का 16 तरीके से विधिवत पूजा और अभिषेक कर रहे हैं। ये पार्थिव शिवलिंग मिट्टी, गोबर, गंगाजल, और अन्य पवित्र सामग्री से बनाए गए हैं।

महानुष्ठान 19 से 27 नवंबर तक चलेगा-

 काशी में हर साल सवा लाख पार्थिव शिवलिंगार्चन होता है। लेकिन पहली बार काशी में कार्तिक मास को एक करोड़ पार्थिव शिवलिंग का पूजा- अर्चन किया जाएगा। साथ ही नवरत्न, नवधान्य और बाणलिंग का भी पूजन होगा। विश्व कल्याण और धर्म रक्षा के लिए नौ दिनों तक चलने वाले इस अनुष्ठान को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराने की तैयारी है। 19 से 27 नवंबर तक यह अनुष्ठान शिवाला घाट स्थित चेतसिंह किले में होगा। विजयानंदनधा गुरु सेवा समिति के अध्यक्ष रामचंद्र साईं व डॉ. वेंकट के गंजम ने एक बातचीत के दौरान जानकारी देते हुए बताया कि आयोजन में शंकराचार्य, नौ पीठाधीश्वर सहित 20 हजार भक्त शामिल होंगे।

गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में किया जाएगा दर्ज-

उन्होंने दावा किया कि विश्व में इतना बड़ा आयोजन पहली बार काशी में होने जा रहा है। इस करोड़ पार्थिव शिवलिंग को हैदराबाद की पांच हजार महिलाओं और पांच हजार अन्य शिष्यों ने देश भर के 58 केंद्रों पर तैयार किया है। 10 हजार लोगों की टीम ने पांच महीने में इस काम को पूरा किया। इस आयोजन को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल करने के लिए टीम को वाराणसी आमंत्रित किया गया है। अनुष्ठान के बाद इन शिवलिंगों को देश भर के एक करोड़ परिवारों तक पहुंचाया जाएगा। डॉ. गंजम ने बताया कि पौराणिक कथाओं के अनुसार काशी वह स्थान है जहां शिवलिंग पहली बार स्थापित किया गया था। काशी के हर शिवलिंग की अपना एक अलग ही महत्व है। हैदराबाद से एक करोड़ पार्थिव शिवलिंग को निर्मित करके काशी लाया गया है।

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