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उत्तर प्रदेश की सरकार राज्य में धार्मिक पर्यटन के लिए कई योजनाएं चला रही है। ताकि राज्य में पर्यटन को बढ़ाया जा सके। इसी के चलते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज नैमिषारण्य में राज राजेश्वरी मन्दिर की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल हुए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नैमिषारण्य में गोपुरम द्वार का उद्घाटन किया। इस मौके पर यहां पर भारी संख्या में श्रद्धालु और संत मौजूद रहे। सीएम ने दक्षिण भारतीय आचार्यों द्वारा विधि विधान से मंत्रोच्चारण के साथ नैमिषारण्य धाम स्थित मां राज राजेश्वरी मन्दिर के गोपुरम द्वार का शुभारंभ किया। इसके बाद सीएम ने मां राज राजेश्वरी का सूक्ष्म अभिषेक भी किया। मुख्यमंत्री ने वैदिक यंत्रो की धुन के साथ मन्दिर की परिक्रमा की और यज्ञ मंडप के दर्शन भी किए।
मुख्य प्रवेश द्वार पर18 फीट का दरवाजा-
मंदिर के जिस मुख्य प्रवेश द्वार अर्थात गोपुरम का उद्घाटन किया गया है, वहां 18 फीट का दरवाजा लगाया गया है। यह लकड़ी का द्वार दक्षिण भारत से बनकर आया है। यहां मंदिर के खंभों पर देवी-देवताओं की आकृतियां उकेरी गईं हैं।
14 फरवरी से चल रहा है प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव-
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को सीतापुर के नैमिषारण्य में स्थित मां राज राजेश्वरी स्कंदा आश्रम में बने मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में हिस्सा लिया। सीएम योगी ने यहां मंदिर के गोपुरम प्रवेश द्वार का शुभारंभ किया। उन्होंने विधि विधान से पूजा-अर्चना की और यज्ञ मंडप का दर्शन किया। इस दौरान मध्य प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर भी उनके साथ उपस्थित रहे। आपको बता दें कि नैमिष के ग्यावर मार्ग पर स्थित स्कंदा आश्रम में 14 फरवरी से मां राज राजेश्वरी की प्राण प्रतिष्ठा का महोत्सव मनाया जा रहा है। मध्य प्रदेश के हीरापुर के प्रसिद्ध संत षणमुखानंद पुरी ने यहां पर मां राज राजेश्वरी देवी का भव्य मंदिर एवं आश्रम बनवाया है। इसी नवनिर्मित मंदिर के गोपुरम प्रवेश द्वार का सीएम योगी ने शुभारंभ किया है।
10 बीघा क्षेत्र में बना है मंदिर-
गौरतलब है कि यह मंदिर करीब दस बीघे क्षेत्र में बना है। 2016 में मध्य प्रदेश के संत षणमुखानंद पुरी ने यहां जमीन खरीदी थी। तब से लेकर यहां मंदिर का निर्माण हो रहा था। अब निर्माण पूरा होने पर 14 फरवरी से प्राण प्रतिष्ठा का समारोह चल रहा था।
काले पत्थर से बनी है मां राज राजेश्वरी की प्रतिमा-
नवनिर्मित मंदिर के मुख्य गर्भगृह में मां राज राजेश्वरी की प्रतिमा स्थापित है। ये प्रतिमा करीब चार फीट की है और काले रंग के पत्थर से निर्मित है। गर्भगृह में ही देवी ललिता का स्वरूप है। इस विग्रह में देवी के दोनों ओर सरस्वती जी और लक्ष्मी जी हैं। स्वर्ण की तरह बने इस मंदिर में श्रीयंत्र भी स्थापित है। ये श्रीयंत्र कृष्ण शिला से निर्मित है, जिसे दक्षिण भारत के कारीगरों ने बनाया है।
Baten UP Ki Desk
Published : 21 February, 2024, 5:38 pm
Author Info : Baten UP Ki