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सीएम योगी ने कई प्रस्तावों को दी मंजूरी, अब इन होटलों को मिलेगी गृहकर में छूट

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राज्य सरकार अयोध्या में 22 जनवरी को श्री रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के साथ साथ पूरे प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने की तैयारी कर रही है। इसी क्रम में सरकार ने प्रदेश के होटलों के गृहकर को कम करने का फैसला लिया है। इतना ही अब प्रदेश की सभी सड़कों के रखरखाव की जिम्मेदारी भी पांच साल तक ठेकेदार की होगी। साथ ही अयोध्या में आने वाले श्रद्धालुओं को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए सरकार एक नया वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जाएगा। 

तीन गुना कम किया जाएगा इन होटलों का गृहकर

आपको बता दें कि प्रदेश में होटलों पर गृहकर की दरें अलग-अलग तय की गई हैं। चार सितारा से कम की रेटिंग वाले होटलों से आवासीय का पांच गुणा गृहकर लिया जाता है। चार सितारा व इससे अधिक की रेटिंग वाले होटलों से यह कर छह गुणा वसूला जाता है। जिन होटलों में बार की सुविधा होती है, फिर चाहे वे किसी भी श्रेणी के हों, उनका टैक्स आवासीय भवनों का छह गुणा लिया जाता है। जिसको देखते हुए सरकार ने प्रदेश के होटलों के गृहकर में तीन गुना तक कमी करने का निर्णय लिया और इससे संबंधित नगर विकास विभाग के प्रस्ताव को बृहस्पतिवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन मंजूरी दे दी गई है। हांलाकि, गृहकर में केवल उन्हीं होटलों को छूट मिलेगी जो होटल पर्यटन विभाग में पंजीकृत होंगे।

राज्य सरकार ने यह फैसला प्रदेश में होटल व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए ही लिया है। दरअसल, उत्तर प्रदेश पर्यटन नीति 2022 में होटलों को उद्योग का दर्जा दिया गया है और नगर विकास विभाग ने गृहकर कम करने के लिए निर्धारित प्रारूप में आपत्तियां व सुझाव मांगे थे। इसके बाद बृहस्पतिवार को इनका गृहकर कम करने का प्रस्ताव कैबिनेट ने पास कर दिया है। विभागीय अधिकारियों का मानना है कि इससे होटल व्यवसाय में तेजी आएगी और नए होटल भी खुलेंगे। इससे प्रापर्टी टैक्स भी बढ़ने की उम्मीद है। 

अयोध्या में 365 करोड़ रुपये से बनेगा वाटर ट्रीटमेंट प्लांट

वहीं नगर विकास की ओर से अयोध्या में आने वाले श्रद्धालुओं को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए एक नया वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने का फैसला लिया गया। जिस प्रस्ताव पर कैबिनेट बाई सर्कुलेशन सीएम योगी ने अमृत योजना- दो के तहत लगने वाले प्लांट लगाने पर कुल 365.89 करोड़ रुपये खर्च करने की मंजूरी दी है। बता दें कि अमृत-दो के अंतर्गत अयोध्या में सरयू नदी जलापूर्ति स्रोत से वाटर ट्रीटमेंट प्लांट फेस-एक का काम होना है। नगर विकास विभाग ने इसके लिए प्रस्ताव तैयार करते हुए कैबिनेट से मंजूरी के लिए भेजा था। व्यय वित्त समिति द्वारा अनुमोदित लागत में 1347.82 लाख रुपये सेंटेज और 269.06 लाख रुपये लेबर सेस को शामिल करते हुए 36589.54 लाख रुपये के प्रस्ताव भेजा था, जिसे मंजूरी दी गई है। इस योजना से अयोध्या में सभी परिवारों को पाइप लाइन से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जाना है। इस योजना के अंतर्गत प्रस्तावित काम पूरा होने के बाद अयोध्या में पुनर्गठन पेयजल योजना द्वारा यहां रहने वालों को शत-प्रतिशत शुद्ध पेयजल मिलेगा।

 ठेकेदार को मिली सड़कों के रखरखाव की जिम्मेदारी 

साथ ही प्रदेश की सभी सड़कों के रखरखाव की जिम्मेदारी पांच साल तक ठेकेदार की होगी। वर्तमान में अलग-अलग सड़कों के लिए अलग-अलग समयावधि थी, जिसे खत्म कर दिया गया है। इस फैसले से सड़कों की लागत में मामूली वृद्धि होगी क्योंकि पांच साल का रखरखाव शुल्क ठेकेदार को दिया जाएगा। लोक निर्माण विभाग में वर्तमान में अनुबंध के तहत राज्यमार्ग, मुख्य जिला मार्ग और अन्य जिला मार्गों के रखरखाव की जिम्मेदारी ठेकेदार की एक वर्ष की होती है। अन्य ग्रामीण मार्गों में रखरखाव अवधि दो वर्ष की है। इस अवधि में कोई टूट फूट होने पर ठेकेदार उसे ठीक कराया है, जिसके लिए उसे कोई अतिरिक्त भुगतान नहीं किया जाता। केंद्र सरकार के ग्राम विकास मंत्रालय के तहत बनाए जाने वाले मार्गों के रखरखाव की अवधि पांच वर्ष है। इसका अनुसरण करते हुए उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग ने भी इसे लागू कर दिया है।

इन सड़कों को मिली स्वीकृति

आपको बता दें कि अब राज्य मार्ग, प्रमुख जिला मार्ग, अन्य जिला मार्ग, शहरी मार्ग और बायपास बनाने वाले ठेकेदार को पांच साल तक मेंटीनेंस का जिम्मा दिया जाएगा। इसके एवज में लागत का 2.5 फीसदी मेंटीनेंस शुल्क भी दिया जाएगा। ग्रामीण मार्गों में मेंटीनेंस शुल्क 7.5 फीसदी होगा। महत्वपूर्ण सड़कों के चौड़ीकरण व सुदृढ़ीकरण के लिए ठेकेदार को 2.5 फीसदी और 5 फीसदी शुल्क अलग से दिया जाएगा। ग्रामीण मार्गों में ये शुल्क 7.5 फीसदी और 10 फीसदी होगा। सामान्य मरम्मत के साथ नवीनीकरण में मेंटीनेंस शुल्क लागत का 15 फीसदी और 25 फीसदी तक होगा। सीमेंट-कंक्रीट मार्ग में भी ठेकेगार को लागत का 2.5 फीसदी मेंटीनेंस शुल्क के रूप में दिया जाएगा। दो सड़कों को भी मंजूरी दी गई। ये प्रोजेक्ट 200 करोड़ रुपये से ऊपर के थे इसलिए कैबिनेट में लाए गए थे। इसमें गोरखपुर-महराजगंज मार्ग एचएन सिंह चौराहा से हड़हवाफाटक-जोगेश्वर पासी चौराहा होते हुए गुरु गोरक्षनाथ मंदिर तक चार लेन के चौड़ीकरण शामिल है। इसकी कुल लंबाई 4.23 किलोमीटर है। गोरखपुर में ही नकहा जंगल-गोरखपुर रेलवे स्टेशन के पास फोर लेन रेल ओवरब्रिज निर्माण को भी मंजूरी दी गई।

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