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हरमनप्रीत सिंह की अगुआई में भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने पेरिस ओलंपिक में ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए स्पेन को 2-1 से हराकर कांस्य पदक जीत लिया है। यह जीत न केवल भारतीय हॉकी के लिए गौरव का क्षण है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि टीम ने 52 साल बाद लगातार दो ओलंपिक में पदक जीतने की उपलब्धि हासिल की है। इससे पहले टोक्यो ओलंपिक 2020 में भी भारतीय टीम ने कांस्य पदक अपने नाम किया था।
भारत ने किया शानदार खेल का प्रदर्शन-
इस मैच में हरमनप्रीत सिंह ने एक बार फिर अपनी उत्कृष्ट नेतृत्व क्षमता और शानदार खेल कौशल का प्रदर्शन किया। भारतीय टीम ने पूरे मैच के दौरान शानदार डिफेंस और तेज़ आक्रमण के साथ स्पेन की टीम को मात दी। मैच के निर्णायक क्षणों में भारतीय खिलाड़ियों ने धैर्य बनाए रखा और महत्वपूर्ण गोल दागकर मैच को अपने पक्ष में कर लिया।
पहले क्वार्टर में दोनों टीमों के बीच कड़ी टक्कर-
भारत और स्पेन के बीच पहले क्वार्टर में दोनों टीमों ने कड़ी टक्कर दी, लेकिन कोई भी गोल नहीं हो सका, जिससे यह क्वार्टर गोल रहित बराबरी पर खत्म हुआ। दूसरे क्वार्टर में स्पेन ने गोल कर बढ़त बना ली थी, लेकिन भारतीय टीम ने हार नहीं मानी। क्वार्टर के अंत से पहले ही हरमनप्रीत सिंह ने शानदार गोल कर भारत को बराबरी दिलाई। हॉफ टाइम तक मुकाबला 2-2 की बराबरी पर चल रहा था।
तीसरे क्वार्टर में हरमनप्रीत ने दिखाया कमाल-
तीसरे क्वार्टर में हरमनप्रीत सिंह ने फिर से कमाल दिखाया और भारत को बढ़त दिलाई। चौथे क्वार्टर में दोनों टीमों ने गोल करने के लिए खूब मेहनत की, लेकिन गोल पोस्ट की सुरक्षा पक्की थी। हरमनप्रीत सिंह के गोल और पीआर श्रीजेश के शानदार बचाव के दम पर भारत ने स्पेन को बराबरी का मौका नहीं दिया।
भारतीय हॉकी के लिए ऐतिहासिक जीत-
यह जीत भारतीय हॉकी के लिए ऐतिहासिक है, क्योंकि 1968 और 1972 के बाद यह पहली बार है जब भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने लगातार दो ओलंपिक में पदक जीता है। इस शानदार प्रदर्शन के बाद भारतीय गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने अंतरराष्ट्रीय हॉकी से संन्यास लेने की घोषणा की, जिससे यह ओलंपिक उनके करियर का अंतिम पड़ाव बन गया।
Baten UP Ki Desk
Published : 8 August, 2024, 7:49 pm
Author Info : Baten UP Ki