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मुरादाबाद वासियों को दिवाली के बाद तोहफा मिला है। DGCA ने दिया हवाई सेवा के लिए मुरादाबाद एयरपोर्ट को लाइसेंस दे दिया है। जिसके चलते अब मुरादाबाद से लखनऊ और दिल्ली जाने के लिए सीधी उड़ान शुरू हो जाएगी। लाइसेंस मिलने के बाद मुरादाबाद एयरपोर्ट से लखनऊ व कानपुर के लिए अब जल्द ही फ्लाइट शुरू हो जाएगी। सप्ताह में हर दिन 19 सीटर विमान उड़ान भरेंगे। इसके साथ ही लगभग ट्रेन के किराये में लोग अब फ्लाइट से सफर कर सकेंगे।
हवाई अड्डे पर सभी कार्य पूरे-
आपको बता दें कि हालही में मुरादाबाद हवाई अड्डे पर सभी कार्य पूरे होने के बावजूद उड़ान के लिए लाइसेंस का इंतजार किया जा रहा था। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की ओर से बार-बार लिखा जा रहा था। लेकिन डीजीसीए की तरफ से कोई जवाब नहीं आ रहा था। सितंबर में डीजीसीए का निरीक्षण होने के 3 दिन बाद एएआई पत्र लिख चुका था। इससे पहले हाल ही में हवाई अड्डे पर फायर फाइटर्स को 11 दिन की विशेष ट्रेनिंग देने के बाद 12वें दिन उनकी परीक्षा भी ली गई थी। इसमें भी दिल्ली से बोर्ड के सदस्य मुरादाबाद गए थे। हवाई अड्डे के रनवे, सर्कुलेंटिग एरिया, पार्किंग परिसर, वीवीआईपी लॉज आदि के रखरखाव का खास ख्याल रखा जा रहा है। इसके साथ ही पेड़ों की छंटाई भी की गई है।
लाइसेंस मिलने के बाद अब यहां से लखनऊ व कानपुर के लिए फ्लाइट शुरू होगी। यहां से सप्ताह में हर दिन 19 सीटर विमान उड़ान भरेंगे। लगभग ट्रेन के किराये में लोग फ्लाइट का सफर कर सकेंगे। इन्हें मिलने वाले ट्रैफिक के आधार पर अन्य शहरों के लिए उड़ानें भी शुरू की जाएंगी।
हवाई अड्डे पर शहर की गंगा-जमुनी तहजीब-
आपको बता दें कि मुरादाबाद हवाई अड्डे पर आम नागरिक जैसे ही चेक इन के लिए प्रवेश करेंगे तो उन्हें हॉल में शहर की गंगा-जमुनी तहजीब की झलक दिखेगी। इसके लिए हॉल में चौरासी घंटा मंदिर की प्राचीन तस्वीर व इतिहास दिखाई देगा। नेपाल नरेश की ओर से घंटा चढ़ाने की जानकारी भी इसमें साझा की गई है। साथ ही जामा मस्जिद की तस्वीर व इतिहास चस्पा किया गया है। इसमें बताया गया है कि तत्कालीन मुगल शासक शाहजहां के वजीर रुस्तम खां ने इस मस्जिद का निर्माण सन 1637 में करवाया था। इससे संदेश देने की कोशिश की गई है कि शहर में सभी धर्मों के लोग सदियों से मिलजुल कर रह रहे हैं।
Baten UP Ki Desk
Published : 18 November, 2023, 4:00 pm
Author Info : Baten UP Ki