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हेट स्पीच मामले में आजम खां को 'सुप्रीम' राहत, अब नहीं देना पड़ेगा आवाज का नमूना

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हेट स्पीच मामले में आजम खां को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने आज निचली अदालत के उस फैसले पर रोक लगा दी है जिसमें समाजवादी पर पार्टी के नेता आज़म खां को आवाज का नमूना देने के लिए निर्देश दिए गए थे। आपको बता दें कि आजम पर 2007 में बसपा प्रमुख मायावती के खिलाफ कथित तौर पर नफरत फैलाने वाला भाषण देने और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप है। इसी मामले में निचली अदालत में उन्हें अपनी आवाज का नमूना देने के निर्देश दिए थे। जिससे भाषण से मिलान कराया जा सके।

विस्तार से जानिए क्या है पूरा मामला- 

सपा के राष्ट्रीय महासचिव मोहम्मद आजम खां के खिलाफ 7 अगस्त 2017 को विधानसभा चुनाव में भाषण के दौरान टांडा थाने में दलित समाज के प्रति आपत्तिजनक और जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल करने के आरोप  में बसपा नेता धीरज कुमार सिंह ने मुकदमा दर्ज कराया था। उनका आरोप था कि इससे विभिन्न वर्गों के लोगों में शत्रुता को बढ़ावा दिया और लोगों के बीच दुश्मनी या नफरत पैदा करने, धर्म जाति और भाषा के आधार पर बांटने का प्रयास किया गया है।  पुलिस ने विवेचना के आधार पर मामले की चार्जसीट कोर्ट में दाखिल की थी। कोर्ट में इस मामले की सुनवाई चल रही है। पिछले दिनों हाईकोर्ट ने सपा नेता की रिट को खारिज करते हुए आवाज का नमूना देने के आदेश दिए थे। अब इस मामले में एमपी एमएलए सेशन ट्रायल कोर्ट ने पिछले दिनों विधि विज्ञान प्रयोगशाला को सपा नेता की आवाज का सैंपल लेने के लिए आदेश दिए थे।

25 अगस्त को प्रयोगशाला में देना था आवाज का नमूना-

विधि विज्ञान प्रयोगशाला ने इस मामले में 25 अगस्त को प्रयोगशाला में आवाज का नमूना लेने की तारीख तय की थी। नमूना लेने की तैयारी पूरी हो चुकी थी। आजम खान की आवाज का नमूना मजिस्ट्रेट और विवेचन की निगरानी में लिया जाना था। इसके साथ ही दो गवाह भी आवाज का नमूना देते समय मौके पर मौजूद रहते। इसके लिए स्थानीय स्तर पर भी पुलिस और प्रशासनिक अमले ने तैयारी शुरू कर दी थी। लेकिन आजम खां ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी जहां उन्हें राहत मिल गई है। पीठ का यह आदेश न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति पीके मिश्रा की पीठ ने आजम की याचिका पर उत्तर प्रदेश और मामले में शिकायतकर्ता को नोटिस जारी किया है। साथ ही पिछले साल 29 अक्टूबर की ट्रायल कोर्ट के निर्देश पर अंतिम रोक लगाने का आदेश दिया है।

 

 

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