बड़ी खबरें

दिल्ली लाया जा रहा मुंबई हमले का दोषी तहव्वुर, अमेरिका से आ रही स्पेशल फ्लाइट आज होगी लैंड, 16 साल बाद भारत की गिरफ्त में 3 घंटे पहले देश के 20 राज्यों में आज आंधी-बारिश:बिजली गिरने से UP में 4 और बिहार में 22 की मौत 3 घंटे पहले बंगाल में नए वक्फ कानून पर हिंसा, देशभर में पर्सनल लॉ बोर्ड का प्रदर्शन, सुप्रीम कोर्ट में 16 अप्रैल को सुनवाई 3 घंटे पहले लखनऊ में मूसलाधार बारिश से उफनाए नाले, आंधी से पोल और पेड़ उखड़े, कई फीडर से बिजली की सप्लाई बंद 3 घंटे पहले यूपी में 5 रूटों पर चलेंगी 50 एसी इलेक्ट्रिक बसें:उत्तर प्रदेश परिवहन निगम और मैसर्स आरजी मोबिलिटी के बीच समझौता हुआ, आरामदायक होगा सफर 3 घंटे पहले

गोरखपुर विश्वविद्यालय के छात्रों को पत्रकारिता के विषय में कराई जाएगी पीएचडी

Blog Image

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के छात्रों को अब पत्रकारिता में पीएचडी करने के लिए दूसरे कॉलेजों का रुख नहीं करना पड़ेगा, बल्कि वह अब गोरखपुर विश्वविद्यालय से ही पीएचडी कर सकेंगे। दरअसल, राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर आयोजित संगोष्ठी में कुलपति ने गोरखपुर विश्वविद्यालय में ही छात्रों को पत्रकारिता के क्षेत्र में पीएचडी की उपाधि दिलाने की घोषणा की है। इस दौरान कुलपति प्रो. पूनम टंडन, हिंदी विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. अनिल राय, प्रो. आयुष, रजनीश चतुर्वेदी, नर्गिस बानो, पुष्पजीत सिन्हा आदि मौजूद रहे।

विद्यार्थियों को पत्रकारिता में मिलेगी उच्च शिक्षा-

कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने कहा कि विश्वविद्यालय में पत्रकारिता विषय में स्नातक (बीजे) और स्नातकोत्तर (एमजे) की पढ़ाई की जाती है। अब जल्द ही पत्रकारिता विषय में पीएचडी की भी शुरुआत की जाएगी। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता एक महत्वपूर्ण विषय है। इस विषय में पीएचडी करने से विद्यार्थियों को पत्रकारिता के क्षेत्र में उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। इससे उन्हें पत्रकारिता के क्षेत्र में बेहतर करियर बनाने में मदद मिलेगी। साथ ही उन्होंने कहा कि जल्द ही पत्रकारिता के छात्रों को स्टूडियो भी उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने यह भी साफ किया जल्द नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मानकों पर पत्रकारिता के पाठ्यक्रम का संचालन भी किया जाएगा।

इस दौरान बतौर मुख्य अतिथि राज्य सूचना आयुक्त हर्षवर्धन शाही ने कहा कि प्रेस परिषद उस बुजुर्ग की तरह है, जो घर का मुखिया तो है लेकिन उसकी कोई सुनता नहीं है। पत्रकारिता की गरिमा बनाए रखना पत्रकारों की जिम्मेदारी और जरूरत दोनों है। पत्रकार को खुद में विद्यार्थियों के पंच लक्षणों को समाहित करने की आवश्यकता है।

हिंदी विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. अनिल राय ने कहा कि पत्रकारिता पर निगरानी के लिए प्रेस परिषद की स्थापना की गई थी। संगोष्ठी में पत्रकारिता के विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय के स्वर्णिम इतिहास पर तैयार की गई रेडियो रिपोर्ट प्रस्तुत की। साथ ही स्त्री शिक्षा पर आधारित रेडियो नाटक का प्रस्तुतीकरण दिया। छात्रों द्वारा संचालित ‘विश्व संवाद’ अखबार का विमोचन भी अतिथियों ने किया।

 

 

अन्य ख़बरें

संबंधित खबरें