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लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) में अब नामांतरण की प्रक्रिया को 60 दिनों में पूरा करने की गारंटी दी गई है। पहले शुल्क के सत्यापन में देरी के चलते कई मामलों का निस्तारण निर्धारित समय पर नहीं हो पा रहा था, जिससे आवंटियों को परेशानी का सामना करना पड़ता था। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने प्रक्रिया को सरल करने का आदेश दिया है। अब संपत्ति अनुभाग स्वयं ऑनलाइन नामांतरण शुल्क का सत्यापन कर कार्यवाही को आगे बढ़ा सकेगा।
पोर्टल पर मिलेगी हर अपडेट-
नामांतरण प्रमाणपत्र जारी होते ही एलडीए के पोर्टल पर इसकी सूचना अपलोड की जाएगी। उपाध्यक्ष ने इस संबंध में एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है, जिसके तहत अधिकारियों और योजना सहायकों की जिम्मेदारियाँ तय की गई हैं। यदि किसी कारणवश फाइल निर्धारित समय से अधिक रुकी रहती है, तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
लंबित मामलों के समाधान के लिए नई एसओपी-
एलडीए के अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा ने बताया कि प्राधिकरण की विभिन्न योजनाओं में आवंटियों द्वारा नामांतरण की कार्यवाही कराई जाती है, जिसे जनहित गारंटी अधिनियम के तहत 60 दिन में पूरा होना चाहिए। हालाँकि, कुछ जटिल प्रक्रियाओं के चलते यह कार्यवाही कई बार एक वर्ष से भी अधिक समय तक लंबित हो जाती है। इस समस्या के समाधान के लिए एलडीए उपाध्यक्ष ने लंबित फाइलों के निस्तारण के दौरान इस प्रक्रिया का सरलीकरण करने का आदेश दिया है।
नामांतरण प्रक्रिया को किया गया डिजिटल और पारदर्शी-
अब ऑनलाइन आवेदन प्राप्त होने पर नोडल ऑफिसर, प्रभारी अधिकारी-संपत्ति और योजना सहायक को समयबद्ध तरीके से फाइल आगे बढ़ानी होगी। योजना सहायक आवेदन पत्र का फाइल से मिलान करेंगे और अपनी संस्तुति प्रभारी संपत्ति अधिकारी को भेजेंगे। यह प्रक्रिया सात दिन के भीतर पूरी होनी है। इसके बाद आवंटियों को ऑनलाइन नामांतरण और प्रकाशन शुल्क जमा कराने की सूचना उसी दिन भेजी जाएगी।
सत्यापन प्रक्रिया को किया गया तेज-
पहले ऑनलाइन शुल्क जमा करने के बाद संपत्ति और लेखा अनुभाग के बीच सत्यापन में काफी समय लगता था, लेकिन अब यह प्रक्रिया सरल कर दी गई है। अब संपत्ति अनुभाग ही यूनिक ट्रांजेक्शन रेफरेंस (यूटीआर) और आईएमपीएस नंबर के जरिये धनराशि का सत्यापन करेगा। सत्यापन के बाद फाइल लेखा अनुभाग को भेजी जाएगी, और यदि गलती पाई जाती है तो नामांतरण को निरस्त करते हुए आवंटी से ब्याज सहित शुल्क जमा कराया जाएगा।
म्यूटेशन प्रमाणपत्र होगा ऑनलाइन उपलब्ध-
उत्तराधिकार के आधार पर नामांतरण होने की स्थिति में, प्रभारी संपत्ति अधिकारी की ओर से प्रक्रिया पूरी होते ही आवेदन ऑनलाइन स्वीकृत या निरस्त किया जाएगा। इसके बाद म्यूटेशन सर्टिफिकेट डाउनलोड कर फाइल में संलग्न किया जाएगा और साथ ही प्राधिकरण के पोर्टल पर नामांतरण की सूचना दर्ज कर दी जाएगी, जिससे पारदर्शिता और सुविधा दोनों सुनिश्चित हो सकेगी। इस नई व्यवस्था के तहत एलडीए में नामांतरण की प्रक्रिया अब समयबद्ध और अधिक सरल हो गई है, जिससे आवंटियों को राहत मिलेगी और फाइलें अनावश्यक रूप से लंबित नहीं रहेंगी।
Baten UP Ki Desk
Published : 1 October, 2024, 3:19 pm
Author Info : Baten UP Ki