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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने सामाजिक सद्भाव के साथ ही गैर हिन्दुओं के साथ संपर्क बढ़ाने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा है कि संघ किसी भी धर्म का विरोधी नहीं। ये बातें उन्होंने लखनऊ मे अपने तीन दिवासीय प्रवास के दौरान कहीं। आपको बता दें कि संघ प्रमुख मोहन भागवत 22-24 सितंबर तक लखनऊ प्रवास पर आएं हैं जहां वो विभिन्न बैठकों में शामिल हो रहे हैं।
सिखों, मुस्लिम और ईसाई समाज के साथ बढ़ाया जाएगा संपर्क-
संघ सिखों के साथ-साथ मुस्लिम और ईसाई समाज के साथ भी संपर्क बढ़ाएगा। संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने लखनऊ में बैठक के दौरान कहा कि संघ एक समावेशी संगठन है और वह सभी भारतीयों के साथ मिलकर काम करना चाहता है। भागवत ने कहा कि संघ पिछले कुछ वर्षों से दलित और आदिवासी समुदायों के साथ संपर्क बढ़ा रहा है। अब, वह सिखों, मुस्लिमों और ईसाइयों के साथ भी संपर्क बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि संघ इन समुदायों के साथ मिलकर काम करेगा ताकि भारत में सामाजिक समरसता को बढ़ावा दिया जा सके।
दलितों और गरीब तबके की करें मदद-
सर संघ चालक मोहन भागवत ने अवध प्रांत और अवध प्रांत के सात विभागों की टोलियों के साथ हुई बैठक में इस पर मंथन किया। निराला नगर स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में सुबह 9 बजे से शुरू हुआ बैठकों का सिलसिला शाम 5 बजे तक चला। इसमें शताब्दी वर्ष तक अवध प्रांत के प्रत्येक गांव में शाखा, साप्ताहिक मिलन और मासिक मंडली बैठक का आयोजन करने पर मंथन हुआ। संघ प्रमुख ने अवध प्रांत में दलित और मलिन बस्तियों के बीच लगातार कार्यक्रमों के आयोजन पर जोर दिया। कहा, दलितों और गरीब तबके के लोगों को उनका हक दिलाने में स्वयं सेवक मदद करें।
प्रमाणिक स्वयंसेवकों की टीम करें तैयार -
संघ प्रमुख ने कहा कि शाखा और सेवा कार्यों का विस्तार तो हो रहा है लेकिन आगे इन कार्यों को लगातार जारी रखने के लिए प्रमाणिक स्वयंसेवकों की जरूरत है। ऐसे स्वयंसेवक तैयार करें जो इस जिम्मेदारी का निर्वहन कर सकें। उन्होंने प्रांत और विभाग के पदाधिकारियों से कहा कि ऐसे स्वयंसेवक तैयार करें जो दिन में कम से कम तीन से चार घंटे संघ को दे सकें। लगातार लोगों के बीच बैठक कर उनसे संपर्क और समन्वय बनाएं। उसके बाद उन्हें संघ परिवार की जानकारी देते हुए शाखा से जोड़े।
संघ की सामाजिक समरसता बीजेपी के लिए फायदेमंद-
मोहन भागवत की इस घोषणा की जहां कुछ लोगों ने स्वागत किया है,वहीं कुछ ने इसकी आलोचना की है। कुछ लोगों का कहना है कि संघ अपने हिंदुत्व के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए इन समुदायों का इस्तेमाल कर रहा है। संघ के इस कदम के पीछे कुछ संभावित कारण हैं। एक कारण यह हो सकता है कि संघ आगामी 2024 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी को जीत दिलाने के लिए वोट बैंक को बढ़ाना चाहता है। दूसरा कारण यह हो सकता है कि संघ भारत में बढ़ती सांप्रदायिकता के बीच सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहा हो। बहरहाल संघ की इस घोषणा से आगामी चुनाव में बीजेपी का फायदा मिलने के संकेत जरूर मिल रहे हैं।
Baten UP Ki Desk
Published : 24 September, 2023, 10:38 am
Author Info : Baten UP Ki