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सपा के राष्ट्रीय महासचिव ने छोड़ा पार्टी का साथ, रवि वर्मा ने दिया इस्तीफा, जानिए किस पार्टी का थामेंगे दामन

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लोकसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। लखीमपुर खीरी संसदीय सीट से दो बार सांसद रहे सपा के कद्दावर नेता रवि प्रकाश वर्मा ने आज सपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। सपा प्रमुख अखिलेश यादव को भेजे अपने इस्तीफे में उन्होंने लिखा है कि खीरी में पार्टी के आंतरिक गतिविधियों के कारण वो काम कर पाने में असमर्थ हैं, इसलिए सपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं।

कांग्रेस का थाम सकते हैं दामन-

सपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद। रवि वर्मा के अब कांग्रेस में शामिल होने की चर्चा जोरों पर है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस प्रदेश कमेटी ने उनको पार्टी में शामिल कराने की तैयारियां पूरी कर ली हैं। आइए आपको बताते हैं कि कौन हैं रवि वर्मा...

कौन हैं रवि प्रकाश वर्मा-

लखीमपुर खीरी के गोला निवासी रवि प्रकाश वर्मा खीरी  संसदीय सीट से दो बार सांसद और एक बार राज्यसभा सांसद रह चुके हैं। वह इसी साल जनवरी महीने में सपा के तीसरी बार राष्ट्रीय महासचिव बने थे। लेकिन, कुछ ही महीनों बाद उनकी सपा से अनबन सामने आ गई थी। तभी से इस बात के कयास लगाए जाने लगे कि रवि वर्मा लोकसभा चुनाव से पहले सपा का साथ छोड़ सकते हैं।
रवि प्रकाश वर्मा के पिता बाल  गोविंद वर्मा साल 1962 से 1971 और फिर 1980 में सांसद चुने गए थे। कुछ दिन बाद उनका निधन हो गया तो उपचुनाव हुआ, जिसमें रवि प्रकाश की माता उषा वर्मा सांसद चुनी गईं। इसके बाद वह वर्ष 1984 से 1989 तक सांसद रहीं। रवि प्रकाश वर्ष 1998 से 2004 तक सपा से सांसद रहे। इसके बाद 2014 से 2020 तक राज्यसभा सदस्य रहे। आपको बता दें कि सपा के स्थानीय और नए नेताओं को पार्टी में  ज्यादा तरजीह दिए जाने से रवि वर्मा नाराज थे। इसी के चलते जून महीने में जब सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव दो दिन के दौरे पर कार्यकर्ता सम्मेलन में खीरी आए थे तो उनके मंच से कद्दावर नेता रवि प्रकाश वर्मा गायब थे।

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