बड़ी खबरें
भारत में प्रत्येक साल 15 जनवरी को "भारतीय सेना दिवस" (Indian Army Day) मनाया जाता है। ये दिन भारत के इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक की याद दिलाता है। इस दिन भारतीय सैनिकों की उपलब्धियों, देश सेवा, अप्रतिम योगदान और त्याग को सम्मानित किया जाता है। ऐसे में इस साल का सेना दिवस कई तरह से बहुत खास और ऐतिहासिक होने वाला है। जिसे आगे चलकर इतिहास के पन्नों में दर्ज किया जाएगा। तो आइयें विस्तार से जानतें हैं इस साल के सेना दिवस में क्या क्या खास होने वाला है....
राजधानी में पहली बार मनाया जाएगा Indian Army Day
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पहली बार 15 जनवरी को 76वां "भारतीय सेना दिवस" (Indian Army Day) मनाया जाएगा। जिसको लेकर शहर को सजाने और व्यवस्थाएं करने की जिम्मेदारी पुलिस और प्रशासन के अधिकारी को दी गई है। जिसकी तैयारिंया भी लखनऊ में जोरों पर चल रही हैं। इस अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल होंगे।
पहली बार AI के जरिये दिया जाएगा अवॉर्ड
आपको बता दे कि साथ ही ऐसा भी पहली बार होगा जब "बेस्ट मार्चिंग कंटिजेंट" का अवॉर्ड कोई इंसान नहीं बल्कि एक AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से दिया जाएगा। इस बार की परेड में सेना की 6 टुकड़ियां मार्चिंग कंटिजेंट में शामिल होंगी। इसके अलावा परेड में मिलिट्री डिस्प्ले के साथ माइक्रोलाइट्स, एयरफोर्स हेलिकॉप्टर्स के फ्लाई पास्ट भी होगा। साथ ही आगरा के आर्मी एडवेंचर नोड का पैरा मोटर्स डिस्प्ले और पैरा कमांडोज का कॉम्बैट फ्री फॉल भी होगा। इसके अलावा सिग्नल कॉर्प्स के मोटर साईकल राइडर भी जौहर दिखाएंगे।
आर्मी के बेमिसाल वेपन का होगा प्रदर्शन
इस बार सेना दिवस के आयोजन में इंडियन आर्मी के बेमिसाल हथियारों का भी प्रदर्शन होगा। जिनमें K9 वज्र सेल्फ प्रोपेल गन, T-90 टैंक, सर्वत्र ब्रिजिंग सिस्टम, इन्फेंट्री कॉम्बैट वेहिकल, तुंगुस्का एयर डिफेंस सिस्टम, 155 mm के बोफोर्स तोप, 155 mm की शारंग या सोलटम गन, ग्रैड बीएम -21 और पैरा बटालियन के हल्के स्ट्राइक वाहन का भी प्रदर्शन होगा।
तीन दिनों तक कार्यक्रमों का होगा आयोजन
आपको बता दें कि इस बार सेना दिवस पर तीन दिनों के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। जिसकी बारें में जानकारी देते हुए लखनऊ स्थिति मध्य यूपी सब एरिया MUFSA के कमांडर मेजर जनरल सलिल सेठ ने एक बातचीत के दौरान बताया कि 15 जनवरी को होने वाले इस आयोजन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अलावा यूपी की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल होंगे। उन्होंने यह भी बताया कि आर्मी डे पर होने वाले मुख्य कार्यक्रमों का आगाज 13 जनवरी से होगा। पहले मध्य कमान अलंकरण समारोह का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान लेफ्टिनेंट जनरल राजा सुब्रमणि मौजूद रहेंगे।
मार्शल आर्ट्स, डॉग डेयर समेत कई हैरतअंगेज दिखाए जाएंगे कर्तव्य
साथ ही इसके अगले दिन यानी 14 जनवरी को 8वां वेटेरन डे का आयोजन किया जाएगा। इसमें डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक शामिल होंगे। इस कार्यक्रम में परमवीर चक्र विजेता शहीद कैप्टन मनोज पांडेय के पिता जीसी पांडेय को भी सम्मानित किया जाएगा। दोपहर को स्वागत समारोह मनाया जाएगा। जिसमे रक्षा मंत्री, गवर्नर, सीएम के अलावा चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ शामिल होंगे। इसके बाद इसी शाम को सिम्फनी बैंड कॉन्सर्ट होगा। जो आम लोगों के लिए भी खुला रहेगा। जिसमें रक्षा मंत्री भी शामिल होंगे। इसके बाद 15 जनवरी को सेना दिवस के अवसर पर सुबह मुख्य आयोजन होगा। इसी दिन शाम को शौर्य संध्या का आयोजन होगा। जिसमें सेना से जुड़े मार्शल आर्ट्स, डॉग डेयर समेत कई हैरतअंगेज कर्तव्य दिखाए जाएंगे। कुल मिलाकर इस बार का सेना दिवस ऐतिहासिक होने वाला है। लेकिन ऐसे में यह भी जानना जरुरी है कि हर साल मनाये जाने वालें सेना दिवस की शुरुआत कैसे हुई, इसे क्यों मनाया जाता है और इससे पहले कहां मनाया गया।
भारतीय सेना दिवस का महत्व
अगर हम भारतीय सेना दिवस के महत्व के बारें में बात करें तो भारत के इतिहास भारतीय सेना का एक खास महत्व है। इस दिन भारत की एकता, अखंडता और रक्षा के लिए 24 घंटे तत्पर रहने वाली "भारतीय सेना दिवस" (Indian Army Day) के शौर्य और सम्मान के लिए भारतीय सेना दिवस मनाया जाता है। भारतीय सेना के लिए देश के नागरिकों के दिल में हमेशा से ही खास स्थान रहा है। सरहदों पर कई मुश्किलों का सामना करते हुए भी देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान देने वाले भारतीय सेना के वीर जवानों के त्याग और बलिदान को नमन करने के लिए प्रत्येक साल 15 जनवरी को Indian Army Day का आयोजन किया जाता है।
क्या है Indian Army Day का इतिहास
आपको बता दें कि यह दूसरा अवसर हैं, जब भारतीय सेना दिवस का आयोजन राष्ट्रीय राजधानी के बाहर किया जा रहा है। इससे पहले साल 2023 में बैंगलोर में इसका आयोजन किया गया था। हर साल 15 जनवरी को मनाये जाने वाले भारतीय सेना दिवस की शुरुआत 15 जनवरी 1949 हुई थी। दरअसल औपनिवेशिक शासन के दौरान भारतीय सैनिकों को सेना में उच्च पदों से वंचित रखा जाता था। ब्रिटिश इंडियन आर्मी में सेना के उच्च अधिकारी पदों पर सिर्फ अंग्रेज अधिकारियों को ही नियुक्त किया जाता था, लेकिन 1947 में भारत को करीब 200 साल बाद ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता मिलने के बाद 15 जनवरी साल 1949 में पहली बार किसी भारतीय, को भारतीय सेना के अध्यक्ष पद पर नियुक्त किया गया था। यह कोई और नहीं बल्कि भारतीय लेफ्टिनेंट जनरल केएम करिअप्पा थे। जिनको पहली बार 15 जनवरी 1949 को भारतीय सेना के अध्यक्ष पद की कमान सौपीं गई थी। इन्ही की याद में हर साल 15 जनवरी को Indian Army Day मनाया जाता है। इससे पहले इस पद पर ब्रिटिश कमांडर इन चीफ जनरल फ्रांसिस बुचर तैनात थे।
कौन थे केएम करिअप्पा
आपको बता दें कि लेफ्टिनेंट जनरल केएम करिअप्पा भारतीय सेना के प्रथम भारतीय नागरिक थे, जो अध्यक्ष पद पर तैनात हुए थे। जिनका जन्म 28 जनवरी 1899 को कर्नाटक राज्य के कुर्ग प्रांत में हुआ था। बचपन में इन्हें चिम्मा के नाम से भी जाना जाता था। शुरु से ही सेना में जाने की रुचि रखने वाले केएम करिअप्पा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद कॉलेज के ही दिनों में सेना में भर्ती के लिए आवेदन कर दिया था और उनका चयन होने के बाद वर्ष 1920 में सेना में अस्थायी और साल 1922 में स्थायी कमीशन प्राप्त करने के बाद वे नियमित रूप से अपनी सेवाएं देने लगे। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने ब्रिटिश इंडियन आर्मी में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया और अपनी प्रतिभा को साबित किया।
-अनीता
Baten UP Ki Desk
Published : 13 January, 2024, 5:12 pm
Author Info : Baten UP Ki