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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले पर योगी सरकार से मांगा जवाब

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बाजार में खुलेआम बिकने वाले एसिड के मुद्दे पर राज्य सरकार से जवाब तलब किया है और एसिड घटनाओं को लेकर पिछले पांच सालों का ब्योरा मांगा है। कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 23 जनवरी की तारीख दी है।

कोर्ट ने एसिड बिक्री पर मांगा सरकार से जवाब

आपको बता दें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मंगलवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए बाजार में बिकने वाले एसिड को लेकर राज्य सरकार से कुछ अहम सवाल पूछे हैं। कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि प्रदेश में खुलेआम एसिड बिक्री पर रोकथाम को लेकर क्या कदम उठाए गए हैं? साथ ही अब तक कितने एसिड अटैक पीड़ितों को मुआवजा दिया गया है? यही नहीं पिछले पांच साल में हुए एसिड अटैक की घटनाओं का हाईकोर्ट ने ब्यौरा भी मांगा है। 

हलफनामा दाखिल करेंगे डिप्टी चीफ सेक्रेटरी
दरअसल, इलाहाबाद हाईकोर्ट में नव्या केसरवानी व अन्य की तरफ से जनहित याचिका दाखिल की गई है। जिस पर चीफ जस्टिस की डिविजन बेंच ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से एसिड मामलों को लेकर जवाब मांगा है। इतना ही नहीं कोर्ट ने प्रदेश सरकार के डिप्टी चीफ सेक्रेटरी से व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने को कहा है।

सुप्रीम कोर्ट तक जा चुके हैं मामले- 

आपको बता दें कि प्रदेश के कई जिलों से आए दिन ऐसे मामले देखने या सुनने को मिलते हैं। जिन मामलों में कभी किसी स्कूल जा रही बच्ची, तो कभी किसी महिला को एसिड की घटना का शिकार होना पड़ता। प्रदेश भर में आज तेजी से एसिड की घटनाएं बढ़ रही हैं लेकिन फिर भी बाजारों में इसकी खुली बिक्री हो रही है। उम्मीद है कि राज्य सरकार इसी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए जल्द ही कोई ठोस कदम उठाएगी। हांलाकि, पहले भी ऐसे मामले सुप्रीम कोर्ट तक जा चुकें हैं। जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट केंद्र व राज्य सरकारों को एसिड की बिक्री को नियंत्रित करने के लिए कानून बनाने को कह चुका है। 

कितना खतरनाक है एसिड

दरअसल, एसिड एक ऐसा खतरनाक पदार्थ है। जो त्वचा, आंखों और शरी के अन्य अंगों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। एसिड हमले के पीड़ितों को लंबे समय तक शारीरिक और मानसिक पीड़ा झेलनी पड़ती है। इन हमलों में महिलाओं और बच्चों को सबसे अधिक नुकसान पहुंचता है। कभी कभी तो वह ऐसी घटनाओं से जिंदगी भर नहीं उभर पाती हैं। जिस कारण उन्हें जीवन भर पढ़ाई से लेकर शादी तक की कई कठिनाइयों और समस्याओं का सामना करना पड़ता है। 

 

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