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इलाहाबाद और फैजाबाद के बाद बदल सकता है यूपी के सदियों पुराने जिले का नाम

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उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद, फैजाबाद और अलीगढ़ का नाम बदलने के बाद अब गाजियाबाद का नाम बदलने की चर्चा तेज हो गई है। बताया जा रहा है कि जल्द ही गाजियाबाद का नाम भी बदल दिया जाएगा। आज पहली बार गाजियाबाद की नगर निगम बैठक में गाजियाबाद के नाम को लेकर विस्तार से चर्चा की जाएगी। दरअसल, सोमवार को गाजियाबाद के नाम बदलने की मांग को लेकर निगम की बोर्ड मीटिंग में चर्चा हुई। इस बैठक में दो नामों को लेकर प्रस्ताव रखा गया। पहला नाम "गजनगर" और दूसरा नाम "हरनंदी नगर" है।

बीजेपी के पार्षद सदन में पेश किया प्रस्ताव

आपको बता दें कि गाजियाबाद नगर निगम की बैठक में बीजेपी के पार्षद संजय सिंह ने सोमवार को जिले का नाम बदलने का प्रस्ताव सदन में रखा। इस दौरान अन्य लोगों की तरफ से सहमति बनती नजर आई। इस दौरान शहर की मेयर सुनीता दयाल ने कहा कि नाम बदलने का प्रस्ताव बीते कुछ समय से सामने आ रहा था। लेकिन ऐसा पहली बार होगा, जब कार्यकारी स्तर पर इसको लेकर चर्चा होगी। पहली बार इस प्रस्ताव पर मंगलवार को विस्तार से चर्चा होगी। वहीं वार्ड नंबर 100 के पार्षद संजय सिंह ने बोर्ड मीटिंग में प्रस्ताव पेश करने के बाद कहा कि नगर निगम में बीजेपी के पास बहुमत है। बोर्ड ने मेरे प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अब इस मुद्दे पर मंगलवार को विस्तार से चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि शहर के नाम बदलने का अब सही समय आ गया है।

1740 में जिले की हुई थी स्थापना-

इसी के साथ बता दें कि गाजियाबाद का नाम बदलने की मांग पिछले कुछ वर्षों से उठ रही है। इस मांग को लेकर हिंदू संगठनों ने कई बार आंदोलन भी किया है। दरअसल, गाजियाबाद नगर की स्थापना 1740 में मुगल सम्राट मुहम्मद शाह के वजीर गाजी-उद-दीन ने कोलकाता से पेशावर तक जाने वाली ग्रैंड ट्रंक रोड पर की थी, और उन्हीं के नाम पर इसे तब गाजी-उद-दीन नगर कहा जाता था। लेकिन रेलवे लाइन खुलने के बाद इसका नाम छोटा कर गाजियाबाद कर दिया गया।

जल्द ही राज्य सरकार के पास भेजा जाएगा प्रस्ताव-

वहीं हिन्दू संगठन वालों का कहना है कि गाजियाबाद का नाम मुगल शासक गाजी-उद-दीन के नाम पर रखा गया था। यह नाम इस शहर की संस्कृति और पहचान के अनुरूप नहीं है। इसलिए इसका नाम बदलकर किसी हिंदू संत या राजा के नाम पर रखा जाना चाहिए। हरनंदी नगर नाम का प्रस्ताव हरनंदी नदी के नाम पर रखा गया है। हरनंदी नदी गाजियाबाद से होकर गुजरती है। यह नदी इस शहर की संस्कृति और अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसलिए गाजियाबाद का नाम बदलकर हरनंदी कर देना चाहिए। गाजियाबाद के नाम को बदलने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। निगम की बोर्ड मीटिंग में प्रस्ताव पारित होने के बाद अब यह प्रस्ताव राज्य सरकार के पास जाएगा। राज्य सरकार इस प्रस्ताव पर विचार करेगी और अंतिम निर्णय लेगी।

 

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