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Twitter पर क्यों हुआ 50 लाख रुपए का जुर्माना ?

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कर्नाटक हाईकोर्ट आज केंद्र सरकार के आदेश के खिलाफ लगाई गई ट्विटर की याचिका को खारिज कर दिया। ट्विटर ने कुछ लोगों के अकाउंट एवं ट्वीट और URL ब्लॉक करने के केंद्र सरकार के आदेश को कोर्ट में चुनौती दी थी। मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस कृष्मा एस दीक्षित ने कहा कि ट्विटर को सरकार के आदेशों को पालन करना चाहिए था। इसके साथ ही कोर्ट ने ट्विटर पर 50 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। 

हाईकोर्ट ने जुर्माने के साथ शर्त भी लगाई-

कोर्ट ने आदेश दिया है कि जुर्माना 45 दिन के भीतर भरना होगा। अगर नहीं भरा तो इस अवधि के बाद हर दिन 5 हजार रुपये और देने होंगे। कोर्ट ने पूछा है कि अदालत को वजह भी नहीं बताई कि केंद्र का ट्वीट ब्लॉक करने का आदेश क्यों नहीं माना। आप एक मल्टी बिलेनियर कंपनी हो, कोई किसान या फिर आम आदमी नहीं। जिसे कानून नहीं पता है। कोर्ट ने कहा कि यह जानते हुए भी कि आदेश न मानने पर 7 साल की सजा और फाइन लगाया जा सकता है। ट्विटर ने सरकार के आदेशों का नहीं किया। कोर्ट ने कहा कि जिसका ट्वीट ब्लॉक कर रहे हैं, उसे कारण बताएं। और इसके साथ ही यह भी जानकारी दी जानी चाहिए कि यह प्रतिबंध कुछ समय के लिए है, या फिर अनिश्चित काल के लिए।

ट्विटर की याचिका में दलील -

ट्विटर ने हाईकोर्ट से याचिका में कहा था- केंद्र के पास सोशल मीडिया पर अकाउंट ब्लॉक करने का जनरल ऑर्डर इश्यू करने का अधिकार नहीं है। आदेशों में वजह भी बताई जानी चाहिए ताकि हम इसे यूजर्स को बता सकें। अगर ऑर्डर जारी करते वक्त वजह नहीं बताई जाती है तो इस बात की आशंका बनी रहती है कि बाद में कारण बनाए भी जा सकते हैं। ट्विटर ने दावा किया था कि सरकार के आदेश सेक्शन  69 ए का उल्लंघन करते हैं। सेक्शन 69 ए के तहत अकाउंट यूजर्स को उनके ट्वीट और अकाउंट ब्लॉक किए जाने पर जानकारी देनी होती है। लेकिन मंत्रालय ने उन्हे कोई नोटिस नहीं दिया।

 

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