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देश के युवाओं के स्पेस स्टार्टअप ने रचा अंतरिक्ष में इतिहास, दुनिया के पहले 3D रॉकेट की हुई सफल लॉन्चिंग

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भारत के दक्षिणी राज्य आंध्र प्रदेश के तट पर बसा एक द्वीप, श्रीहरिकोटा जहां से कई सफल परीक्षण किए गए और स्पेस टेक्नोलॉजी में कई नए आयाम हासिल किए। इसी कड़ी में  यहां से आज यानी 30 मई को दुनिया के पहले 3D रॉकेट अग्निबाण की सफल लॉन्चिंग की गई। चेन्नई की निजी स्पेस कंपनी अग्निकुल कॉसमॉस द्वारा इस सबऑर्बिटल टेक्नोलॉजिकल डेमॉन्सट्रेटर (Agnibaan SOrTeD) रॉकेट को तैयार किया  गया है।

पांचवें प्रयास में मिली सफलता-

ऐसा कहा जाता है कि अगर असफलता के बाद बार-बार सफल प्रयास किए जाएं तो, एक दिन सफलता हाथ लग ही जाती है। ऐसी ही सफलता की कहानी इस अग्निबाण रॉकेट की रही है। जिसे चार असफल प्रयासों के बाद, पांचवें प्रयास में सफलता मिली। 22 मार्च के बाद से अग्निकुल की तरफ से अग्निबाण सब-ऑर्बिटल टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर (SOrTeD) लॉन्च करने की ये पांचवीं कोशिश थी। 

इतनी है इस रॉकेट की क्षमता-

अग्निबाण एक कॉस्टोमिसेबल, टू-स्टेज लॉन्च व्हीकल है। ये 300 किलोग्राम तक का पेलोड लगभग 700 किलोमीटर की ऑर्बिट में ले जा सकता है। इस मिशन को एक सेमी-क्रायोजेनिक इंजन अग्निलेट से ऑपरेट किया जाएगा।SOrTeD मिशन एक सिंगल स्टेज लॉन्च व्हीकल है जो क्रायोजेनिक इंजन, एग्निलेट द्वारा संचालित होगा। मिली जानकारी के मुताबिक, एग्निलेट इंजन दुनिया का पहला सिंगल-पीस 3डी-प्रिंटेड सेमी-क्रायोजेनिक रॉकेट इंजन है। मिशन लॉन्च से लेकर स्प्लैशडाउन तक सिर्फ दो मिनट से थोड़ा ज्यादा तक ये चल सकता है। लिफ्ट-ऑफ के बाद, वाहन से उड़ान के बाद ये फ्लाइट में चार सेकंड के लिए पिच-ओवर करेगा।

अग्निलेट से किया जाएगा ऑपरेट-

SOrTeD मिशन एक सिंगल-स्टेज लॉन्च रॉकेट डेमोनस्ट्रेशन है। इसे एक सेमी-क्रायोजेनिक इंजन अग्निलेट से ऑपरेट किया जाएगा। अग्निलेट स्वदेशी रूप से विकसित एक सब-कूल्ड लिक्विड ऑक्सीजन-आधारित प्रोपल्शन सिस्टम है। स्टार्ट-अप ने व्हीकल को पहली बार ईथरनेट-आधारित एवियोनिक्स आर्किटेक्चर और इन-हाउस डेवलप्ड ऑटोपायलट सॉफ्टवेयर के साथ तैयार किया है।

स्पेस कंपनी अग्निकुल-

अग्निकुल एक स्पेस स्टार्टअप है जिसे कुछ युवाओं ने मिलकर बनाया है। अग्निकुल कॉसमॉस की शुरुआत साल 2017 में हुई थी जिसे चेन्नई में स्थापित किया गया है। इसे श्रीनाथ रविचंद्रन, मोइन एसपीएम और आईआईटी मद्रास के प्रोफेसर एसआर चक्रवर्ती ने मिलकर शुरू किया था।

आनंद महिंद्रा ने की फंडिंग-

देश के जाने-माने उद्योपति आनंद महिंद्रा ने अग्निकुल कॉसमॉस की फंडिंग की है। आनंद महिंद्रा ने करीब 80.43 करोड़ रुपए की फंडिंग की है। इस प्रोजेक्ट में आनंद महिंद्रा के अलावा पाई वेंचर्स, स्पेशल इन्वेस्ट और अर्थ वेंचर्स ने भी  आनंद महिंद्रा ने करीब 80.43 करोड़ रुपए की फंडिंग की है। इस प्रोजेक्ट में आनंद महिंद्रा के अलावा पाई वेंचर्स, स्पेशल इन्वेस्ट और अर्थ वेंचर्स ने भी निवेश किया है। इससे पहले साल 2022 में स्काईरूट कंपनी ने भारत के पहले प्राइवेट रॉकेट को इसरो के प्रक्षेपण स्थल से लॉन्च किया था।

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