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देश के निजी क्षेत्र के स्पेस स्टार्ट-अप स्काईरूट एयरोस्पेस ने अपना रॉकेट विक्रम-1 पेश किया। यह रॉकेट 300 किलोग्राम पेलोड को पृथ्वी की निचली कक्षा में ले जा सकता है। कंपनी अगले साल की शुरुआत में इस रॉकेट को लॉन्च करने की तैयारी कर रही है। विक्रम-1 एक तीन-चरणीय रॉकेट है, जो पूरी तरह से कार्बन फाइबर से बना है। इसमें 3D-प्रिंटेड तरल इंजन है। रॉकेट का पहला चरण 100 टन का है, दूसरा चरण 30 टन का है, और तीसरा चरण 10 टन का है।
जितेंद्र सिंह ने किया नए मुख्यालय का उद्घाटन-
विक्रम-1 के पेश किए जाने के अवसर पर, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने हैदराबाद में स्काईरूट के नए मुख्यालय का उद्घाटन किया। उन्होंने कंपनी के मुख्यालय का दौरा भी किया, जो देश का सबसे बड़ा निजी क्षेत्र का रॉकेट विकास केंद्र है। स्काईरूट एयरोस्पेस का विक्रम-1 रॉकेट भारत के निजी क्षेत्र के अंतरिक्ष उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह रॉकेट भारत को अंतरिक्ष प्रक्षेपण में आत्मनिर्भरता की ओर एक कदम आगे ले जाएगा।
हेडक्वार्टर्स में एक साथ 300 लोग कर सकते हैं काम-
आपको बता दें कि स्काईरूट के नए हेडक्वार्टर्स में स्पेस लॉन्च व्हीकल बनाने के लिए डिजाइन, मैन्युफैक्चरिंग और टेस्टिंग की सुविधाएं हैं। यहां 300 लोग आराम से एक साथ काम कर सकते हैं। नया ऑफिस हर तरह की सुविधाओं से सुसज्जित है।
सैटेलाइट लॉन्च के लिए तैयार विक्रम-1
विक्रम-1 सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल ऑल-कार्बन-फाइबर-बॉडी रॉकेट है। इसमें 3D प्रिंटेड लिक्विड इंजन लगा है। यह स्काईरूट का दूसरा रॉकेट होगा। इससे पहले कंपनी 18 नवंबर 2022 को विक्रम-S रॉकेट की सफल लॉन्चिंग कर चुकी है।
COO ने कहा हमारे लिए गर्व का क्षण-
स्काईरूट के सह-संस्थापक और COO भरत डाका ने कहा है कि कंपनी के नए हेडक्वार्टर्स के उद्घाटन के दिन ही विक्रम -1 स्पेस लॉन्च व्हीकल का अनावरण किया जाना गौरव की बात है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमारी डिजाइन क्षमता और हाईटेक घरेलू तकनीक विक्रम-1 के निर्माण का बेजोड़ हिस्सा है।
Baten UP Ki Desk
Published : 25 October, 2023, 3:33 pm
Author Info : Baten UP Ki