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(Special Story) आज के इस आधुनिक युग में अधिकतर लोग तेजी से डिजिटल तकनीक पर निर्भर होते जा रहे हैं। आज के समय में डिजिटल तकनीक के माध्यम से लोग आसानी से QR Code स्कैन करके 1 रुपए से लेकर लाखों का लेन-देन चुटकियों में कर देते हैं। लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि आप जिस QR Code को स्कैन करके पेमेंट कर रहे हैं। वह भी नकली हो सकता है और आप इससे ठगी का शिकार हो सकते हैं। अगर नहीं तो आज हम आपको बताएंगे कि कैसे आप असली और नकली QR code की पहचान कर सकते हैं। आपको लेन-देन करते समय किन किन चीजों के प्रति सावधानी बरतने की आवश्यकता है। कैसे आप इन जालसाजों से बच सकते हैं।
डिजिटल भुगतान में भारत नम्बर 1-
भारत आज डिजिटल भुगतान के मामले में नंबर एक पर है। भारत ने डिजिटल लेनदेन के मामले में कई देशों को पीछे छोड़ दिया है। जिसमें ब्राजील, थाईलैंड, दक्षिण कोरिया, और चीन जैसे देश शामिल हैं। बीते साल PM मोदी ने खुद एक बातचीत के दौरान बताया था कि भारत डिजिटल भुगतान में नंबर एक है। दरअसल, भारत सरकार के नागरिक जुड़ाव मंच MyGovIndia द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, 2022 में दुनिया भर में किए गए सभी वास्तविक भुगतान का 46% भारत में किया गया था। अब जब इतनी बड़ी संख्या में डिजिटल लेन-देन किया जा रहा है तो इसी का फायदा उठाने के लिए साइबर ठग भी सक्रिय हो गए हैं। ये ठग नए-नए तरीके अपना कर जनता को ठगते हैं।
साइबर ठगों ने निकाला ठगी का नया तरीका-
देश जैसे-जैसे डिजिटल भुगतान में आगे बढ़ रहा है वैसे- वैसे साइबर ठगी के मामलों में भी बढ़ोतरी हो रही है। साइबर जालसाज लोगों को अपनी ठगी का शिकार बनाने के लिए नए- नए तरीके अपनाते जा रहे हैं और इसी कड़ी में साइबर ठगों ने और एक नया तरीका निकाला है। साइबर ठग नकली QR code को अपना कर ठगी को अंजाम दे रहे हैं।
बेंगलुरु से 50,027 साइबर मामले आए सामने-
आपको बता दें कि देशभर में पिछले बीते कुछ सालों में तेजी से QR Code Scam के मामले में बढ़ोतरी हो रही है। वहीं अगर हम आंकड़ों की बात करें तो हाल ही में पालो ऑल्टो नेटवर्क की ओर से आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, बेंगलुरु में साल 2017 से लेकर मई 2023 तक 41 प्रतिशत केस सिर्फ QR Code, Malicious links या फिर डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड फ्रॉड से जुड़े हुए हैं। जिसके अनुसार, 2017 से लेकर 31 मई 2023 के बीच बेंगलुरु में 50,027 से अधिक साइबर अपराध के मामले दर्ज किए गए। जिनमें से 41% (20,662 मामले) QR Code, दुर्भावनापूर्ण लिंक या डेबिट/क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी से संबंधित थे।
CM केजरीवाल की बेटी भी हुई थी स्कैम का शिकार-
इसी के साथ आपको बता दें कि ऐसी घटनाएं बेंगलुरु में ही नहीं बल्कि देश की राजधानी दिल्ली में भी हो चुकी हैं। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की बेटी के साथ भी धोखाधड़ी हुई थी। आपको बता दें कि सीएम अरविंद केजरीवाल की बेटी हर्षिता उस वक्त ठगी का शिकार हो गई जब उन्होंने एक ई-कॉमर्स वेबसाइट पर सोफा बेचते समय QR Code स्कैन किया था। जिसके बाद तुरंत उनके अकाउंट से 34 हजार रुपये उड़ा दिए गए थे। ठीक ऐसी ही घटना इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस के प्रोफेसर के साथ भी हुई थी। जब वह वॉशिंग मशीन ऑनलाइन बेच रहा था, उनको एक खरीदार मिला जो बिना बातचीत किए बताई गई कीमत पर सहमत हो गया। उसने तुरंत पेमेंट करने के लिए प्रोफेसर से एक क्यूआर कोड स्कैन करने को कहा। जैसे ही स्कैन किया तो उनके अकाउंट से 63 हजार रुपये गायब हो गए।
कैसे होता है QR Code Scam-
दरअसल, स्कैमर्स असली QR code को नकली QR code से बदल देते हैं। जब यूजर के नकली QR Code स्कैन करते हैं तो वह कोड से फिशिंग वेबसाइट पर ले जाती है या फिर उसके डिवाइस में मैलवेयर इंस्टॉल कर देती है। जिसके चलते स्कैमर्स आपके अकाउंट को आसानी से एक्सेस करके डिवाइस से हजारों रुपये ट्रांसफर कर लेते हैं। कई केस में तो यह रकम लाखों तक पहुंच जाती है। क्योंकि स्कैमर्स को फोन का रिमोटली एक्सेस मिल जाता है। जिससे वह जितने चाहे उतने पैसे अपने अकाउंट में ट्रांसफर कर सकते हैं।
पैसे लेने के लिए कभी स्कैन न करें QR Code-
क्यूआर कोड से जो सबसे ज्यादा धांधली हो रही है, वो पैसे देने का लालच देकर हो रही है। इसलिए आपको इसके प्रति सावधान रहने की आवश्कयता है। अगर आपको किसी से पैसे लेने हैं तो आपको क्यूआर कोड स्कैन करने की जरूरत नहीं है। वाट्सऐप या ई-मेल पर कोई क्यूआर कोड भेजकर आपको पेमेंट देने का झांसा दे। तो उसकी बातों में न आएं। क्यूआर कोड स्कैन करके यूपीआई पिन डालते ही आपके खाते से पैसे कट जाएंगे।
QR Code स्कैम से कैसे बचें-
आपको बता दें कि जब भी आप किसी अनजान QR code को स्कैन करें तो सबसे पहले यह कंफर्म कर लें कि यह किसका है। किसके नाम से है। आपको ऐसे समय काफी सावधान रहने की आवश्यकता होती है। इसलिए, पेमेंट करने से पहले किसी भी QR Code को मोबाइल में मौजूद QR code स्कैनर से स्कैन कर लें। इससे यूजर्स आसानी से डेस्टिनेशन URL को चेक कर सकते हैं। इसके साथ अपने मोबाइल में किसी भी ऐप को इंस्टॉल करने के लिए हमेशा ऑफिशियल स्टोर का ही सहारा लें। यदि आप कोई QR Code स्कैन करते हैं तो उस दौरान आपके फोन में कोई ऐप इंस्टॉल करने का ऑप्शन आता है, तो उस पर क्लिक न करें क्योंकि ऑफिशियल वेबसाइट कभी आपसे डिजिटल भुगतान के लिए कोई अलग से ऐप डाउनलोड करने को नहीं कहती। ऐसे ही कुछ सावधानी बरतकर ऐसे ठगी के मामलों से बचा जा सकता है।
-अनीता
Baten UP Ki Desk
Published : 17 January, 2024, 4:38 pm
Author Info : Baten UP Ki