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उत्तरकाशी टनल में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने में मदद करेगा लखनऊ का रोबोट

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उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए अब रिबोट का इस्तेमाल किया जाएगा। बताया जा रहा है कि लखनऊ में रहने वाले एक सांइटिस्ट ने ऐसा रोबोट बनाया है जो सुरंग में जाकर मजदूरों से संपर्क साधेगा और उनकी सेहत का भी ध्यान रखेगा। इसके अलावा, सुरंग में बन रही विभिन्न प्रकार की गैसों को भी रोकेगा, साथ ही इससे यह भी पता लगाया जा सकेगा कि मजदूरों की मेंटल हेल्थ, और उनकी सेहत कैसी है। जिसके बाद उत्तरकाशी प्रशासन ने सांइटिस्ट और रोबोट दोनों को वहां पर बुला लिया है, ताकि वह और उनका रोबोट सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने में मदद कर सकें। 

इनवेस्टर्स समिट में पीएम मोदी ने की थी तारीफ-

मिली जानकारी के मुताबिक, इस रोबोट को लखनऊ के रहने वाले रोबोटिक साइंटिस्ट और ‘ड्रोन मैन ऑफ इंडिया’ मिलिंद राज ने बनाया है। जो तकनीकी तौर पर भारतीय सेना को मजबूत करने का काम कर रहे हैं। विज्ञान के क्षेत्र में मिलिंद राज को उनके द्वारा किए गए कार्यों के लिए बहुत तारीफें मिलती हैं। उनके इन कामों से पूर्व राष्ट्रपति और साइंटिस्ट एपीजे अब्दुल कलाम भी काफी प्रभावित थे। उन्होंने ही मिलिंद राज को 'ड्रोन मैन ऑफ इंडिया' का टाइटल दिया था। फरवरी 2023 में लखनऊ में हुए इनवेस्टर्स समिट में पीएम मोदी ने भी मिलिंद राज और उनके द्वारा किये गए कार्यों की खूब वाहवाही की थी। मिलिंद राज का दावा है कि उन्होंने जो ड्रोन बनाए हैं, वे पाकिस्तान और चीन की नापाक साजिशों को चकनाचूर कर देंगे। उनका कहना है कि उनके द्वारा बनाए गए ड्रोन्स का इस्तेमाल भारतीय सेना में किया जा रहा है और वह कई और ऐसे ड्रोन बनाने के लिए काम कर रहे हैं, जो भविष्य में सेना के काम आएंगे।  

इतना ही नहीं कृषि, मेडिकल सहायता और रेल दुर्घटनाओं को रोकने के लिए भी उनके बनाए ड्रोन काम कर सकते हैं।  उन्होंने यह भी बताया कि  2 से 3 मीटर तक जमीन के अंदर मिट्टी की स्थिति और बीज की वृद्धि का ड्रोन के जरिए पता लगाया जा सकता है। इसके अलावा, अगर कोई हादसा हो जाए तो एंबुलेंस की तुलना में ड्रोन से जल्दी घायलों को चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जा सकती है और रेलवे ट्रैक पर पहले से ही ड्रोन को लगाकर मॉनिटरिंग की जा सकती है। अगर ट्रैक पर कोई दिक्कत है तो उसका पहले ही पता कर रेल हादसों को रोका जा सकता है। 

मिलिंद राज ने बताया कि मजदूरों को इंटरनेट जैसे सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी ताकि वह अपने घरवालों से संपर्क कर सकें क्योंकि ऐसी स्थिति में उनके लिए यह बहुत जरूरी है। उनके लिए जरूरी है कि उन्हें पता चले कि उनको बाहर निकालने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं और वह जल्द ही टनल से बाहर आ जाएंगे। उन्होंने कहा कि सुरंग में फंसे 41 मजदूरों की मेंटल हेल्थ ठीक रहना बहुत जरूरी है। उन्हें न वहां धूप मिल पा रही है और कई तरह की समस्या हैं। ऐसी स्थिति में अगर वह फिजिकली फिट हैं, लेकिन मेंटली ठीक नहीं हैं तो उनके मेंटल वेल बींग पर ध्यान देना जरूरी है।

अलाया अपार्टमेंट में बने थे फरिश्ता-

मिलिंद राज ने बताया, 'इस रोबोट में हम अल्ट्रा वॉयलेट सिस्टम का भी इस्तेमाल करेंगे क्योंकि जर्म्स को मारने में यह काम आती हैं ताकि मजदूर बीमार न हों और उनकी मानसिक स्थिति ठीक रहे। अगर वो अपनी कोई बात कहना चाहते हैं तो जैसे उदाहरण के तौर पर कोई शख्स लिफ्ट में फंस जाता है तो वह घबरा जाता है और अगर बाहर खड़े आदमी से उसकी बात हो जाए तो वह शांत हो जाता है। ये लोग तो 16 दिन से टनल में फंसे हुए हैं तो ये ड्रोन उनको आश्वासन देगा कि कोई पूरा टाइम बाहर से उन्हें देख रहा है और अगर उनकी सेहत में गिरावट आती है तो पूरे टाइम उनके लिए चिकित्सा रहेगी। उन्होंने यह भी बताया कि जनवरी 2023 में लखनऊ में अलाया अपार्टमेंट गिर गया था। उस वक्त उनकी डिवाइस में एक सिस्टम लगा था। जिसे हाइपर सेंसिटिव ऑडियो सिस्टम कहते हैं, इसके जरिए उन्होंने वहां पहुंचकर 14 लोगों को बाहर जीवित निकाला था. यह सिस्टम भी इस डिवाइस में लगाया गया है।

 

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