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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी (ISRO) ने आज गगनयान मिशन के क्रू एस्केप सिस्टम की सफलतापूर्वक टेस्टिंग की। श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सुबह 10 बजे इसे लॉन्च किया गया। गगनयान मिशन के क्रू एस्केप सिस्टम की टेस्टिंग के दौरान कुछ तकनीकी खामियों के कारण इसकी लॉचिंग को दो बार टालना पड़ा था। पहली बार, परीक्षण के महज 5 सेकंड पहले, क्रू मॉड्यूल में एक तकनीकी खामी पाई गई थी। इस कारण से, लॉन्चिंग को रोक दिया गया था, और दूसरी बार, परीक्षण के समय मौसम खराब होने के कारण लॉन्चिंग को टालना पड़ा था। तीसरे प्रयास में, सभी तकनीकी खामियों को दूर कर दिया गया था और मौसम भी अनुकूल था। इसलिए, परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा हो सका।
टेस्ट व्हीकल अबॉर्ट मिशन-1 (TV-D1)-
आपको बता दे कि इसे टेस्ट व्हीकल अबॉर्ट मिशन-1 (TV-D1) नाम दिया गया। ये मिशन 8.8 मिनट का था। इस मिशन में 17 Km ऊपर जाने के बाद सतीश धवन स्पेस सेंटर से 10 Km दूर बंगाल की खाड़ी में क्रू मॉड्यूल को उतारा गया। रॉकेट में गड़बड़ी होने पर अंदर मौजूद एस्ट्रोनॉट को पृथ्वी पर सुरक्षित लाने वाले सिस्टम की टेस्टिंग की गई। दरअसल, टेस्ट फ्लाइट में तीन हिस्से थे- अबॉर्ट मिशन के लिए बनाया सिंगल स्टेज लिक्विड रॉकेट, क्रू मॉड्यूल और क्रू एस्केप सिस्टम। विकास इंजन को मॉडिफाई कर ये रॉकेट बनाया गया था। वहीं क्रू मॉड्यूल के अंदर का वातावरण अभी वैसा नहीं था जैसा मैन्ड मिशन में होगा।
2024 के अंत तक मानव मिशन की तैयारी में ISRO-
गगनयान मिशन की सफलता के बाद, अब इसरो अगले चरण में क्रू मॉड्यूल को बिना क्रू के अंतरिक्ष में लॉन्च करेगा। इसके बाद 2024 के अंत तक मानव मिशन की योजना है। यह भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह मिशन भारत को दुनिया के शीर्ष अंतरिक्ष शक्तियों में से एक के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा। इस मिशन की सफलता से गगनयान मिशन की राह और आसान हो जाएगी।
ISRO प्रमुख एस सोमनाथ ने दी बधाई-
मिशन की सफलता के बाद ISRO प्रमुख एस सोमनाथ ने गगनयान मिशन सफल टेस्टिंग पर सभी को बधाई देते हुए कहा कि "यह एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इस मिशन की सफलता से गगनयान मिशन की तैयारियां और मजबूत हुई हैं।" इसी के साथ आपको बता दे कि इससे पहले आज ही दो बार मिशन को टाला गया था। इसे 8 बजे लॉन्च किया जाना था, लेकिन मौसम ठीक नहीं होने कारण इसका टाइम बदलकर 8.45 किया गया। फिर लॉन्चिंग से 5 सेकेंड पहले इंजन फायर नहीं हो पाए और मिशन टल गया। इसरो ने कुछ देर बाद गड़बड़ी ठीक कर ली और परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा हो सका।
क्रू एस्केप सिस्टम क्या है?
क्रू एस्केप सिस्टम एक सुरक्षा उपाय है जिसका उपयोग अंतरिक्षयान में किसी भी आपात स्थिति में अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाने के लिए किया जाता है। यह सिस्टम एक रॉकेट से लैस होता है जो अंतरिक्षयान को अंतरिक्ष से बाहर निकाल सकता है और फिर इसे पृथ्वी पर सुरक्षित रूप से उतारा जा सकता है।
Baten UP Ki Desk
Published : 21 October, 2023, 1:08 pm
Author Info : Baten UP Ki