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डीपफेक में ही नहीं बल्कि इस काम में भी AI Technology का हो रहा गलत उपयोग

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देशभर में जहां आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) तकनीक की शुरुआत देश को विकसित बनाने और आगे बढ़ाने की लिए की गई थी। लेकिन आज के समय में उसका उपयोग लोगों को हानि पहुंचाने और उनकी गरिमा से खिलवाड़ करने के लिए किया जा रहा है। दिन पर दिन आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस देश के लिए एक बड़ा खतरा बनता जा रहा है। हाल ही में पीएम मोदी ने भी इस एआई को लेकर चिंता जाहिर की थी कि एआई विश्व के लिए एक बड़ा खतरा बनता जा रहा है और लोगों इससे बचने की आवश्यकता है। बता दे कि आप लोगों ने अभी तक आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का गलत उपयोग केवल डीपफेक वीडियो बनाने के लिए सुना होगा लेकिन आज हम आपको एक ऐसे मामले के बारें में बताएंगे जिसमें कुछ ठगों ने एआई तकनीक की मदद से आवाज बदलकर लोगों को ठगी शिकार बनाया है। 

AI तकनीक का साइबर ठगी में हो रहा प्रयोग- 

छत्तीसगढ़ के रायपुर में भी ऐसी कई शिकायतें आ चुकी हैं, जिसमें दोस्त या रिश्तेदार की आवाज में कॉल करके ऑनलाइन ठगी की गई है। इसके अलावा डीपफेक से अश्लील फोटो-वीडियो बनाकर लोगों को ब्लैकमेल करने की कोशिश की गई। हाल ही में सिविल लाइन इलाके में एक ऐसा ही मामला सामने आया है जिसमें साइबर ठगों ने कई लोगों को निवेश में ज्यादा मुनाफा का झांसा देकर लाखों रुपए ठग लिया। इसके बाद एआई वीडियो जारी करके ठगी की जानकारी वाट्सऐप ग्रुप में शेयर किया। 

साइबर ठग ऐसे फेसबुक, इंस्टाग्राम को ढूंढते हैं, जिनके सिक्युरिटी फीचर ज्यादा एक्टिव न हो। इनकी लिस्ट में उनके पुराने लोगों के दोस्त, करीबी रिश्तेदारों का नाम निकालते हैं। इसके बाद उन्हें आपकी आवाज में कॉल करते हैं। आवाज में मिलती-जुलती होने के कारण लोग में झांसे में आ जाते हैं। इसके बाद आरोपी इमरजेंसी में या अस्पताल में होने की जानकारी देकर आर्थिक मदद मांगते हैं।

इन तरीकों से करते हैं ठगी-

साइबर ठग आपकी आवाज का सैंपल लेने के लिए कई तरह के तरीके इस्तेमाल करते हैं। एक तरीका यह है कि वे पहले आपको कॉल करके किसी तरह की बातचीत शुरू करते हैं। इस दौरान वे आपकी आवाज को रिकॉर्ड कर लेते हैं। दूसरा तरीका यह है कि वे आपके सोशल मीडिया अकाउंट से आपकी आवाज का सैंपल ले सकते हैं। इसके लिए वे आपके अकाउंट पर उपलब्ध वीडियो, ऑडियो क्लिप या रिकॉर्डिंग का उपयोग कर सकते हैं।

एक बार जब वे आपकी आवाज का सैंपल ले लेते हैं, तो वे इसे एआई टूल के जरिए एनालिसिस करते हैं। इस एनालिसिस के दौरान वे आपकी आवाज की पिच, टोन, लेंथ, मॉडूलेशन आदि का विश्लेषण करते हैं। इसके बाद वे इसी पिच, टोन, लेंथ आदि के आधार पर एक नई आवाज तैयार करते हैं। इस आवाज को सुनकर आप यह नहीं बता पाएंगे कि यह आपकी आवाज नहीं है।

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