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पानी की हर बूंद जरूरी है जिंदगी के लिए...

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(Special Story) 'छिति जल पावक गगन समीरा' तुलसीदास जी ने इस दोहे में पांच तत्वों का वर्णन किया गया है जिनसे मिलकर हम सबका शरीर बना है। इन पांच तत्वों में जल जीवन के लिए  बहुत महत्वपूर्ण है। कहते हैं जल ही जीवन है। वैसे तो दुनिया का 70 फीसदी हिस्सा पानी से घिरा है, लेकिन उसमें से पीने योग्य पानी लगभग 3 फीसदी ही है। 97 फीसदी पानी ऐसा है जो पीने लायक ही नहीं है। अब बचा  तीन फीसदी  जल जिस पर  दुनिया जीवित है। इसी जल के महत्व को समझाने और स्वच्छ जल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से हर साल 22 मार्च को विश्व जल दिवस (World Water Day) मनाया जाता है। स्वच्छ जल हमारे जीवन के लिए कितना उपयोगी है? आखिर विश्व जल दिवस क्यों मनाते हैं? आइए विस्तार से जानते हैं। 

क्यों मनाते हैं विश्व जल दिवस?

साल 1992 में ब्राजील के रियो डि जेनेरियो में पर्यावरण और विकास के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र ने एक सम्मेलन का आयोजन किया। उसी दिन विश्व जल दिवस मनाने की पहल की गई। बाद में 1993 में पहली बार विश्व जल दिवस मनाया गया। तब से हर साल 22 मार्च को विश्व जल दिवस मनाया जाने लगा। वहीं वर्ष 2010 में संयुक्त राष्ट्र मे सुरक्षित, स्वच्छ पेयजल एवं स्वच्छता के अधिकार को मानवाधिकार के रूप में मान्यता दी। हर साल 22 मार्च को वैश्विक स्तर पर जल दिवस मनाया जाता है। 

विश्व जल दिवस मनाने का क्या है उद्देश्य?

तेजी से जनसंख्या वृद्धि, शहरीकरण, कृषि उद्योग और ऊर्जा सहित कई क्षेत्रों में पानी की बढ़ती जरूरत के कारण जल की मांग बढ़ती जा रही है। लेकिन जलवायु परिवर्तन, वर्षा के बदलने का पैटर्न और मौसम से जुड़ी घटनाएं पानी की कमी को और बढ़ा रही हैं। ऐसे में विश्व जल दिवस मनाने का उद्देश्य इन समस्याओं की गंभीरता को समझना और निवारण के लिए प्रयास करना है।

साफ पानी की कमी से होने वाली समस्यांए

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार स्वच्छता, साफ-सफाई और साफ पानी की कमी से होने वाली बीमारियों से हर साल 14 लाख लोगों की मौत हो जाती है। दुनिया की लगभग 25 फीसदी आबादी के पास स्वच्छ पानी तक पहुंच नहीं है, और लगभग आधी वैश्विक आबादी के पास स्वच्छता शौचालयों का अभाव है। औसतन एक व्यक्ति एक दिन में 45 लीटर तक पानी गलती से बर्बाद कर देता है। इसीलिए ये जरूरी है दैनिक जीवन  में  जल का सही उपयोग  करने से भविष्य  के लिए पानी बचाया जा सकता है।

भारत में जल संकट

जल संसाधन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में एक वर्ष में उपयोग किए जाने वाले जल की शुद्ध मात्रा अनुमानित 1,121 बिलियन क्यूबिक मीटर है। जबकि साल 2025 में पीने वाले पानी की मांग 1093 और साल 2050 तक बढ़कर 1447 बीसीएम तक पहुंच सकती है। 1.4 अरब से ज्यादा की आबादी के बावजूद भारत के पास दुनिया के ताजे जल संसाधन का केवल 4 प्रतिशत ही है। वहीं संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में जल संकट लगातार गहराता जा रहा है। कई राज्य हैं जो भूजल की कमी के चरम बिंदु को पार कर चुके हैं। रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया कि उत्तर पश्चिमी क्षेत्र में साल 2025 तक गंभीर रूप से भूजल संकट गहरा सकता है।

भारत में जल संरक्षण के प्रयास-

भारत में व्यक्तिगत कार्यों के जरिए जल संरक्षण की आवश्यकता पर लोगों को जोर देना है। LiFE कैंपेन के प्रमुख संदेशों में लोगों को जल संरक्षण के लिए जिम्मेदारी लेने और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए प्रोत्साहित करता है।  जेजेएम, राष्ट्रीय जल मिशन, विश्व जल दिवस 2024 के प्रमुख संदेशों, मिशन लाइफ एक्शन प्वाइंट समेत इस कैंपेन के कुछ मुख्य संदेश इस प्रकार हैं-
 
* मकान में लगा नल खुशहाल घर बना सकता है
 
* बारिश का पानी कहां और कब गिर रहा है, इसे जानें और एकत्र करें

* पानी के सबसे कीमती संसाधनों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए हमें एकजुट होना चाहिए।

* इस विश्व जल दिवस पर आइए प्रगति के उत्प्रेरक के रूप में पानी पर सहयोग करें। जल और शांति साथ-साथ चलते हैं।

* मानव अधिकार के रूप में, हमें हर किसी की पानी की जरूरतों को संतुलित करना चाहिए। इस WorldWaterDay पर आइए एकजुट हों और अधिक शांतिपूर्ण भविष्य के निर्माण के लिए पानी का विवेकपूर्ण उपयोग करें।

 

विश्व जल दिवस 2024 की थीम

हर साल जल दिवस की एक खास थीम निर्धारित की जाती है। इस वर्ष विश्व जल दिवस 2024 की थीम 'शांति के लिए जल का लाभ उठाना' (Leveraging Water for Peace)है। इस थीम के जरिए यह संदेश दिया जा रहा है कि जब समुदाय और देश इस बहुमूल्य साझा संसाधन पर मिलकर सहयोग करते हैं तो पानी शांति का एक उपकरण बन सकता है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि जाने-अनजाने में पानी की बर्बादी और जल प्रदूषण के कारण लोग पानी की किल्लत का सामना करने को मजबूर हैं। 

भारत का 'जल जीवन मिशन'
 
देश  में जल संरक्षण लिए 'जल जीवन मिशन योजना' चलाई जा रही है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य हर घर तक जल पहुंचाना है ताकि लोगों को शुद्ध पेयजल मिल सके। इस मिशन के जरिए कई तरीके के काम किए गए हैं। और इन कामों में कामयाबी हासिल हुई हैं जो इस प्रकार हैं-
 
  •  प्रतिवर्ष 1.36 लाख बच्चों की मृत्यु की रोकथाम हुई
  •  डायरिया से होने वाली 4 लाख मौतों की रोकथाम
  •  5.50 लाख से अधिक पानी समितियाँ। कम से कम 50% महिलाओं की भागीदारी
  • 7 राज्यों, 3 केंद्र शासित प्रदेशों, 180 जिलों और 2 लाख से अधिक गांवों में सभी ग्रामीण परिवारों को इस मिशन के तहत कवर किया गया।
  • 14.36 (75%) करोड़ से अधिक ग्रामीण परिवारों को सुरक्षित और पर्याप्त नल का पानी पहुंचाया गया।
  • सभी आर्सेनिक और फ्लोराइड प्रभावित बस्तियों में सुरक्षित पानी पहुंचाया जा रहा है।
  • 24 लाख से अधिक महिलाओं को फील्ड टेस्ट किट के माध्यम से जल गुणवत्ता परीक्षण के लिए प्रशिक्षित किया गया। 
 
जल संरक्षण के लिए कुछ जरूरी सलाह-
 
  • घर में कम से कम पानी  गंदा करें
  • लीक और नलों के बहाव को ठीक करें
  • ब्रश करते वक्त पानी बंद रखें
  • शेविंग के दौरान नल से पानी बहते न रहने दें
  • इस्तेमाल किया हुआ पानी बर्बाद नहीं होना चाहिए
  • ताजे पानी का उपयोग सोच-समझकर करें

BY Ankit Verma

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