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उम्र बढ़ने के साथ हमारा शरीर कई तरह के बदलावों से गुजरता है। इनमें से एक प्रमुख बदलाव हमारे फेफड़ों की कार्यक्षमता में आता है। समय के साथ फेफड़ों की क्षमता कम होने लगती है, जिससे सांस लेने में कठिनाई और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसके अलावा, बढ़ते प्रदूषण और गलत जीवनशैली के कारण फेफड़ों पर अतिरिक्त दबाव भी पड़ता है। अगर हम समय पर फेफड़ों के कमजोर होने के संकेतों को नजरअंदाज कर देते हैं, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट 2022-
भारत में वायु प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए, हमारे फेफड़े पहले से ही खतरे में हैं। वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट 2022 के अनुसार, भारत में वायु प्रदूषण के कारण PM 2.5 का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन के तय मानकों से दस गुना ज्यादा है। ऐसे में यह जरूरी है कि हम उन संकेतों की पहचान करें जो बताते हैं कि हमारे फेफड़े अब पहले की तरह काम नहीं कर रहे हैं। आइए जानें, कौन-कौन से संकेत हैं जो आपके फेफड़ों के कमजोर होने का संकेत देते हैं।
अगर आपको सीढ़ियां चढ़ने, हल्की-फुल्की गतिविधियों में भी सांस लेने में कठिनाई महसूस होती है, तो यह फेफड़ों के कमजोर होने का प्रमुख संकेत हो सकता है। फेफड़ों की कार्यक्षमता उम्र बढ़ने के साथ कम होती जाती है, क्योंकि उनके अंदर की इलास्टिसिटी (लचीलापन) धीरे-धीरे घटने लगती है। प्रदूषण, धूम्रपान और खराब पर्यावरणीय परिस्थितियां भी इस समस्या को बढ़ावा देती हैं। अगर सांस की ये कठिनाइयां लंबे समय तक बनी रहें, तो इसे अनदेखा न करें।
खांसी हमारे शरीर की एक सामान्य प्रतिक्रिया होती है, लेकिन अगर यह खांसी लंबे समय तक बनी रहती है, खासकर बिना किसी स्पष्ट कारण के, तो यह फेफड़ों में गड़बड़ी का संकेत हो सकती है। यह खांसी फेफड़ों में जलन या सूजन का परिणाम हो सकती है। विशेष रूप से जब खांसी के साथ बलगम भी निकल रहा हो, तो इसे गंभीरता से लेना चाहिए। अगर यह समस्या दो हफ्ते से ज्यादा समय तक बनी रहे, तो डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है।
अगर सांस लेते समय आपको घरघराहट सुनाई देती है, तो यह आपके फेफड़ों के अंदर सूजन या रुकावट का संकेत हो सकता है। यह समस्या अक्सर अस्थमा या ब्रोंकाइटिस के मरीजों में देखी जाती है। सांस की नली में सूजन या वायुमार्गों में रुकावट होने से सांस लेने में कठिनाई होती है और घरघराहट की आवाज आती है। ऐसी स्थिति में तुरंत चिकित्सकीय सहायता लेना जरूरी है, ताकि समस्या को समय रहते ठीक किया जा सके।
सीने में दर्द, विशेषकर जब आप गहरी सांस लेते हैं या खांसते हैं, तो यह फेफड़ों में सूजन या संक्रमण का संकेत हो सकता है। अगर यह दर्द लगातार बना हुआ है और सांस लेने के दौरान अधिक महसूस होता है, तो फेफड़ों की किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है। कई बार यह निमोनिया या फेफड़ों में फ्लूइड भरने की समस्या से भी जुड़ा हो सकता है।
अगर आपको सामान्य गतिविधियों के बाद भी अत्यधिक थकान महसूस होती है, तो यह फेफड़ों की खराब कार्यक्षमता का परिणाम हो सकता है। जब हमारे फेफड़े पूरी तरह से काम नहीं करते हैं, तो शरीर को आवश्यक मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है। इससे मांसपेशियों और अंगों तक ऑक्सीजन की सप्लाई कम हो जाती है, जिससे शरीर जल्दी थक जाता है। लगातार थकान महसूस होने पर चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।
फेफड़ों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए हमें अपनी दिनचर्या में कुछ बदलाव करने की जरूरत होती है। निम्नलिखित सुझावों से आप अपने फेफड़ों को स्वस्थ रख सकते हैं:
धूम्रपान फेफड़ों के लिए सबसे बड़ा दुश्मन है। सिगरेट के धुएं में मौजूद हानिकारक रसायन फेफड़ों की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
व्यायाम करने से फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है और वे अधिक ऑक्सीजन को अवशोषित कर सकते हैं। कार्डियो एक्सरसाइज जैसे दौड़ना, तैराकी और साइकिलिंग फेफड़ों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं।
वायु प्रदूषण से बचना बेहद जरूरी है। जब भी आप बाहर निकलें, मास्क पहनें और जितना हो सके, प्रदूषित स्थानों से दूर रहें। घर में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें ताकि अंदर की हवा भी साफ रहे।
गहरी सांस लेने से फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है और उनमें जमा हुए हानिकारक तत्व बाहर निकल जाते हैं। रोजाना कुछ मिनट गहरी सांस लेने का अभ्यास करें।
फेफड़ों की सेहत के लिए एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे फल, सब्जियां, और विटामिन-सी युक्त चीजों का सेवन करें। यह फेफड़ों की कोशिकाओं को पुनः स्वस्थ करने में मदद करते हैं।
क्यों फेफड़ों का ध्यान रखना है जरूरी ?
फेफड़े हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग हैं, जिनकी सेहत का ध्यान रखना जरूरी है। बढ़ती उम्र और खराब वातावरण के कारण फेफड़ों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे उनकी कार्यक्षमता धीरे-धीरे कम होने लगती है। अगर समय रहते फेफड़ों के कमजोर होने के संकेतों की पहचान नहीं की गई, तो यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। इसलिए, अगर आप सांस लेने में कठिनाई, खांसी, घरघराहट, सीने में दर्द या थकान जैसे लक्षणों को महसूस कर रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और अपने फेफड़ों की देखभाल पर ध्यान दें।
Baten UP Ki Desk
Published : 26 September, 2024, 7:07 pm
Author Info : Baten UP Ki