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UPSC का बड़ा ऐक्शन, रद्द की पूजा खेडकर की उम्मीदवारी, फ्यूचर में नहीं दे सकेंगी एग्जाम

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संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने एक बड़ा कदम उठाते हुए  आज यानी बुधवार को पूजा खेडकर को ट्रेनी IAS पद से हटा दिया है और उन्हें भविष्य में होने वाली यूपीएससी परीक्षाओं में बैठने से भी रोक दिया है। यह निर्णय UPSC की कड़ी नीतियों और नियमों के उल्लंघन के चलते लिया गया है। उन पर धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप लगे थे। UPSC ने पाया कि पूजा खेडकर ने नियमों का उल्लंघन किया है। इसलिए, उन्हें भविष्य की सभी परीक्षाओं और चयन प्रक्रियाओं से प्रतिबंधित कर दिया गया है। आयोग ने उपलब्ध रिकॉर्ड की गहन जांच की और निष्कर्ष निकाला कि पूजा खेडकर सिविल सेवा परीक्षा (CSE)-2022 के नियमों का उल्लंघन करने की दोषी हैं।

यूपीएससी का ऐक्शन-

जांच के बाद, UPSC ने पाया कि पूजा खेडकर ने अपने ट्रेनिंग के दौरान कई नियमों का उल्लंघन किया है। इस आधार पर, आयोग ने उन्हें तुरंत प्रभाव से ट्रेनी IAS पद से हटाने और भविष्य में किसी भी UPSC परीक्षा में बैठने से रोकने का निर्णय लिया। यह UPSC की एक कड़ी चेतावनी है कि कोई भी व्यक्ति, चाहे वह कितना भी सक्षम और योग्य क्यों न हो, नियमों का उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

जांच के बाद की गई कार्रवाई-

आयोग ने पूजा खेडकर पर यह कार्रवाई सभी दस्तावेजों की सावधानीपूर्वक जांच के बाद की है। उन्हें सीएसई-2022 नियमों के प्रावधानों के उल्लंघन में दोषी पाया गया है। मालूम हो कि इससे पहले संघ लोक सेवा आयोग ने संकेत दिए थे कि अगर पूजा खेडकर मामले में दोषी पाई जाती हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

पूजा खेडकर का पूरा मामला-

साल 2023 बैच की प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी पूजा खेड़कर पर आरोप है कि उन्होंने यूपीएससी की सीएसई परीक्षा पास करने के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और दिव्यांग कोटा का दुरुपयोग किया। इस मामले में यूपीएससी ने खेड़कर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। उनके चयन को रद्द करने पर उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है और उन्हें भविष्य में परीक्षाएं देने से भी रोक दिया है।

पूजा ने अपने माता-पिता का भी बदला नाम -

यूपीएससी ने कहा कि केवल खेडकर के मामले में ही वह उनके प्रयासों की संख्या का पता नहीं लगा सका। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि खेडकर ने न केवल अपना नाम बदला बल्कि अपने माता-पिता का नाम भी बदल दिया। यूपीएससी ने पुष्टि की है कि वह इस प्रकार के मामलों को भविष्य में रोकने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) को और मजबूत करने की प्रक्रिया में है।

UPSC की प्रतिक्रिया:

UPSC के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि, "हमारे लिए नियम और अनुशासन सबसे महत्वपूर्ण हैं। चाहे वह कोई भी उम्मीदवार हो, यदि वह नियमों का पालन नहीं करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पूजा खेडकर के मामले में भी यही नीति अपनाई गई है।"

UPSC का कड़ा कदम-

पूजा खेडकर के लिए यह एक बड़ा झटका है, क्योंकि अब वह भविष्य में किसी भी UPSC परीक्षा में भाग नहीं ले पाएंगी। यह उनके करियर पर एक बड़ा असर डाल सकता है। हालांकि, पूजा ने इस निर्णय के खिलाफ कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है। यह घटना यह साबित करती है कि UPSC अपने मानकों और नियमों को लेकर कितनी गंभीर है। यह सभी उम्मीदवारों के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है कि नियमों का पालन करना अनिवार्य है और किसी भी प्रकार की अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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