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पिछले कुछ दिनों में कई बार क्रैश हुआ UPI सिस्टम! क्या खतरे में है भारतीय डिजिटल पेमेंट सिस्टम?

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भारत का डिजिटल पेमेंट सिस्टम, जिसे पूरी दुनिया में सबसे भरोसेमंद और तेज़ माना जाता है, लेकिन यह भरोसेमंद सिस्टम बीते 15 दिनों में तीन बार अचानक क्रैश हो चुका है।12 अप्रैल को दोपहर करीब 11:30 बजे से लेकर 3-4 घंटे तक देशभर में UPI सेवा बाधित रही। लाखों लोग जो Google Pay, PhonePe और Paytm जैसे ऐप्स के जरिए भुगतान करते हैं, उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ा।

देश में हर रोज करीब 60 करोड़ UPI ट्रांजैक्शन होते हैं, जिनकी कुल वैल्यू करीब 80 हजार करोड़ रुपए होती है। इस आउटेज ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं—क्या भारतीय UPI सिस्टम खतरे में है? क्या तकनीकी ढांचे में कोई कमी है? और अगर आपकी पेमेंट अटक जाए तो क्या करना चाहिए?

लगातार आउटेज की टाइमलाइन:

  • 26 मार्च 2025: करीब 3 घंटे UPI सर्विस बंद रही। GPay, PhonePe, Paytm समेत कई ऐप्स पर लेन-देन ठप। DownDetector पर 3000+ शिकायतें।

  • 2 अप्रैल 2025: वित्त वर्ष की क्लोजिंग के चलते कई बैंकों की UPI सर्विस स्लो या बंद रही। सिर्फ SBI से जुड़ी 5000 शिकायतें दर्ज हुईं।

  • 12 अप्रैल 2025: सबसे ताजा आउटेज। DownDetector के अनुसार, 81% यूजर्स को पेमेंट में, 17% को फंड ट्रांसफर और 2% को खरीदारी में दिक्कत आई।

बार-बार क्यों हो रहा है UPI क्रैश?

  • टेक्निकल ग्लिच: NPCI ने 12 अप्रैल को हुई समस्या के पीछे "तकनीकी खराबी" को जिम्मेदार ठहराया।

  • बढ़ा हुआ ट्रैफिक: IPL जैसे इवेंट्स के दौरान गेमिंग एप्स में ट्रांजैक्शन की संख्या बढ़ गई है, जिससे सर्वर पर लोड बढ़ रहा है।

  • बैकएंड वर्क: इंटरनेशनल UPI ट्रांजैक्शन को लेकर NPCI बैकएंड पर बदलाव कर रहा है, जिसका असर घरेलू ट्रांजैक्शन पर भी दिख सकता है।

  • बैंकिंग सिस्टम: कई बार समस्या NPCI के बजाय बैंकों के अपने सर्वर में होती है। SBI, HDFC जैसे बैंकों ने मेंटेनेंस का हवाला दिया है।

क्या आगे भी डाउन हो सकता है UPI?

संभावना बनी हुई है। चूंकि पूरा UPI नेटवर्क NPCI के प्लेटफॉर्म पर आधारित है, अगर उसमें कोई तकनीकी गड़बड़ी या सर्वर लोड बढ़ता है, तो सभी ऐप्स और बैंकों पर असर पड़ता है। हालांकि, RBI और NPCI UPI लाइट जैसे नए फीचर्स और इंटरनेशनल पेमेंट्स को बेहतर करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।

अगर आपकी पेमेंट अटक जाए तो क्या करें?

  • घबराएं नहीं। ट्रांजैक्शन पेंडिंग रहने पर वह या तो रिसीवर को चला जाएगा या फिर आपके अकाउंट में वापस आ जाएगा।

  • आमतौर पर ये प्रक्रिया कुछ मिनटों में पूरी हो जाती है, अधिकतम 72 घंटे का समय लग सकता है।

  • डबल पेमेंट से बचें। यदि आपने कैश भी दे दिया है और बाद में UPI सक्सेस हो जाए, तो पैसे डबल हो सकते हैं। ऐसे में रिसीवर की डिटेल जरूर रखें।

आपका पैसा कितना सुरक्षित है?

UPI सर्विस डाउन होने का आपके बैंक में रखे पैसे से कोई लेना-देना नहीं है

  • हर ट्रांजैक्शन के लिए UPI PIN जरूरी होता है।

  • बिना PIN के पैसे डेबिट नहीं हो सकते।

  • अगर पैसे कट जाएं और ट्रांजैक्शन फेल हो जाए, तो रकम वापस आ जाती है।

कैसे काम करता है UPI?

UPI के जरिए आप बिना अकाउंट नंबर या IFSC कोड जाने सिर्फ UPI ID या QR कोड से भुगतान कर सकते हैं। यह सिस्टम NPCI के माध्यम से चलता है, जो बैंकों को जोड़ता है और ट्रांजैक्शन को 2-3 सेकेंड में पूरा करता है।

क्यों पूरी दुनिया में छा गया है भारत का UPI?

  • फ्रांस के राष्ट्रपति इमैन्युल मैक्रों ने खुद भारत में चाय का पेमेंट UPI से किया था और उसकी तारीफ की थी।

  • भूटान, UAE, कतर और फ्रांस जैसे देशों में UPI शुरू हो चुका है।

  • जापान और ब्रिटेन जैसे देश भी इसे अपनाने की तैयारी कर रहे हैं।

बढ़ती दिक्कतों के बीच UPI सिस्टम की मजबूती पर सवाल

UPI ने भारत को डिजिटल भुगतान में विश्वस्तरीय पहचान दिलाई है, लेकिन लगातार आ रही तकनीकी दिक्कतें यह भी दर्शाती हैं कि सिस्टम को और मजबूत बनाने की जरूरत है। NPCI और RBI अगर समय रहते इन समस्याओं का समाधान नहीं करते, तो देश के सबसे भरोसेमंद पेमेंट सिस्टम की विश्वसनीयता पर सवाल उठ सकते हैं।

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