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कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी पहली बार राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुनी गई हैं। सोनिया गांधी ने राज्यसभा के लिए राजस्थान से नामांकन दाखिल किया था। वहीं, बीजेपी के चुन्नीलाल गरासिया और मदन राठौड़ को भी राज्यसभा के लिए चुना गया है। मंगलवार यानि आज नामांकन वापस लेने का अंतिम दिन था। विधानसभा सचिव महावीर प्रसाद शर्मा ने बताया कि किसी अन्य उम्मीदवार ने चुनाव नहीं लड़ा, इसलिए तीनों निर्विरोध राज्यसभा के लिए चुने गए हैं।
3 अप्रैल को समाप्त हो रहा है कार्यकाल-
आपको बता दें कि राज्यसभा सदस्य मनमोहन सिंह (कांग्रेस) और भूपेंद्र यादव (बीजेपी) का कार्यकाल तीन अप्रैल को समाप्त हो रहा है। बीजेपी सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने विधायक चुने जाने के बाद पिछले साल दिसंबर में इस्तीफा दिया था। जिसके बाद तीसरी सीट खाली थी। राजस्थान की 200 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी के 115 और कांग्रेस के 70 सदस्य हैं। राज्य में राज्यसभा की दस सीटें हैं। नजीतों के बाद कांग्रेस के छह और बीजेपी के 4 सदस्य हैं।
गुजरात से जेपी नड्डा चुने गए निर्विरोध-
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और पार्टी के तीन अन्य उम्मीदवारों को गुजरात से राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुना गया है। राज्यसभा की चार सीटें खाली थीं। सत्तारूढ़ बीजेपी ने सभी सीटों के लिए नामांकन पत्र दाखिल किए थे। जानकारी के मुताबिक गुजरात से राज्यसभा की चार खाली सीटों के लिए किसी अन्य ने नामांकन पत्र दाखिल नहीं किया था। जिसके बाद निर्वाचन अधिकारी रीता मेहता ने नड्डा सहित चारों बीजेपी उम्मीदवारों को संसद के ऊपरी सदन यानि राज्यसभा के लिए निर्विरोध विजयी घोषित किया है। नड्डा के अलावा राज्यसभा के जिन तीन बीजेपी नेताओं को राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुना गया है, उनमें हीरा कारोबारी गोविंदभाई ढोलकिया, बीजेपी नेता जसवंत सिंह परमार और मयंक नायक शामिल हैं।
कैसे होता है राज्यसभा का चुनाव?
अब जानते हैं कि राज्यसभा के चुनावों की प्रक्रिया क्या होती है। राज्यसभा सदस्यों के लिए चुनाव की प्रक्रिया अन्य चुनावों के काफी अलग है। राज्यसभा के सदस्य अप्रत्यक्ष रूप से चुने जाते हैं। यानि कि राज्यसभा सदस्यों का चुनाव सीधे जनता नहीं, बल्कि जनता के द्वारा चुने गए प्रतिनिधि करते हैं।
राज्यसभा चुनाव के लिए कौन करता है मतदान?
राज्यसभा चुनाव के लिए राज्यों के विधायक मतदान करते हैं। इस चुनाव में सीधे जनता वोटिंग नहीं करती है। इस चुनाव में जिस पार्टी के पास विधायकों की संख्या अधिक होती है उस पार्टी के राज्यसभा उम्मीदवार की जीत तय होती है।
राज्यसभा चुनाव के लिए वोटिंग का फॉर्मूला?
आपको बात दें कि राज्यसभा चुनाव में ना तो गुप्त मतदान होता है और ना ही इसमें ईवीएम का प्रयोग होता है। इसमें चुनाव का ढांचा थोड़ा अलग होता है। राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के नाम के आगे 1 से 4 तक का नंबर लिखा होता है। इसमें विधायकों को वरीयता के आधार पर उस पर चिह्न लगाना होता है। इसके साथ ही राज्यसभा चुनाव में जीत के लिए कितने वोटों की जरूरत होती है यह पहले से तय होता है। वोटों की संख्या, कुल विधायकों की संख्या और राज्यसभा सीटों की संख्या के आधार पर निकाली जाती है। इसमें एक विधायक की वोट की वैल्यू 100 होती है।
राज्यसभा चुनाव के लिए एक फॉर्मूला का उपयोग किया जाता है। इसमें कुल विधायकों की संख्या को 100 से गुणा किया जाता है। इसके बाद राज्य में जितनी राज्यसभा की सीटें हैं उसमें एक जोड़ कर भाग दिया जाता है। इसके बाद कुल संख्या में एक जोड़ा जाता है। फिर अंत में जो संख्या निकलती है वह जीत के लिए चाहिए होता है।
राज्यसभा चुनाव के लिए फॉर्मूला-
कुल विधायकों की संख्याx100/(राज्यसभा की सीटें+1)= +1
सीनियर प्रोड्यूसर
Published : 20 February, 2024, 6:44 pm
Author Info : राष्ट्रीय पत्रकारिता या मेनस्ट्रीम मीडिया में 15 साल से अधिक वर्षों का अनुभव। साइंस से ग्रेजुएशन के बाद पत्रकारिता की ओर रुख किया। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया...