बड़ी खबरें
कतर में कथित जासूसी के आरोप में फांसी की सजा पाए भारतीय नौसेना के 8 पूर्व कर्मियों को अदालत की तरफ बड़ी राहत मिली है। कतर की कोर्ट ने भारतीय नौसेना के 8 पूर्व कर्मियों की फांसी की सजा पर रोक लगा दी है और फांसी की सजा को कारावास में बदलने का फैसला सुनाया है।
कतर की कोर्ट ने सुनाया फैसला-
आपको बता दे कि कतर की कोर्ट ऑफ अपील ने फैसला गुरुवार को सुनाया है। कोर्ट ने 8 पूर्व भारतीय नौ सैनिकों की फांसी की सजा पर रोक लगा दी है। अब सजा-ए-मौत की जगह इन भारतीयों को जेल में रहना होगा। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसकी पुष्टि की है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा- फैसले की डीटेल्स का इंतजार है। इसके बाद ही अगले कदम पर विचार किया जाएगा। सुनवाई के दौरान भारत के एम्बेसडर अदालत में मौजूद थे। उनके साथ सभी 8 परिवारों के सदस्य भी थे।
30 अगस्त 2022 को किया था गिरफ्तार-
वहीं इस फैसले के बाद इस बात की उम्मीद बढ़ गई है कि 2015 के समझौते के मुताबिक़ 8 भारतीयों को भारत में सज़ा पूरा करने का विकल्प भी मिल जाए। गौरतलब है कि कतर की इंटेलिजेंस एजेंसी के स्टेट सिक्योरिटी ब्यूरो ने भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अफसरों को जासूसी के आरोप में 30 अगस्त 2022 को गिरफ्तार किया था। हालांकि, भारतीय दूतावास को इसकी जानकारी सितंबर के मध्य में पहली बार दी गई थी। 30 सितंबर को इन भारतीयों को अपने परिवार के सदस्यों के साथ थोड़ी देर के लिए टेलीफोन पर बात करने की अनुमति दी गई थी।
इन 8 भारतीयों को सुनाई थी सजा-
इसके बाद कतर की अदालत ने 26 अक्टूबर को नौसेना के 8 पूर्व अधिकारियों को फांसी की सजा सुनाई थी। जिसमें 8 पूर्व नौसेना अफसर कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कमांडर पूर्णेन्दु तिवारी, कमांडर सुग्नाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता, कमांडर अमित नागपाल और सेलर रागेश के नाम शामिल थे।
Baten UP Ki Desk
Published : 28 December, 2023, 4:57 pm
Author Info : Baten UP Ki