बड़ी खबरें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3 सितंबर को ब्रुनेई दारुस्सलाम और सिंगापुर के तीन दिवसीय ऐतिहासिक दौरे के लिए रवाना हुए। इस दौरे को कई कारणों से महत्वपूर्ण माना जा रहा है, खासकर इसलिए क्योंकि पीएम मोदी ब्रुनेई की यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बन गए हैं। यह दौरा न केवल भारत-ब्रुनेई संबंधों को नई दिशा देगा, बल्कि दोनों देशों के बीच कूटनीतिक और आर्थिक संबंधों को भी मजबूत करेगा। ब्रुनेई में पीएम मोदी की मुलाकात सुल्तान हाजी हसनल बोल्किया से होगी, जो इस दौरे का प्रमुख आकर्षण है। इस मुलाकात में व्यापार, शिक्षा, संस्कृति और रक्षा सहित विभिन्न अहम मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
भारत की ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’-
दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय वार्ता से यह उम्मीद की जा रही है कि वे कई नए समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे, जिससे दोनों देशों के संबंधों में नई ऊंचाइयां जुड़ेंगी। यह दौरा भारत की ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ के तहत भी महत्वपूर्ण है, जिसका उद्देश्य दक्षिण पूर्व एशिया के देशों के साथ भारत के संबंधों को और गहरा करना है। ब्रुनेई, जो दक्षिण पूर्व एशिया का एक समृद्ध और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण देश है, के साथ भारत के संबंधों को और मजबूत करना इस नीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। आइए जानते हैं कि पीएम मोदी का यह ब्रुनेई दौरा क्यों खास है और इसकी अहमियत क्या है।
पीएम मोदी के ब्रुनेई दौरे की अहमियत
प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा भारत और ब्रुनेई के बीच 40 साल पुराने संबंधों का जश्न मनाने और इन्हें और मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। पीएम मोदी ने खुद ट्वीट कर इस दौरे की अहमियत को रेखांकित किया और कहा कि इस यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच संबंधों को और भी सुदृढ़ करना है।
पीएम मोदी के ब्रुनेई दौरे की खासियत
यह दौरा भारतीय इतिहास में एक विशेष स्थान रखता है, क्योंकि यह पहली बार है जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री ब्रुनेई का दौरा कर रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ब्रुनेई की सबसे पुरानी और बड़ी मस्जिद, ओमर अली सैफ़ुद्दीन मस्जिद का दौरा करेंगे। यह मस्जिद ब्रुनेई की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है और पीएम मोदी के लिए इस मस्जिद का दौरा विशेष महत्व रखता है।
भारत और ब्रुनेई के बीच रक्षा संबंधों का भी खास महत्व है। दोनों देशों की नेवी और कॉस्टगार्ड नियमित रूप से संयुक्त अभ्यास करते हैं। इसके अलावा, आसियान और इंडो-पेसिफ़िक क्षेत्र में ब्रुनेई भारत का एक अहम पार्टनर है।
ब्रुनेई में स्थित भारतीय अंतरिक्ष केंद्र भारत के उपग्रहों और उनकी लॉन्चिंग की निगरानी करता है, जो भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए महत्वपूर्ण है।
विदेश मंत्रालय के अनुसार दौरे के मुख्य मुद्दे-
पीएम मोदी ब्रुनेई के सुल्तान के साथ सेमीकंडक्टर क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की संभावना पर चर्चा करेंगे।
भारत ने ब्रुनेई के हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में 270 मिलियन डॉलर का निवेश किया हुआ है। पीएम मोदी इस दौरे के दौरान निवेश को और बढ़ाने पर जोर देंगे।
भारत ब्रुनेई से हाइड्रोकार्बन का आयात करता है और इस दौरे में प्राकृतिक गैस की आपूर्ति बढ़ाने पर चर्चा की जाएगी।
पीएम मोदी और सुल्तान हसनल बोल्किया म्यांमार की स्थिति पर भी चर्चा करेंगे, जो इस क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा है।
पीएम मोदी का मस्जिदों का दौरा-
ब्रुनेई में प्रधानमंत्री मोदी ओमर अली सैफ़ुद्दीन मस्जिद का दौरा करेंगे, जो उनकी यात्रा का एक विशेष हिस्सा है। इससे पहले पीएम मोदी ने संयुक्त अरब अमीरात, ओमान, सिंगापुर, इंडोनेशिया और इजिप्ट की प्रमुख मस्जिदों का भी दौरा किया है। यह मस्जिदों में उनकी विशेष रुचि को दर्शाता है।
पीएम मोदी का सिंगापुर दौरा-
ब्रुनेई के दौरे के बाद, प्रधानमंत्री मोदी 4 सितंबर को सिंगापुर के लिए रवाना होंगे। सिंगापुर में वे प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग, राष्ट्रपति थर्मन शनमुगरत्नम, और वरिष्ठ मंत्री ली सीन लूंग से मुलाकात करेंगे। सिंगापुर दौरे के दौरान भी द्विपक्षीय वार्ता और विभिन्न समझौतों पर चर्चा होगी।
पीएम मोदी के दौरे का शेड्यूल-
By Ankit Verma
Baten UP Ki Desk
Published : 3 September, 2024, 1:10 pm
Author Info : Baten UP Ki