बड़ी खबरें
(Special Story) हम सब ने अगर गणित पढ़ी होगी तो एक गणितीय स्थिरांक पाई (π) से परिचय जरूर हुआ होगा। आज 14 मार्च के दिन हर साल विश्व पाई दिवस मनाया जाता है। मैथमेटिक्स कॉन्स्टेंट पाई की वजह से आज हम ये जान पाए हैं की हमारी धरती गोल है। पाई का अनुमानित मान 3.14 है। पाई का एक और मान 22/7 है। पाई का सटीक मान नहीं निकाला जा सका है इसलिए इसे मिस्ट्री नंबर भी कहा जाता है। ये इतना महत्वपूर्ण स्थिरांक है कि इसका प्रयोग अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा भी करती है। ये क्यों मनाया जाता है? इसकी शुरूआत कैसे हुई? इसको 1 बजकर 59 मिनट 26 सेकेंड पर ही क्यों मनाया जाता है? जैसे महत्वपूर्ण सवालों के बारे में हम आपको विस्तार से बताएगें।
14 मार्च को क्यों मनाया जाता है
जब तारीख को महीने/दिन के प्रारूप (3/14) में लिखा जाता है तो यह पाई के मान के पहले तीन अंकों ( 3.14) से मेल खाता है। पाई का मान 3.14 होता है और इसकी शुरुआती अंक 3 है इस प्रकार इसे मार्च में मनाया जाता है क्योंकि यह वार्षिक कैलेंडर में तीसरा महीना है। और दशमलव के बाद आता है अंक 14 तो यह मार्च की 14 वीं तारीख को मनाया जाता है।
1 बजकर 59 मिनट 26 सेकेंड पर ही क्यों मनाया जाता है?
इस दिन के बारे में एक और दिलचस्प बात यह यह है कि इस गणितीय निरंतर दिन का उत्सव 1 बजकर 59 मिनट 26 सेकेंड पर शुरू होता है। हर वर्ष 14 मार्च 1:59:26 बजे विश्व पाई दिवस मनाया जाता है। क्योंकि इस वक्त दिन और समय का मान 3.1415926 होता है। 14 मार्च को पाई का मान सात अंकों तक शुद्ध पाया जाता है।
कैसे हुई पाई डे की शुरूआत?
फिजिसिस्ट लैरी शॉ ने 1988 में इस दिन को मान्यता दी थी। यूनाइटेड स्टेट्स हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स ने 14 मार्च को पाई दिवस के रूप में मनाना शुरू किया और इसी तरह यूनेस्को ने भी पाई दिवस को 'अंतर्राष्ट्रीय गणित दिवस' के रूप में मनाना शुरू किया। 14 मार्च 1988 को, सैन फ्रांसिस्को एक्सप्लोरेटोरियम में पहला आधिकारिक बड़े पैमाने पर समारोह हुआ। इस कार्यक्रम का आयोजन भौतिक विज्ञानी लैरी शॉ द्वारा किया गया था। इस उत्सव में कई प्रतिभागियों ने एक घेरे में मार्च किया और फल पाई का सेवन किया? साल दर साल इसे लोकप्रियता मिलती गई और आखिरकार, अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने 12 मार्च 2009 को एचआरईएस 224 पारित कर 14 मार्च को पाई दिवस के रूप में मान्यता दी।
किसने की पाई (π) की खोज ?
पाई (π) की खोज ग्रीक के महान वैज्ञानिक एवं गणितज्ञ आर्कमिडीज (287–212 ई.पू.) द्वारा की गयी थी। हालांकि कुछ भारतीय विद्वानों के द्वारा महान भारतीय गणितज्ञ आर्यभट्ट को भी पाई (π) की खोज का श्रेय दिया जाता है। आर्यभट्ट द्वारा भी अपने सूत्र के माध्यम से पाई (π) के सन्निकट मान को ज्ञात किया गया था। पाई (π) के लिए पाई चिन्ह “π” को सर्वप्रथम ब्रिटिश गणितज्ञ विलियम जोंस द्वारा सुझाया गया था। लियोनार्ड यूलर को भी पाई चिन्ह “π” के प्रयोग का श्रेय दिया जाता है।आज का दिन इसलिए भी खास है, क्योंकि इस दिन महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म भी हुआ था।
पाई (π) के उपयोग-
पाई (π) के गणितीय क्षेत्र में कई उपयोग है हमआपको पाई (π) के मुख्य उपयोग के बारे में जानकारी दे रहे हैं-
ग्रीक अल्फाबेट का अक्षर
गणितीय स्थिरांक पाई (π) यानि वह संख्या जिसमें कोई विशेषता हो। पाई ग्रीक अल्फाबेट का सोलहवां अक्षर है। मैथ्स में पाई का मान 22/7 है। जब हम 22/7 को भी तोड़ते हैं तब भी हमारे पास 3.14159 ही उपलब्ध होगा जो कि सटीक मान नहीं है। और यही कारण है कि इसे मिस्ट्री नंबर भी कहा जाता है क्योंकि आज तक इसका सटीक मान नहीं निकाला जा सका है।
नासा भी करता है पाई का इस्तेमाल
पाई का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किसी भी नदी की लंबाई को मापने के लिए किया जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि घुमावदार होने के कारण लंबाई नापने में सहा आंकने में समस्या होती है। आपको यह जानकर हैरानी होगी की नासा भी पाई का इस्तेमाल करता है। पाई स्पेस मिशन के लिए बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण नंबर है।
By Ankit verma
Baten UP Ki Desk
Published : 14 March, 2024, 12:13 pm
Author Info : Baten UP Ki