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(Special Story) बिहार में आज फिर से नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह हुआ। इसमें नीतीश कुमार ने आज शाम 5 बजे 9वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सम्राट चौधरी और नेता प्रतिपक्ष रहे विजय सिन्हा को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है। नीतीश के साथ कुल 8 मंत्रियों ने शपथ ली। बारी-बारी से मंत्रियों ने मंत्री पद की शपथ ली। विजय कुमार चौधरी ने मंत्री पद की शपथ ली इसके बाद जेडीयू नेता बिजेंद्र प्रसाद यादव ने मंत्री पद की शपथ ली। फिर भाजपा नेता डॉ. प्रेम कुमार ने मंत्री पद की शपथ ली। वे गया से आठ बार के विधायक हैं। इसके बाद नालंदा से 7 बार जेडीयू विधायक रहे श्रवण कुमार ने मंत्री पद की शपथ ली। श्रवण को नीतीश का करीबी माना जाता है। हिंदुस्तान अवाम मोर्चा के नेता जीतन राम मांझाी के बेटे संतोष कुमार सुमन ने भी मंत्री पद की शपथ ली। इसके बाद संतोष कुमार सुमन ने मंत्री पद की शपथ ली। निर्दलीय विधायक सुमित सिंह ने मंत्री पद की शपथ ली। उनकी शपथ के साथ ही समारोह समाप्त हो गया।
नीतीश कुमार ने सीएम पद से दिया था इस्तीफा-
इससे पहले आज नीतीश कुमार ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद नीतीश कुमार ने 128 विधायकों का समर्थन पत्र राज्यपाल को सौंप दिया था। जिसमें भाजपा के 78, जेडीयू के 45, हम पार्टी के चार और एक निर्दलीय विधायक शामिल हैं। आज राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपने के बाद मीडिया से मुखातिब होने पर नीतीश कुमार ने कहा था कि वो अब इस गठबंधन का साथ और नहीं दे सकते। उन्होंने पार्टी के सभी सदस्यों की राय से ऐसा किया है। नीतीश ने कहा था कि गठबंधन में काम करना बहुत मुश्किल हो गया था इसलिए ये कदम उठाना पड़ा। उन्होंने कहा कि हम नए गठबंधन के साथ सरकार बनाएंगे।आपको बता दें कि नीतीश कुमार ने एनडीए के साथ नौवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है।
ये साथ अब और नहीं-
केंद्र सरकार के कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने के बाद सीएम नीतीश ने जैसे पीएम मोदी की प्रशंसा की और उसके बाद लालू की बेटी रोहिणी आचार्या के ट्वीट के बाद से हुए घटनाक्रम से उत्पन्न हुई दोनों पार्टियों के बीच की खटास ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया था। तभी से जो दोनों पार्टियों में सुगबुगाहट शुरू हुई थी उसका अंत आज नीतीश कुमार ने इस्तीफा देखर कर दिया। नीतीश ने साफ शब्दों में कह दिया ये साथ अब और नहीं।
बिहार BJP प्रभारी विनोद तावड़े क्या बोले-
भाजपा के बिहार प्रभारी विनोद तावड़े ने कहा कि जेडीयू, भाजपा और एनडीए के अलायंस मिलकर बिहार में नई सरकार बना रहे हैं। सम्राट चौधरी को भाजपा विधायक दल का नेता और विजय सिन्हा को उपनेता बनाया गया है। जानकारी के मुताबिक, जेडीयू-भाजपा से 3-3 विधायक मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। शपथ समारोह में और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी शामिल हो सकते हैं। नड्डा आज 3 बजे पटना पहुंच रहे हैं।
नीतीश कुमार तीसरी बार BJP के हुए-
पहली बार- आपको बता दें कि 1996 में नीतीश कुमार ने भाजपा से पहली बार गठबंधन किया था। 3 मार्च 2000 को सीएम बने, लेकिन बहुमत नहीं जुटा पाने के चलते उनको पद छोड़ना पड़ा और अटलजी की सरकार में केंद्र में रेल मंत्री बने। 1996 से 2013 तक नीतीश बीजेपी के साथ साथ रहे। इसके बाद जब नरेंद्र मोदी को भाजपा ने प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया तो वे एनडीए से अलग हो गए। 2015 में महागठबंधन की सरकार में सीएम रहे।
दूसरी बार- नीतीश 2017 में एनडीए में लौटे और भाजपा की मदद से सरकार बनाई।
तीसरी बार- 2024 में अब वे तीसरी बार भाजपा की मदद से मुख्यमंत्री बनेंगे। 28 साल में तीसरी बार वे भाजपा के साथ हैं।
नीतीश कुमार का CM वाला सफर-
नीतीश कुमार 9वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। आइए आपको बताते हैं कब-कब नीतीश कुमार बिहार के सीएम बने...
नीतीश का वो बयान जो हो रहा है वायरल-
जब से आरजेडी और जेडीयू के बीच दरार की खबरें सामने आई हैं तभी से सोशल मीडिया पर नीतीश कुमार का एक बयान खूब वायरल हो रहा है जिसमें नीतीश कुमार कर रहे हैं कि ''अब मर जाना कबूल है, लेकिन बीजेपी के साथ जाना कभी कबूल नहीं है।'' नीतीश कुमार ने ये बयान 30 जनवरी 2023 को पटना के गांधी घाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के बाद दिया था। आपको बता दें कि इस बयान को अभी एक साल भी पूरा नहीं हुआ है कि नीतीश कुमार ने अपने इस बयान को झुठलाते हुए एक बार फिर से पलटी मारते हुए एनडीए के साथ हो लिए हैं।
नीतीश का किससे कब हुआ मोहभंग-
1974 के छात्र आंदोलन के जरिये राजनीति में कदम रखने वाले नीतीश कुमार, 1985 में पहली बार विधायक बने। इसके बाद नीतीश कुमार ने पलटकर नहीं देखा और सियासत में आगे बढ़ते चले गए। लालू प्रसाद यादव 1990 में बिहार के मुख्यमंत्री बने, लेकिन 1994 में नीतीश कुमार ने उनके बढ़ते दबदबे के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। नीतीश और लालू एक साथ जनता दल में थे, लेकिन राजनीतिक महत्वकांक्षा में दोनों के रिश्ते एक दूसरे से अलग हो गए। साल 1994 में नीतीश ने जनता दल छोड़कर जार्ज फर्नांडीस के साथ मिलकर समता पार्टी का गठन किया।
इसके बाद साल 1995 में वामदलों के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़े, लेकिन नतीजे पक्ष में नहीं आए। नीतीश ने लेफ्ट से गठबंधन तोड़ लिया और 1996 में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए का हिस्सा बन गए। इसके बाद नीतीश कुमार बिहार में बीजेपी के साथ 2013 तक साथ मिलकर चुनाव लड़ते रहे और बिहार में सरकार बनाते रहे। आइए आपको दिखाते हैं कब किससे अलग हुए...
सीनियर प्रोड्यूसर
Published : 28 January, 2024, 11:51 am
Author Info : राष्ट्रीय पत्रकारिता या मेनस्ट्रीम मीडिया में 15 साल से अधिक वर्षों का अनुभव। साइंस से ग्रेजुएशन के बाद पत्रकारिता की ओर रुख किया। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया...